लखनऊ : यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार की तस्वीर लगाकर कुछ जालसाजों ने कई पुलिस अधिकारियों और अन्य लोगों से निजी जानकारी लेने का प्रयास किया. यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इस तरह के किसी भी वाट्सएप मैसेज से सतर्क रहने की अपील की है. यह पहला मामला नहीं है. पहले भी डीजीपी के नंबर, तस्वीर, सोशल मीडिया का जालसाज इस्तेमाल कर चुके हैं.
पुलिस ने की सचेत रहने की अपील : मंगलवार को यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से अपील की कि यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार की वर्दी वाली तस्वीर को कुछ जालसाज अपने वाट्सएप की डीपी में लगाकर कुछ मोबाइल नंबरों पर मैसेज आदि के जरिए कुछ अनुचित जानकारी मांगी जा रही है. इस प्रकार के कुत्सित प्रयास की सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें या सोशल मीडिया @uppolice पर जानकारी दें.
मैसेज कर मांगी विभागीय जानकारी : सूत्रों के मुताबिक जालसाजों ने डीजीपी प्रशांत कुमार की फोटो को अपने वाट्सएप पर डीपी लगाकर अधिकारियों को मैसेज कर विभागीय जानकारी निकालने को कोशिश की. अधिकारियों ने मामले की जांच की तो नंबर फेक पाया गया. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने लोगों से यह अपील की है. इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.
पिछले साल भी डीजीपी के नंबर से गया था फोन : फरवरी 2023 को यूपी के तत्कालीन डीजीपी डीएस चौहान के नंबर से कानपुर के दो थाने बाबू पुरवा और सजेती थाने के इंस्पेक्टर को कॉल गई थी. कॉल कर थानेदारों से अनैतिक कार्य करने के लिए कहा गया. पहले तो थानेदारों ने कॉल करने वाले को डीजीपी ही समझा लेकिन बाद में सच सामने आने में देर नहीं लगी. इसके अलावा लखनऊ के विभूतिखंड थाने के इंस्पेक्टर को भी दो वर्ष पूर्व डीजीपी के नंबर से जालसाजों ने कॉल कर अर्दब में लेने का प्रयास किया था. लखनऊ के हजरतगंज थाने के सीयूजी नंबर भी हैक किए गए थे.
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