बाराबंकी: करीब 08 साल पहले दहेज के लिए पत्नी को जलाकर हत्या करने के मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने आरोपी पति और उसके पिता को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने इस मामले में दोनों पिता-पुत्रों को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मंगलवार को सुनाया.
अभियोजन अधिकारी शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया, कि रामनगर थाना क्षेत्र के अमोली कीरतपुर निवासी वादी अवध नरेश दीक्षित ने 17 अक्टूबर 2016 को मसौली थाने में सूचना देकर तहरीर दी, कि उसने अपनी बेटी 26 वर्षीय सुषमा देवी की शादी मसौली थाना क्षेत्र के जुल्हामऊ निवासी ब्रजेश कुमार पुत्र राजेन्द्र उर्फ राजू के साथ करीब साढ़े 3 साल पूर्व हिन्दू रीति रिवाज के साथ की थी. शादी के बाद से मेरे दामाद ब्रजेश कुमार,अजिया ससुर केशव शरन पुत्र माधोराम,देवर दुर्गेश कुमार और ससुर राजेन्द्र कुमार उर्फ राजू पुत्र केशव सरन दहेज में 02 लाख रुपये,बेड अलमारी वगैरह की मांग पूरी न होने के कारण मेरी बेटी को ताने देकर मारते पीटते थे और प्रताड़ित करते थे.
वादी की बेटी घर आती और पूरी बात बताती थी. लेकिन, रिश्ता बना रहे, लिहाजा वह समझा बुझा देता था. वादी ने बताया की 17 अक्टूबर 2016 को बेटी की ससुराल के पड़ोसियों ने उसे फोन करके बताया, कि उसकी बेटी को जला कर मार दिया गया है. सूचना पाकर वादी परिवार के साथ बेटी के ससुराल पहुंचा तो उसकी बेटी का कमरे में अधजला शव पड़ा मिला. जबकि ससुराल वाले फरार थे.
वादी की इस सूचना पर मसौली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने मामले में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलन कर आरोपी पति ब्रजेश कुमार शुक्ला, ससुर राजेन्द्र कुमार उर्फ राजू और देवर के विरुद्ध चार्ज शीट कोर्ट में फाइल की. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्षियों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट राकेश ने आरोपियों ब्रजेश कुमार और राजेंद्र कुमार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और प्रत्येक को दस-दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुना दी. जबकि, एक आरोपी का मुकदमा जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है.
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