दौसा: सेशन न्यायालय ने बुधवार शाम को 3 वर्ष पुराने एक एनडीपीएस के मामले में सुनवाई करते हुए एक आरोपी को 20 वर्ष का कारावास और 2 लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. इस दौरान नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियोजक कमलेश बोहरा ने आरोपी के खिलाफ जुर्म प्रमाणित करने के लिए कोर्ट में 12 गवाह और 182 दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनके आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.
विशिष्ठ लोक अभियोजक कमलेश बोहरा ने बताया कि 2 अप्रैल 2021 को एनसीबी की क्षेत्रीय इकाई अजमेर को मुखबिर द्वारा एक गुप्त सूचना मिली थी. जिसमें मुखबिर ने बताया कि 3 अप्रैल को रमेश कुमार नाम का व्यक्ति निवासी बाड़मेर ट्रक से आगरा से जयपुर की तरफ आएगा, जो अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करता है.
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टोल टैक्स पर एनसीबी टीम देखकर आरोपी ने ट्रक को भगाया : इस दौरान सूचना मिलने के बाद एनसीबी टीम सिकंदरा टोल पर खड़े होकर चिन्हित वाहन की निगरानी करने लगे. ऐसे में लगभग साढ़े 12 बजे आगरा से जयपुर की तरफ एक वाहन आता हुआ नजर आया, जिसे एनसीबी के अधिकारियों ने रुकने का इशारा किया, लेकिन ट्रक ड्राइवर एनसीबी टीम को देखकर मौके से टोल के बैरियर तोड़कर फरार हो गया.
एनसीबी अधिकारियों ने आरोपी को पीछा कर पकड़ा : इस दौरान एनसीबी अधिकारियों ने काफी दूर तक आरोपी का पीछा किया, लेकिन आरोपी ट्रक को छोड़कर खेतों में भाग गया, लेकिन एनसीबी की टीम ने आरोपी का पीछा कर खेतों में दबोच लिया. वहीं, ट्रक की तलाशी लेने पर आरोपी के कब्जे से 25 किलो 560 ग्राम अफीम बरामद हुई थी. विशिष्ठ लोक अभियोजन कमलेश बोहरा के अनुसार आरोपी के खिलाफ तीन साल चले ट्रायल में 12 गवाह और 182 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. जिनके आधार पर सेशन न्यायालय मजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार ने आरोपी रमेश कुमार पुत्र कालूराम निवासी कल्याणपुर पचपदरा बाड़मेर को दोषी मानते हुए 20 साल का कारावास और दो लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.