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CPIML का घोषणा पत्र जारी, EVM की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग - CPIML Released Manifesto - CPIML RELEASED MANIFESTO

सीपीआई (ML) ने चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है. माले ने फिर से ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग चुनाव अपने घोषणा पत्र में की है. वहीं गरीबों के लिए ठोस नीति बनाने की भी मांग की है.

CPIML का घोषणा पत्र जारी
CPIML का घोषणा पत्र जारी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 8, 2024, 8:52 PM IST

Updated : Apr 8, 2024, 9:19 PM IST

CPIML का घोषणा पत्र जारी

पटना : आज भाकपा माले ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया. CPIML के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने घोषणा पत्र जारी किया. इस अवसर पर पोलित ब्यूरो सदस्य रामजी राय, राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, गंजू, प्रकाश, शशि यादव, महबूब आलम व गोपाल रविदास मौजूद थे.

सीपीआई एमएल के घोषणा-पत्र में क्या है? : CPIML का घोषणापत्र जारी करते हुए दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी घटक दल अपना अपना घोषणापत्र जारी कर रहे हैं. अलग-अलग घोषणा पत्र जारी होने से कोई परेशानी नहीं है. सब का मूल उद्देश्य है कि देश में लोकशाही एवं संविधान खातरे में है, इसको किस तरीके से बचाना है. देश और लोकतंत्र को बचाना इंडिया गठबंधन का मुख्य उद्देश्य है.
बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग : दीपांकर भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग से फिर से EVM के बदले बैलेट पेपर से चुनाव करने की मांग की. इसके अलावे मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के नियुक्त की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की बात कही.

रीबों के लिए नीति बने : दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश में गरीबों की हालत सही नहीं है. इसलिए गरीबों के लिए एक ठोस नीति बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी की दर 35000 रु. प्रति माह, मजदूर विरोधी चार श्रम कोड रद्द किया जाए, पुरानी पेंशन योजना की पुनर्बहाली, असंगठित व अनियमित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा लाभ, महंगाई भत्ता के साथ 10000 रु. न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी.

घोषणा-पत्र के प्रमुख बिंदु :-

1. चुनावों का लोकतांत्रीकरण, बैलेट से चुनाव की मांग. सर्वोच्च न्यायालय की अनुशंसा के अनुसार मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री व नेता प्रतिपक्ष की सेलेक्शन कमिटी मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों की पारदर्शी नियुक्ति करे, आाजनीतिक दलों के चुनाव खर्च सीमा निर्धारित हो, जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार हो, दलबदल पर सदस्यता स्वतः समाप्त कर दी जाए.
2. सभी नागरिकों को रोजगार, पोषण, स्वास्थ्य व रहने का मौलिक अधिकार, भेदभावकारी सीएए-एनआरसी-एनपीआार रदद किया जाए. समान नागरिक संहिता को पूरी तरह बंद किया जाए. आधार को खारिज किया जाए, जनकल्याण की सदा योजनाओं को सार्वभीनिक बनाया जाए, जाति व धर्म, सेक्सुअल ओरिएन्टेशन, जेंडर आइडेंटिटी, विकलांगता की आधार पर भेदभाव को खत्म किया जाए.
3. सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में आरक्षित रिक्तियों समेत सभी पदों पर तत्काल नियुक्ति, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता, निजी क्षेत्र में शिक्षा व रोजगार का वादा, अग्निपथ योजना का खात्मा.
4. राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी की दर 35000 रु. प्रति माह, मजदूर विरोधी चार श्रम कोड रद्द किया जाए, पुरानी पेंशन योजना की पुनर्बहाली, असंगठित व अनियमित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा लाभ, महंगाई भत्ता के साथ 10000 रु. न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी.
5. ठेका मजदूरों का नियमितीकरण, कार्यस्थल पर महिलाओं से भेदभाव की नीतियों का खात्मा.
6. एमएसपी की गारंटी, सभी कर्जा की माफी, कृषि कार्य हेतु सस्ती दरों पर खाद व बीज की उपलब्धता.
7. भूमिहीनों को सीलिंग, भूदान, धार्मिक मठों एवं परती भूमि का वितरण सभी को आवासीय भूमि की गारंटी.
8. मनरेगा में 200 दिन काम व न्यूनतम 600 रु. मजदूरी.
9. शहरी रोजगार गारंटी योजना, नागरिक सुविधाओं की गारंटी.
10. राष्ट्रीय स्तर पर जाति गणना व आरक्षण का विस्तार.
11. सच्चर कमिटी और रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों को लागू करना.
12. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का खात्मा, शिक्षा पर बजट का 10 प्रतिशत खर्चा, मातृभाषा में निःशुल्क शिक्षा, निजी संस्थानों में आरक्षण, जेंडर सेन्सिटाइजेशन, मिड डे मील का बजट बढ़ाना, शिक्षण संस्थानों में जातीय भेदभाव का खात्मा.
13. मजबूत जनस्वास्थ्य व्यवस्था .
14. पर्यावरण सुरक्षा व क्लाइमेट जस्टिस.
15. जनपक्षीय आर्थिक नीतियों पर जोर.
16.जीएसटी की वापसी, कॉरपोरेटों से एनपीए की वसूली, कॉरपोरेटों पर टैक्स दरों में वृद्धि.
17. जंगलों, तटीय इलाको एवं परंपरागत फिशिंग जोनों का निजीकरण व व्यवस्यीकरण पर रोक.
18. आरटीआई कानून को सुद्ध करना, मानवाधिकारों के उल्लंघन परर रोक, यूएपीए और एएफएसपीए और नए तीनों क्रिमिनल कोड समेत सभी दमनकारी कानूनों की वापसी, सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई जातीय एवं सांप्रदायिक जनसंहारों और हिरासत में हत्या के लिए एक विशेष ट्राइब्यूनल का गठन. अमीर दास आयोग को पुनर्जीवित करना, विहार में रणवीर सेना के राजनीतिज्ञों के साथ संबंधों की गहन जांच.
19. देश के संघीय ढांचे को मजबूत बनाना, राज्यपाल के पद की समाप्ति, क्षेत्रीय असामनता दूर करने के लिए पिछड़े राज्यों को विशेष सहायता.
20. जम्मू एवं कश्मीर, दिल्ली और पुदुच्येरि को पूर्ण राज्य का दर्जा, लद्दाख को संविधान की छती अनुसूची में शामिल करना, कार्थी आंग्लांग को स्वायत्त राज्य का दर्जा
21. संप्प्रनु, लोकतांत्रिक और मानवतावादी विदेश नीति.
22. महिला, ट्रांसजेंडर एवं एलजीबीटीक्यूआईए समुदायों के अधिकारों की गारंटी.

CPIML का घोषणा पत्र जारी

पटना : आज भाकपा माले ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया. CPIML के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने घोषणा पत्र जारी किया. इस अवसर पर पोलित ब्यूरो सदस्य रामजी राय, राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, गंजू, प्रकाश, शशि यादव, महबूब आलम व गोपाल रविदास मौजूद थे.

सीपीआई एमएल के घोषणा-पत्र में क्या है? : CPIML का घोषणापत्र जारी करते हुए दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी घटक दल अपना अपना घोषणापत्र जारी कर रहे हैं. अलग-अलग घोषणा पत्र जारी होने से कोई परेशानी नहीं है. सब का मूल उद्देश्य है कि देश में लोकशाही एवं संविधान खातरे में है, इसको किस तरीके से बचाना है. देश और लोकतंत्र को बचाना इंडिया गठबंधन का मुख्य उद्देश्य है.
बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग : दीपांकर भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग से फिर से EVM के बदले बैलेट पेपर से चुनाव करने की मांग की. इसके अलावे मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के नियुक्त की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की बात कही.

रीबों के लिए नीति बने : दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश में गरीबों की हालत सही नहीं है. इसलिए गरीबों के लिए एक ठोस नीति बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी की दर 35000 रु. प्रति माह, मजदूर विरोधी चार श्रम कोड रद्द किया जाए, पुरानी पेंशन योजना की पुनर्बहाली, असंगठित व अनियमित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा लाभ, महंगाई भत्ता के साथ 10000 रु. न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी.

घोषणा-पत्र के प्रमुख बिंदु :-

1. चुनावों का लोकतांत्रीकरण, बैलेट से चुनाव की मांग. सर्वोच्च न्यायालय की अनुशंसा के अनुसार मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री व नेता प्रतिपक्ष की सेलेक्शन कमिटी मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों की पारदर्शी नियुक्ति करे, आाजनीतिक दलों के चुनाव खर्च सीमा निर्धारित हो, जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार हो, दलबदल पर सदस्यता स्वतः समाप्त कर दी जाए.
2. सभी नागरिकों को रोजगार, पोषण, स्वास्थ्य व रहने का मौलिक अधिकार, भेदभावकारी सीएए-एनआरसी-एनपीआार रदद किया जाए. समान नागरिक संहिता को पूरी तरह बंद किया जाए. आधार को खारिज किया जाए, जनकल्याण की सदा योजनाओं को सार्वभीनिक बनाया जाए, जाति व धर्म, सेक्सुअल ओरिएन्टेशन, जेंडर आइडेंटिटी, विकलांगता की आधार पर भेदभाव को खत्म किया जाए.
3. सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में आरक्षित रिक्तियों समेत सभी पदों पर तत्काल नियुक्ति, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता, निजी क्षेत्र में शिक्षा व रोजगार का वादा, अग्निपथ योजना का खात्मा.
4. राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी की दर 35000 रु. प्रति माह, मजदूर विरोधी चार श्रम कोड रद्द किया जाए, पुरानी पेंशन योजना की पुनर्बहाली, असंगठित व अनियमित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा लाभ, महंगाई भत्ता के साथ 10000 रु. न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी.
5. ठेका मजदूरों का नियमितीकरण, कार्यस्थल पर महिलाओं से भेदभाव की नीतियों का खात्मा.
6. एमएसपी की गारंटी, सभी कर्जा की माफी, कृषि कार्य हेतु सस्ती दरों पर खाद व बीज की उपलब्धता.
7. भूमिहीनों को सीलिंग, भूदान, धार्मिक मठों एवं परती भूमि का वितरण सभी को आवासीय भूमि की गारंटी.
8. मनरेगा में 200 दिन काम व न्यूनतम 600 रु. मजदूरी.
9. शहरी रोजगार गारंटी योजना, नागरिक सुविधाओं की गारंटी.
10. राष्ट्रीय स्तर पर जाति गणना व आरक्षण का विस्तार.
11. सच्चर कमिटी और रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों को लागू करना.
12. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का खात्मा, शिक्षा पर बजट का 10 प्रतिशत खर्चा, मातृभाषा में निःशुल्क शिक्षा, निजी संस्थानों में आरक्षण, जेंडर सेन्सिटाइजेशन, मिड डे मील का बजट बढ़ाना, शिक्षण संस्थानों में जातीय भेदभाव का खात्मा.
13. मजबूत जनस्वास्थ्य व्यवस्था .
14. पर्यावरण सुरक्षा व क्लाइमेट जस्टिस.
15. जनपक्षीय आर्थिक नीतियों पर जोर.
16.जीएसटी की वापसी, कॉरपोरेटों से एनपीए की वसूली, कॉरपोरेटों पर टैक्स दरों में वृद्धि.
17. जंगलों, तटीय इलाको एवं परंपरागत फिशिंग जोनों का निजीकरण व व्यवस्यीकरण पर रोक.
18. आरटीआई कानून को सुद्ध करना, मानवाधिकारों के उल्लंघन परर रोक, यूएपीए और एएफएसपीए और नए तीनों क्रिमिनल कोड समेत सभी दमनकारी कानूनों की वापसी, सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई जातीय एवं सांप्रदायिक जनसंहारों और हिरासत में हत्या के लिए एक विशेष ट्राइब्यूनल का गठन. अमीर दास आयोग को पुनर्जीवित करना, विहार में रणवीर सेना के राजनीतिज्ञों के साथ संबंधों की गहन जांच.
19. देश के संघीय ढांचे को मजबूत बनाना, राज्यपाल के पद की समाप्ति, क्षेत्रीय असामनता दूर करने के लिए पिछड़े राज्यों को विशेष सहायता.
20. जम्मू एवं कश्मीर, दिल्ली और पुदुच्येरि को पूर्ण राज्य का दर्जा, लद्दाख को संविधान की छती अनुसूची में शामिल करना, कार्थी आंग्लांग को स्वायत्त राज्य का दर्जा
21. संप्प्रनु, लोकतांत्रिक और मानवतावादी विदेश नीति.
22. महिला, ट्रांसजेंडर एवं एलजीबीटीक्यूआईए समुदायों के अधिकारों की गारंटी.

Last Updated : Apr 8, 2024, 9:19 PM IST
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