जयपुर : संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर विपक्ष ने इसे उनका अपमान बताते हुए देशभर में आंदोलन छेड़ दिया है. यह मुद्दा फिलहाल बहस का विषय बना हुआ है. इस बीच राजस्थान के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी इस बहस में भाग लिया है. खर्रा ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने में कभी कोई कमी नहीं छोड़ी.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अंबेडकर को मुंबई से चुनाव हराने, उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने और एनसीईआरटी की किताब में कार्टून प्रकाशित करने में अहम भूमिका निभाई थी. खर्रा ने संसद में कांग्रेस द्वारा किए जा रहे हंगामे को फिजूल बताते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर के निधन पर तत्कालीन प्रधानमंत्री ने तत्कालीन राष्ट्रपति को उनके अंतिम संस्कार में जाने से रोक दिया था. उन्होंने आगे कहा कि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में खुद को भारतरत्न से सम्मानित किया, लेकिन बाबा साहेब को यह सम्मान देने का उनके मन में कभी ख्याल तक नहीं आया.
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बीजेपी सरकार ने बनवाए स्मारक : खर्रा ने आरोप लगाया कि नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर कई स्मारक बनाए गए, लेकिन कांग्रेस ने कभी बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से स्मारक बनाने का विचार नहीं किया. तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू का कहना था कि स्मारक सरकार की बजाय आम जनता द्वारा बनाए जाने चाहिए. दूसरी ओर भाजपा सरकार ने बाबा साहेब को भारतरत्न से सम्मानित किया और लंदन, दिल्ली, मुंबई में उनसे संबंधित भव्य स्मारक बनवाए.
खर्रा ने कहा कि आदिवासी और दलित समाज धीरे-धीरे यह समझने लगा है कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर का हमेशा अपने स्वार्थ के लिए उपयोग किया. यह जागरूकता कांग्रेस और विपक्षी दलों में घबराहट पैदा कर रही है. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पिछले एक साल में जनहित के कई बड़े कार्य किए गए हैं. उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, पेपर लीक रोकने और पारदर्शी तरीके से नौकरियां देने की बात कही.