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गया सेंट्रल जेल में खुला पालना घर, महिला पुलिसकर्मियों को मिलेगी राहत

Cradle House Inauguration In Gaya: गया सेंट्रल जेल में पालना घर का उद्घाटन किया गया. इस पालना घर में महिला पुलिस कर्मियों के 5 साल तक के बच्चे को रखा जाएगा, जिससे उन्हें राहत मिलेगी.

गया सेंट्रल जेल में पालना घर का उद्घाटन
गया सेंट्रल जेल में पालना घर का उद्घाटन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 16, 2024, 2:04 PM IST

गया: बिहार के गया सेंट्रल जेल में पालना घर का उद्घाटन किया गया. जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने पालना घर का उद्घाटन किया. यह पालना घर, नौकरी में रहने वाली वैसी महिलाओं के लिए एक बड़ा उपहार है, जो अपने बच्चों को लेकर खासे परेशान रहती हैं. पालना घर बनने से 5 वर्ष तक के बच्चों का पालन-पोषण अच्छी तरह से हो सकेगा.

सेंट्रल जेल में पालना घर का उद्घाटन: पालना घर खुलने से नौकरी में रहने वाली महिलाओं की मुश्किलें कम होगी. सेंट्रल जेल में तैनात वैसी महिला पुलिसकर्मियों को राहत होगी, जिनके 5 साल से छोटे उम्र के बच्चे हैं. नौकरी में रहते महिलाएं अपने बच्चों की देखभाल को लेकर काफी परेशान रहती हैं, लेकिन अब पालना घर में बच्चों का निर्वाहन ठीक तरीके से हो सकेगा.

सरकार के आदेश पर बना पालना घर: बताया जाता है कि जिस सरकारी संस्थान में 25 महिलाएं काम करती हैं, उनके 5 साल तक के बच्चे के लिए पालना घर बनाए जाने की सरकार की योजना है. इसी को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा पालना घर बनाया जा रहा है.

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पालना घर में ये सुविधाएं: गया सेंट्रल जेल में बनाए गए पालना घर में तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. यहां बच्चे न सिर्फ खेल सकेंगे बल्कि नर्सरी, एलकेजी क्लास की पढ़ाई होगी, खिलौने की भी व्यवस्था की गई है. बच्चों के लिए कई तस्वीरें भी लगाई गई है, जिसे देखकर बच्चे आकर्षित होंगे और खेल-कुद कर पढ़ाई कर सकेंगे.

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पहले दिन आए छह बच्चे: पहले दिन पालना घर में छह नन्हे मुन्ने बच्चे रखे गए हैं. उनके देखभाल के लिए दो महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इस संबंध में गया सेंट्रल जेल के अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि सरकार के आदेश के आलोक में शुक्रवार से गया केंद्रीय कारा के सरकारी क्वार्टर में पालना घर की शुरुआत हुई है. यहां पदस्थापित महिला पुलिसकर्मी को ही पालना घर का कर्ताधर्ता नियुक्त किया गया है.

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"सरकार के निर्देश के अनुसार पालना घर खोले गए हैं. पहले दिन छह बच्चे इसमें आए हैं. यहां पदस्थापित महिला पुलिसकर्मी को ही पालना घर का कर्ताधर्ता बनाया गया है. 5 साल तक के बच्चे पालना घर में रखे जाएंगे. इससे सरकारी नौकरी में रहने वाली महिलाओं को अपने 5 साल तक के बच्चे को लेकर चिंतित होने की ज्यादा जरूरत नहीं रहेगी."- विजय कुमार अरोड़ा, जेल अधीक्षक, गया सेंट्रल जेल

पढ़ें: बच्चों के साथ ड्यूटी करने वाली महिला पुलिसकर्मियों के लिए बनाए गए पालना घर, बेफिक्र होकर करेंगी काम

गया: बिहार के गया सेंट्रल जेल में पालना घर का उद्घाटन किया गया. जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने पालना घर का उद्घाटन किया. यह पालना घर, नौकरी में रहने वाली वैसी महिलाओं के लिए एक बड़ा उपहार है, जो अपने बच्चों को लेकर खासे परेशान रहती हैं. पालना घर बनने से 5 वर्ष तक के बच्चों का पालन-पोषण अच्छी तरह से हो सकेगा.

सेंट्रल जेल में पालना घर का उद्घाटन: पालना घर खुलने से नौकरी में रहने वाली महिलाओं की मुश्किलें कम होगी. सेंट्रल जेल में तैनात वैसी महिला पुलिसकर्मियों को राहत होगी, जिनके 5 साल से छोटे उम्र के बच्चे हैं. नौकरी में रहते महिलाएं अपने बच्चों की देखभाल को लेकर काफी परेशान रहती हैं, लेकिन अब पालना घर में बच्चों का निर्वाहन ठीक तरीके से हो सकेगा.

सरकार के आदेश पर बना पालना घर: बताया जाता है कि जिस सरकारी संस्थान में 25 महिलाएं काम करती हैं, उनके 5 साल तक के बच्चे के लिए पालना घर बनाए जाने की सरकार की योजना है. इसी को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा पालना घर बनाया जा रहा है.

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पालना घर में ये सुविधाएं: गया सेंट्रल जेल में बनाए गए पालना घर में तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. यहां बच्चे न सिर्फ खेल सकेंगे बल्कि नर्सरी, एलकेजी क्लास की पढ़ाई होगी, खिलौने की भी व्यवस्था की गई है. बच्चों के लिए कई तस्वीरें भी लगाई गई है, जिसे देखकर बच्चे आकर्षित होंगे और खेल-कुद कर पढ़ाई कर सकेंगे.

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पहले दिन आए छह बच्चे: पहले दिन पालना घर में छह नन्हे मुन्ने बच्चे रखे गए हैं. उनके देखभाल के लिए दो महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इस संबंध में गया सेंट्रल जेल के अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि सरकार के आदेश के आलोक में शुक्रवार से गया केंद्रीय कारा के सरकारी क्वार्टर में पालना घर की शुरुआत हुई है. यहां पदस्थापित महिला पुलिसकर्मी को ही पालना घर का कर्ताधर्ता नियुक्त किया गया है.

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"सरकार के निर्देश के अनुसार पालना घर खोले गए हैं. पहले दिन छह बच्चे इसमें आए हैं. यहां पदस्थापित महिला पुलिसकर्मी को ही पालना घर का कर्ताधर्ता बनाया गया है. 5 साल तक के बच्चे पालना घर में रखे जाएंगे. इससे सरकारी नौकरी में रहने वाली महिलाओं को अपने 5 साल तक के बच्चे को लेकर चिंतित होने की ज्यादा जरूरत नहीं रहेगी."- विजय कुमार अरोड़ा, जेल अधीक्षक, गया सेंट्रल जेल

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