पन्ना। कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफैक्ट का मामला अब धीरे-धीरे गर्माने लगा है. अब इलाज व क्षतिपूर्ति की मांग उठने लगी है. बता दें कि करोना बीमारी से बचने के लिए भारत सरकार द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी. इसके साइड इफेक्ट की जांच एवं इलाज व क्षतिपूर्ति के लिए बुधवार को एडवोकेट राजेश दीक्षित एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया.
लोगों ने पन्ना कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
कोविशील्ड साइड इफेक्ट का मामला लगातार गर्मा रहा है. 8 मई को पन्ना कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य की हर माह नियमित जांच करवाने और बीमारी के लक्षण पाए जाने पर समुचित उपचार करवाने की मांग की गई है. इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसके आश्रित को 5 करोड रुपए आर्थिक क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने की मांग की गई है.
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इलाज कराने के साथ ही आर्थिक मदद की मांग
एडवोकेट राजेश दीक्षित ने बताया कि कोविड-19 संकटकाल के दौरान भारत सरकार द्वारा देश के 80 प्रतिशत लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई गई है. यूके की वैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनी एक्स्ट्राजेनिका ने लंदन की अदालत में इसके साइड इफैक्ट का मामला स्वीकार किया है. इसी कंपनी के फार्मूले से बनाई गई कोविशील्ड भारत के लोगों को लगाई गई है. जहां इसके साइड इफेक्ट के मामले सामने आने की बात कही जा रही है. लोगों के शरीर में खून के थक्के जमने की वजह से हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज इत्यादि वजह से मौत के मामले भी बताए जा रहे हैं.