बिलासपुर: कीरतपुर-नेरचैक फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर जिले में बने मंडी-भराड़ी पुल की गुणवत्ता को लेकर निर्माणाधीन कंपनी पर कई सवाल खड़े हो गए हैं. कीरतपुर-नेरचैक फोरलेन पर बने मंडी भराड़ी पुल के कुछ हिस्सों पर दरारें आई हैं, जिसके चलते निर्माता कंपनी की ओर से पुल के एक हिस्से पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी है. पुल पर एकतरफ से वाहनों को दोनों ओर भेजा जा रहा है. निर्माता कंपनी पुल की रिपेयरिंग को लेकर दिन रात काम में लगी हुई है.
वहीं, सवाल अब यह पैदा हो रहा है कि इस पुल को अभी शुरू हुए एक साल से अधिक समय हुआ है और एक साल के भीतर ही पुल रिपेयरिंग वर्क मांग रहा है. इससे अनुमान लगाया जा रहा है क निर्माता कंपनी की ओर से पुल निर्माण में कहीं न कहीं लापरवाही बरती बरती गई होगी. हालांकि अभी तक निर्माता कंपनी की इस विषय पर अपना कोई भी पक्ष नहीं रखा जा रहा है, लेकिन इस पुल को सही सुचारू रूप से फिर से चलाने के लिए दिन रात कार्य किया जा रहा है, ताकि इस पुल को जल्द से जल्द सही किया जा सके.
कीरतपुर नेरचैक फोरलेन में पांच टनल बनाई गई हैं. इनमें सबसे बड़ी टनल 1,800 मीटर गरामोड़ा, टीहरा टनल 1,265 मीटर, भवाणा टनल 740 मीटर, तुन्हू टनल 550 मीटर और सबसे छोटी टनल बागछाल 465 मीटर है. सभी टनल डबल लेन तैयार हो गई हैं. परियोजना में कुल 37 पुल बने हैं. इनमें 22 बड़े और 15 छोटे पुल हैं, लेकिन एक साल के भीतर ही मंडी-भराड़ी पुल का रिपेयरिंग वर्क होना यह निर्माता कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है.
आपको बता दें कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के पंडोह क्षेत्र में पिछली बरसात के चलते फोरलेन का कुछ हिस्सा पूरी तरह से दब गया था, जिसके चलते काफी समय तक उक्त स्थानों पर वाहनों की आवाजाही काफी समय तक बंद रही थी. इसी संदर्भ में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर ने भी निर्माणधीन कंपनी पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. रामलाल ठाकुर ने कहा कि अभी तक इस पुल को बने हुए मात्र एक साल हुआ है और एक साल के भीतर ही इस तरह की घटना होना, बहुत शर्मनाक बात है. इस बात से साफ जाहिर हो रहा है कि कंपनी ने क्वालिटी वर्क पर काम नहीं किया है.