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उत्तराखंड में घूसखोर इंजीनियर को पांच साल की सजा, 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा - HALDWANI COURT SENTENCE ENGINEER

लोनिवि के तत्कालीन अपर सहायक अभियंता अमित गिरी को कोर्ट ने सुनाई पांच साल की सजा, विजिलेंस ने रिश्वत लेते दबोचा था

Haldwani Court Sentence Engineer
कॉन्सेप्ट फोटो (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 30, 2025, 5:33 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा रहा है. इसी कड़ी में रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार तत्कालीन अपर सहायक अभियंता अमित गिरी को विशेष कोर्ट ने दोषी ठहराया. साथ ही कोर्ट ने 5 साल के कठोर कारावास और 2 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. अमित गिरी को कुमाऊं विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथों रिश्वत लेते दबोचा था.

5 फरवरी 2018 को रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ था अमित गिरी: जानकारी के मुताबिक, बीती 5 फरवरी 2018 को शिकायतकर्ता धीरेंद्र सिंह ने सतर्कता विभाग को एक लिखित शिकायत दी थी. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग (विद्युत/यांत्रिक) के अपर सहायक अभियंता ने उनके कार्य की माप पुस्तिका (एमबी) बनाने के लिए 8,500 रुपए की रिश्वत की मांग की थी. मामले की जांच के बाद 9 फरवरी 2018 को उत्तराखंड सतर्कता विभाग कुमाऊं मंडल की ट्रैप टीम ने अमित गिरी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. जिसके बाद अमित गिरी को कोर्ट में पेश किया गया.

वहीं, विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) नीलम रात्रा की अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों और गवाहों के बयानों के आधार पर अमित गिरी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 13 (1) (डी) सपठित धारा 13 (2) के तहत दोषी माना. साथ ही 1-1 लाख रुपए का अर्थदंड (प्रत्येक धारा के तहत) लगाया. साथ ही भुगतान न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई. वहीं, सतर्कता विभाग के पुलिस उपाधीक्षक अनिल सिंह मनराल ने आम जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आने और किसी भी संदिग्ध मामले की शिकायत टोल फ्री नंबर 1064 पर करने की अपील की है.

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5 फरवरी 2018 को रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ था अमित गिरी: जानकारी के मुताबिक, बीती 5 फरवरी 2018 को शिकायतकर्ता धीरेंद्र सिंह ने सतर्कता विभाग को एक लिखित शिकायत दी थी. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग (विद्युत/यांत्रिक) के अपर सहायक अभियंता ने उनके कार्य की माप पुस्तिका (एमबी) बनाने के लिए 8,500 रुपए की रिश्वत की मांग की थी. मामले की जांच के बाद 9 फरवरी 2018 को उत्तराखंड सतर्कता विभाग कुमाऊं मंडल की ट्रैप टीम ने अमित गिरी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. जिसके बाद अमित गिरी को कोर्ट में पेश किया गया.

वहीं, विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) नीलम रात्रा की अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों और गवाहों के बयानों के आधार पर अमित गिरी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 13 (1) (डी) सपठित धारा 13 (2) के तहत दोषी माना. साथ ही 1-1 लाख रुपए का अर्थदंड (प्रत्येक धारा के तहत) लगाया. साथ ही भुगतान न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई. वहीं, सतर्कता विभाग के पुलिस उपाधीक्षक अनिल सिंह मनराल ने आम जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आने और किसी भी संदिग्ध मामले की शिकायत टोल फ्री नंबर 1064 पर करने की अपील की है.

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