लखनऊ/कानपुर : यूपी के कानपुर की अदालत ने सिद्धि विनायक मंदिर पर हमले की साजिश रचने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमा को एनआईए कोर्ट ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कमरुज्जमा व उसके साथियों ने देश के कई मंदिरों पर हमले की योजना बनाई थी. यूपी एटीएस ने उसके 5 साथियों को जांच में दोषी पाया था, हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी मामले में अपनी जांच शुरू की थी. इस हमले की साजिश में शामिल ओसामा बिन जावेद को सितंबर 2019 में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था. हिजबुल मुजाहिदीन के ये सभी आतंकी जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के रहने वाले थे.
13 सितंबर 2018 को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड ने कानपुर में हिजबुल मुजाहिदीन जैसे खूंखार आतंकी के लिए काम करने वाले आतंकी कमरुज्जमा को चकेरी थाना क्षेत्र के लालबंग्ला स्थित शिवगंज से पकड़ा था. कानपुर में रहने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता और एनआईए की ओर से अपना पक्ष रखने वाले कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि, 24 सितंबर को एनआईए की कोर्ट में आतंकी कमरुज्जमा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. कई वर्षों तक इस मामले का ट्रायल चला, फिर चार्जशीट दाखिल हुई और आखिरकार आतंकी कमरुज्जमा को एनआईए कोर्ट से सजा सुना दी गई. आतंकी को सजा वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सुनाई गई. वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता कौशल किशोर शर्मा ने बताया, कि कई ट्रायल भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही कराए गए थे.
चार्जशीट में दो और आतंकियों के नाम शामिल थे, दोनों के हुए एनकाउंटर : वरिष्ठ अधिवक्ता कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि आतंकी कमरुज्जमा के मामले में जो चार्जशीट एनआईए की ओर से फाइल की गई थी, उसमें दो और आतंकियों के नाम शामिल थे, जिनमें ओसामा बिन जावेद और जहांगीर आतंकी था. दोनों के ही एनकाउंटर हो गए थे. इस पूरे मामले में कुल 55 गवाहों को तैयार किया गया था, जिनमें से कुछ गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. आतंकी कमरुज्जमा के खिलाफ गुवाहटी एनआईए कोर्ट में भी मुकदमा दर्ज था. लखनऊ एनआईए कोर्ट की ओर से जो सजा का आदेश जारी हुआ, उसमें बताया गया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.
इन धाराओं में आतंकी को हुई सजा : धारा 120 बी में 10 साल कठोर कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, जमा न करने पर तीन माह सश्रम कारावास.
- धारा 121 ए में आजीवन कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, जमा न करने पर तीन माह सश्रम कारावास.
- धारा 17 यूए (पी) एक्ट में 10 वर्ष कठोर कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, जमा न करने पर तीन माह सश्रम कारावास.
- धारा 18 यूए (पी) एक्ट में आजीवन कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, जमा न करने पर तीन माह सश्रम कारावास.
- धारा 39 यूए (पी) एक्ट में 10 वर्ष कठोर कारावास, 10000 रुपये अर्थदंड, जमा न करने पर तीन माह सश्रम कारावास.
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