मुरैना. 2017 में सिंचाई विभाग के चौकीदारों के अपहरण के मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जिला अभियोजन अधिकारी व जिला मीडिया सेल प्रभारी रश्मि अग्रवाल ने बताया कि सिंचाई विभाग में बतौर चौकीदार केदार जाटव और बाबूलाल जाटव 3 फरवरी 2017 की शाम को ड्यूटी के लिए निकले थे. सैमई गांव के हार में एलएमसी नहर की 4-एल डिस्ट्रीब्यूटरी के पास दोनों की नाइट ड्यूटी थी, लेकिन 4 फरवरी को दूसरे गार्ड पहुंचे तो केदार जाटव और बाबूलाल जाटव थे.
ड्यूटी प्वॉइंट से गायब थे चौकीदार
4 फरवरी की सुबह नहर के पास ड्यूटी बदली करने शिशुपाल सिंह जादौन पहुंचे तो उसे बाबूलाल और केदार नहीं मिले। फोन पर सूचना मिलने के बाद बाबूलाल का बेटा सुनील जाटव वहां पहुंचा। बहुत खोजबीन के बाद सुनील को पता चला कि उसके पिता बाबूलाल जाटव का अपहरण हो गया है. सुनील ने इसके बाद थाने में अपहरण की रिपाेर्ट कराई. सुनील की सूचना पर कैलारस पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया और फिर आरोपियों की तलाश शुरू हुई.
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पुलिस के हत्थे चढ़े ये आरोपी
पुलिस ने अपहरण के इस मामले में वकील उर्फ राजकुमार पुत्र गोरे मल्लाह कलरपटी सबलगढ़, घंटी कोरी पुत्र दौजी कोसी भम्बपुरा सरमथुरा, कस्ता उर्फ देवेन्द्र पुत्र खूबचन्द्र शर्मा सैमई, फौजी उर्फ भीकम, भत्तू एवं चिरोजी को नामजद किया था. कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी वकील मल्लाह, बंटी कोरी को आजीवन कारावास और 3500- 3500 रु अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं कल्ला उर्फ देवेन्द्र को 4 वर्ष सक्षम कारावास और 500 रु अर्थदंड की सजा सुनाई है. जबकि भीकम, भ्रत विरौजी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया.