वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के IIT में (IIT-BHU) में बुधवार देर शाम एक छात्र उत्कर्ष राज ने आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी तब हो पाई, जब उसका साथी कमरे में पहुंचा. बीएचयू में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. अधिकतर मामलों में छात्र डिप्रेशन के शिकार बताए जा रहे हैं. अब तक कुल ऐसे 3 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं कुछ मामलों में तो छात्र आत्महत्या करने में नाकाम रहे हैं.
उत्कर्ष वाराणसी के सुसुवाही का रहने वाला था. आर्किटेक्चर प्लानिंग टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में बी-आर्क के पांचवें सेमेस्टर का छात्र था. बताया जा रहा है कि उसने इंटीग्रेटेड डुअल डिग्री कोर्स में एडमिशन लिया था. वहीं उसके पिता भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में UWD में सेक्शन ऑफिसर हैं. बहन भी आईआईटी रुड़की से पढ़ाई कर रही है. उत्कर्ष लिंबडी हॉस्टल के कमरा नंबर 187 में रहता था. बीती शाम को वह मां से हॉस्टल जाने की बोलकर निकला था. मगर जब उसका रूममेट पहुंचा तो कमरे में उसकी लाश मिली.
डिप्रेशन बनी आत्महत्या की वजह : बताया जा रहा है कि उत्कर्ष ने आत्महत्या के करीब 18 घंटे पहले इंस्टाग्राम पर स्टेटस लगाया था. इसमें उसने लिखा था, पूरी दुनिया एग्जाम के लिए पढ़ाई करती है. आर्किटेक्चर वाले उस टाइम चिल करते हैं. कहा जा रहा है वह डिप्रेशन में चल रहा था और संस्थान को भी इसके बारे में जानकारी थी. उसे रेगुलर काउंसिलिंग भी दी जाती थी. उसके साथियों का भी कहना है कि वह अक्सर उदास रहता था. उसके परिजन और शिक्षक उसकी इस हालत के बारे में चर्चा करते थे और सही सलाह देने की कोशिश करते थे.
पहले भी सामने आ चुके हैं कई मामले : बीएचयू में आत्महत्या की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. 14 अगस्त 2023 को IIT-BHU में अप्रेंटिस करने वाले छात्र सोनू कुमार ने चितईपुर के नसीरपुर इलाके में किराए के मकान में जान दी थी. वहीं 25 जून 2023 को एसएन बोस हॉस्टल में रहने वाले शोध छात्र कुलदीप ने भी आत्महत्या कर ली थी. इसी तारीख यानी 25 जून 2022 में आईआईटी बीएचयू के विश्वेश्वरैया हॉस्टल में रहने वाले एमटेक के छात्र भगवान सिंह ने हॉस्टल में मौत की राह चुन ली थी. बीते महीने में एक छात्रा ने आत्महत्या की कोशिश की थी.
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