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क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला: एफडी के नाम पर लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बनाया शिकार - Credit Cooperative Society scam

जयपुर में क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा एफडी के नाम पर लोगों को झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. कई पीड़ितों ने अलग-अलग थानों में मामले दर्ज करवाए हैं. पुलिस छानबीन में जुट गई है.

क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला
क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला (ETV Bharat FIle Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 29, 2024, 8:22 PM IST

जयपुर : राजधानी में क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी का एक बड़ा घोटाला सामने आया है. एफडी के नाम पर लोगों को झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी की गई है. ठगों ने ज्यादातर आंगनबाड़ी और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. ठग लोगों से करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी करके ऑफिस बंद कर भाग गए. ठगी का पता चलने के बाद लोगों ने अपने-अपने इलाकों के थानों में मुकदमे भी दर्ज करवाए हैं, जिनकी जांच पड़ताल पुलिस कर रही है.

एक पीड़ित ने जयपुर के जयसिंहपुरा खोर थाने में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. मामले की जांच पड़ताल कर रहे सब इंस्पेक्टर सतीश कुमार के मुताबिक पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने पॉलिसी मैच्योर होने के बाद भी उनके द्वारा निवेश किए गए रुपए वापस नहीं दिए. पीड़ित ने कुछ दस्तावेज दिखाए हैं, लेकिन कई दस्तावेज कंपनी के पास हैं. पुलिस की ओर से मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. दस्तावेज जुटाकर ठगी की गई राशि का पता चल पाएगा. क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ अन्य कई थानों में भी ठगी के मामले दर्ज हुए है.

इसे भी पढ़ें- शेयर मार्केट के नाम पर 3.20 लाख रुपए की धोखाधड़ी, दो आरोपी गिरफ्तार - Accused of cheating arrested

कमिश्नर ने की अपील : इस पूरे मामले को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि लोगों को सावधान रहना चाहिए. किसी भी तरह से अच्छे ब्याज या मोटे मुनाफे के लालच में नहीं आएं. उन्होंने कहा कि लोगों की ओर से दर्ज करवाई गई रिपोर्ट पर पुलिस की ओर से जांच पड़ताल की जा रही है. जांच पड़ताल करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर के जमवारामगढ़ निवासी पीड़ित रामलाल के मुताबिक कंपनी में करीब 66,000 जमा करवाए थे. इसी तरह कई लोगों ने अपनी जमा पूंजी कंपनी में निवेश की थी, लेकिन कंपनी रुपए लेकर भाग गई. कई लोगों की तो पुलिस थानों में रिपोर्ट ही दर्ज नहीं हुई है. गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने वर्ष 2014 में जयपुर में ऑफिस खोला था. ठगी करने वाली कंपनी का मास्टरमाइंड ब्रह्मपाल है, जिसने कंपनी को सरकार से रजिस्टर्ड बताता और 6 साल में पैसा डबल करने का झांसा दिया. लोगों को लालच देकर एजेंट का नेटवर्क तैयार किया गया. एजेंटों के माध्यम से मल्टी लेवल मार्केटिंग की तर्ज पर लोगों को निवेश का झांसा दिया गया. लोगों को भरोसा दिलवाने के लिए कंपनी की तरफ से बॉन्ड भी दिया जाता था. एफडी मैच्योर होने का समय आते ही कंपनी भाग गई. पीड़ित अपने रुपयों के लिए थानों में चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- गांव में ठगी करते पाए जाने पर 1 लाख का जुर्माना, पंचों ने लिया फैसला, बताने वाले को 51 हजार इनाम - Campaign against cyber fraud

लालच देकर करवाया इन्वेस्ट : जयपुर के जमवारामगढ़ निवासी पीड़ित महिला प्रेम शर्मा के अनुसार लोगों को मोटा लालच देकर रुपए निवेश करवाए. उन्होंने एजेंट के कहने पर करीब 5 लाख रुपए कंपनी में निवेश कर दिए. कंपनी की तरफ से एक बॉन्ड दिया गया था और कहा गया था कि बॉन्ड दिखाकर पैसा निकलवा सकते हैं. उन्होंने कई रिश्तेदारों के रुपए भी इन्वेस्ट करवा दिए. कंपनी के एजेंट ने एक-एक करके रिश्तेदारों और आस-पड़ोस के लोगों के करीब 95 लाख रुपए निवेश करवा दिए, लेकिन रुपए लौटाने का समय आते ही कंपनी बंद हो गई और मास्टरमाइंड ब्रह्मपाल फरार हो गया. कंपनी के अन्य पदाधिकारी भी भाग गए. ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, किसान, मजदूर और अन्य लोगों को लालच देकर कंपनी में मोटा पैसा इन्वेस्ट करवाया गया. लोगों को बताया जाता था कि राजस्थान के अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कंपनी का बड़ा कारोबार चल रहा है. लोगों को मोटरसाइकिल और लग्जरी कार इनाम में देने का भी झांसा दिया जाता था.

कुछ साल पहले जयपुर के सामोद थाने में पीड़ित कैलाश ने भी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस की ओर से मामले में एफआर लगाकर कोर्ट में भेज दिया गया था. इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में गुहार लगाई तो कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच करने के आदेश दिए. इसके बाद कंपनी की ओर से किए गए इस ठगी के खेल का खुलासा हुआ. वर्ष 2023 में जयपुर के मुरलीपुरा थाने में पीड़ित ललित सिंह ने भी मामला दर्ज करवाया था. वहीं, वर्ष 2024 में पीड़ित रामकरण जोशी ने जयपुर के जयसिंहपुरा खोर थाने में ठगी का मामला दर्ज करवाया है. फिलहाल पुलिस की ओर से मुकदमों की जांच पड़ताल की जा रही है.

जयपुर : राजधानी में क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी का एक बड़ा घोटाला सामने आया है. एफडी के नाम पर लोगों को झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी की गई है. ठगों ने ज्यादातर आंगनबाड़ी और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. ठग लोगों से करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी करके ऑफिस बंद कर भाग गए. ठगी का पता चलने के बाद लोगों ने अपने-अपने इलाकों के थानों में मुकदमे भी दर्ज करवाए हैं, जिनकी जांच पड़ताल पुलिस कर रही है.

एक पीड़ित ने जयपुर के जयसिंहपुरा खोर थाने में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. मामले की जांच पड़ताल कर रहे सब इंस्पेक्टर सतीश कुमार के मुताबिक पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने पॉलिसी मैच्योर होने के बाद भी उनके द्वारा निवेश किए गए रुपए वापस नहीं दिए. पीड़ित ने कुछ दस्तावेज दिखाए हैं, लेकिन कई दस्तावेज कंपनी के पास हैं. पुलिस की ओर से मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. दस्तावेज जुटाकर ठगी की गई राशि का पता चल पाएगा. क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ अन्य कई थानों में भी ठगी के मामले दर्ज हुए है.

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कमिश्नर ने की अपील : इस पूरे मामले को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि लोगों को सावधान रहना चाहिए. किसी भी तरह से अच्छे ब्याज या मोटे मुनाफे के लालच में नहीं आएं. उन्होंने कहा कि लोगों की ओर से दर्ज करवाई गई रिपोर्ट पर पुलिस की ओर से जांच पड़ताल की जा रही है. जांच पड़ताल करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर के जमवारामगढ़ निवासी पीड़ित रामलाल के मुताबिक कंपनी में करीब 66,000 जमा करवाए थे. इसी तरह कई लोगों ने अपनी जमा पूंजी कंपनी में निवेश की थी, लेकिन कंपनी रुपए लेकर भाग गई. कई लोगों की तो पुलिस थानों में रिपोर्ट ही दर्ज नहीं हुई है. गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने वर्ष 2014 में जयपुर में ऑफिस खोला था. ठगी करने वाली कंपनी का मास्टरमाइंड ब्रह्मपाल है, जिसने कंपनी को सरकार से रजिस्टर्ड बताता और 6 साल में पैसा डबल करने का झांसा दिया. लोगों को लालच देकर एजेंट का नेटवर्क तैयार किया गया. एजेंटों के माध्यम से मल्टी लेवल मार्केटिंग की तर्ज पर लोगों को निवेश का झांसा दिया गया. लोगों को भरोसा दिलवाने के लिए कंपनी की तरफ से बॉन्ड भी दिया जाता था. एफडी मैच्योर होने का समय आते ही कंपनी भाग गई. पीड़ित अपने रुपयों के लिए थानों में चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं.

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लालच देकर करवाया इन्वेस्ट : जयपुर के जमवारामगढ़ निवासी पीड़ित महिला प्रेम शर्मा के अनुसार लोगों को मोटा लालच देकर रुपए निवेश करवाए. उन्होंने एजेंट के कहने पर करीब 5 लाख रुपए कंपनी में निवेश कर दिए. कंपनी की तरफ से एक बॉन्ड दिया गया था और कहा गया था कि बॉन्ड दिखाकर पैसा निकलवा सकते हैं. उन्होंने कई रिश्तेदारों के रुपए भी इन्वेस्ट करवा दिए. कंपनी के एजेंट ने एक-एक करके रिश्तेदारों और आस-पड़ोस के लोगों के करीब 95 लाख रुपए निवेश करवा दिए, लेकिन रुपए लौटाने का समय आते ही कंपनी बंद हो गई और मास्टरमाइंड ब्रह्मपाल फरार हो गया. कंपनी के अन्य पदाधिकारी भी भाग गए. ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, किसान, मजदूर और अन्य लोगों को लालच देकर कंपनी में मोटा पैसा इन्वेस्ट करवाया गया. लोगों को बताया जाता था कि राजस्थान के अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कंपनी का बड़ा कारोबार चल रहा है. लोगों को मोटरसाइकिल और लग्जरी कार इनाम में देने का भी झांसा दिया जाता था.

कुछ साल पहले जयपुर के सामोद थाने में पीड़ित कैलाश ने भी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस की ओर से मामले में एफआर लगाकर कोर्ट में भेज दिया गया था. इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में गुहार लगाई तो कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच करने के आदेश दिए. इसके बाद कंपनी की ओर से किए गए इस ठगी के खेल का खुलासा हुआ. वर्ष 2023 में जयपुर के मुरलीपुरा थाने में पीड़ित ललित सिंह ने भी मामला दर्ज करवाया था. वहीं, वर्ष 2024 में पीड़ित रामकरण जोशी ने जयपुर के जयसिंहपुरा खोर थाने में ठगी का मामला दर्ज करवाया है. फिलहाल पुलिस की ओर से मुकदमों की जांच पड़ताल की जा रही है.

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