देहरादून: राजपुर थाना पुलिस ने बाबा अमरीक गैंग का सफाया कर दिया है. पुलिस ने गैंग के मुख्य सदस्य और इनामी आरोपी को मोहंड के पास से गिरफ्तार किया है. गैंग के मुख्य सरगना बाबा अमरीक समेत 7 सदस्यों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. अब अमरीक गैंग के सभी सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर लगाने की तैयारी चल रही है. बाबा अमरीक गैंग के आरोपियों पर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में भूमि धोखाधड़ी समेत अन्य अपराधों के डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.
इस तरह से देते थे धोखाधड़ी को अंजाम: बता दें कि बीती 21 मार्च 2024 को गोविंद पुंडीर ने राजपुर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि वो प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं. अगस्त 2023 में अमजद अली जो कि पहले जाखन में वेल्डिंग का कार्य करता था, अदनान नाम के एक व्यक्ति के साथ उनके बड़े भाई उपेंद्र थापली से मिला. उसने बताया कि बुढ़ा दल समिति नांदेड, (महाराष्ट्र) के एक बहुत बड़े बाबा अमरीक सिंह स्कूल और आश्रम बनाने के लिए जमीन देख रहे हैं, लेकिन खरीदने से पहले जमीन की मिट्टी को अमरीक बाबा को उपलब्ध करानी होगी.
🚨एसएसपी देहरादून अजय सिंह IPS की सटीक रणनीति से दून पुलिस ने किया अमरीक गैंग का सफाया
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) September 30, 2024
🔷बाबा अमरीक गैंग का मुख्य सदस्य 10 हजार रु० का ईनामी अभियुक्त संजीव कुमार गिरफ़्तार🔗
🔶अभियुक्त की गिरफ्तारी व संपत्ति की कुर्की के लिए 03 दिनों से दून पुलिस ने हरियाणा में डाला था डेरा pic.twitter.com/18fwVe9Uxk
उनका कहना था कि बाबा खरीद की जाने वाली जमीन की मिट्टी चेक करते हैं और उसके बाद ही जमीन खरीदते हैं. पीड़ित ने अमजद अली के कहे अनुसार तीन जमीनों के मिट्टी उन्हें उपलब्ध कराई. अगस्त 2023 के दूसरे हफ्ते में अमजद अली, अदनान के साथ दोबारा पीड़ित के पास आया और कहा कि जो मिट्टी उनकी ओर से दी गई थी, वो पास नहीं हुई है.
इसके बाद 18 सितंबर 2023 को अमजद अली, राम अग्रवाल, सचिन गर्ग उर्फ छोटा काणा, मुकेश गर्ग उर्फ बड़ा काणा, सुमित बंसल, अर्जुन शेखावत, रणवीर, अदनान आदि सभी लोग पीड़ित के पास पुरकुल गांव (देहरादून) आए. उन्होंने कहा कि कुछ किसान हरियाणा के करनाल में अपनी जमीन बेच रहे हैं, जिसकी मिट्टी अमरीक बाबा ने पास कर दी है. वो भी जमीन का बयाना कर लें. ताकि, वो उसे आगे बाबा को बेच सकें.
जमीन की खरीद फरोख्त में मोटा मुनाफा होने का दिया लालच: वहीं, सभी लोगों के उससे कहा कि बाबा की संस्था में काम करने के कारण वो जमीन की सीधी खरीद फरोख्त नहीं कर सकते हैं. उनकी ओर से पीड़ित को अपने साथ साझेदार बनने और जमीन की खरीद फरोख्त में मोटा मुनाफा होने का लालच दिया गया. जिस पर पीड़ित ने लोगों पर विश्वास कर अलग-अलग समय पर उन्हें करीब 15 करोड़ रुपए दे दिए.
जब पीड़ित भूमि की रजिस्ट्री कराने करनाल (हरियाणा) पहुंचा तो भूमि के मालिक किरनपाल और उनके सहयोग सुखराम पाल ने उन्हें अपने भाई की तबीयत खराब होने एवं उसके आईसीयू में भर्ती होने की बात बताई. उसके बाद पीड़ित की मुलाकात बाबा अमरीक सिंह से उसके सहयोगियों के जरिए कराई गई. उनकी ओर से बताया गया कि जब तक तीनों भाई साथ नहीं आएंगे, तब तक रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी.
कुछ समय बाद जब पीड़ित दूसरी बार रजिस्ट्री कराने के लिए हरियाणा जाने के लिए तैयार हुआ तो किरणपाल ने उसे फोन करके बताया कि बाबा को पैसे के साथ इनकम टैक्स और पुलिस ने पकड़ लिया है. इसके बदले में 6 करोड़ रुपए मांग रहे हैं. जिसमें 3 करोड़ रुपए खुद देने और तीन करोड़ की व्यवस्था पीड़ित से करने को कहा गया. पैसों का इंतजाम न होने पर मामला इनकम टैक्स में जाने और पहले दिया गया पूरा पैसा जब्त होने का डर दिखाया गया.
उनकी बातों पर विश्वास कर पीड़ित ने समय-समय पर उन्हें तीन करोड़ रुपए दे दिए, लेकिन फिर भी आरोपियों ने पीड़ित को समय-समय पर रजिस्ट्री कराते समय बहाना बनाकर झांसा दिया. जब पीड़ित ने आरोपियों के संबंध में और ज्यादा जानकारी जुटाई तो पता चला कि आरोपी गिरोह बनाकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड आदि राज्यों में इसी प्रकार से कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
पहले गिरफ्तार हो चुके बाबा अमरीक समेत ये आरोपी: वहीं, मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस टीम ने 14 जुलाई 2024 को गिरोह के सदस्य मोहम्मद अदनान को सहारनपुर, 19 जुलाई 2024 को अमजद अली, शरद गर्ग, साहिल को हरियाणा से साथ ही आरोपी रणवीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा. उसके बाद गिरोह का सरगना बाबा अमरीक को 20 सितंबर 2024 को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया.
उधर, पुलिस ने अन्य आरोपी संजीव कुमार और संजय गुप्ता की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से गैर जमानती वारंट हासिल किया, लेकिन आरोपियों के लगातार फरार रहने पर पुलिस को 82 सीआरपीसी की कार्यवाही के लिए न्यायालय से आदेश हासिल करना पड़ा. इसके बाद 28 जुलाई को उनके यमुनानगर (हरियाणा) स्थित घर पर नोटिस चस्पा किया गया, लेकिन दोनों आरोपी लगातार फरार चल रहे थे. जिन पर एसएसपी ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया.
आखिरी सदस्य आज हुआ गिरफ्तार: वहीं, पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी. इसी कड़ी में पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना पर 23 सितंबर को कचहरी परिसर देहरादून से आरोपी संजय गुप्ता को गिरफ्तार किया. जबकि, गैंग के आखिरी और मुख्य सदस्य संजीव कुमार की संपत्ति की कुर्की और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम 3 दिन पहले उसके आवास हरियाणा पहुंची थी. कुर्की की भनक लगने और गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी संजीव कुमार अपने घर से फरार हो गया. जिसे पुलिस टीम ने आज मोहंड के पास से गिरफ्तार किया.
आरोपी संजीव कुमार अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर लोगों को जमीन दिलाने के एवज में धोखाधड़ी करता था. आरोपी लोगों को सस्ते दामों में जमीन बेचने का लालच देकर अपने पास बुलाते थे. लोगों का विश्वास जीतने के लिए बाबा अमरीक की मदद से जमीन की मिट्टी को उठाकर उसे सूंघते थे, फिर लोगों को जमीन उनके लिए उपयुक्त होने का विश्वास दिलाया जाता था.
इसके बाद जमीन के एवज में उसने मोटी धनराशि लेते थे, फिर तरह-तरह के बहाने बनाकर जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए बार-बार समय लिया जाता था. मौका देखकर सभी आरोपी वहां से फरार हो जाते थे और नए ग्राहक की तलाश में जुट जाते थे. आरोपी ने अब तक अलग-अलग राज्यों में कई लोगों से अरबों रुपए की धोखाधड़ी की है. जिसके संबंध में उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में धोखाधड़ी के डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुकदमे पंजीकृत हैं. - पीडी भट्ट, राजपुर थाना प्रभारी
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