झालावाड़. जिले के जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने गुरुवार को नगर परिषद झालावाड़ के आयुक्त कार्यालय में रखें सामानों की कुर्की करने के आदेश जारी किए हैं. न्यायालय ने बस स्टैंड निवासी शमीम आलम को राहत प्रदान करते हुए 40 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भी नगर परिषद द्वारा आवंटित आवासीय भूखंड उपलब्ध नहीं कराए जाने पर ये फैसला सुनाया.
वहीं न्यायालय से पहुंचे सेल अमीन ने नगर परिषद आयुक्त कार्यालय के बाहर नोटिस चस्पा कर कार्यालय में रखे फर्नीचर तथा अन्य सामानों का अधिग्रहण कर लिया. वहीं कार्यवाहक आयुक्त नरेन्द्र मीणा ने बताया कि न्यायालय से आयुक्त कार्यालय में रखे सामानों की कुर्की आदेश जारी करने की सूचना मिली है. आदेश पर कानूनी सलाह लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल मामला बस स्टैंड गुरपुरा मोहल्ला निवासी शमीम आलम से जुड़ा हुआ है. जिन्होंने आज से 40 वर्षों पूर्व झालावाड़ शहर में नगरपालिका द्वारा विकसित की जा रही जवाहर कॉलोनी में 1984 में आवासीय भूखंड के लिए आवेदन किया था. आवंटित किए गए 185 भूखंडों में शमीम आलम के नाम से भी एक भूखंड आवंटित हुआ था. लेकिन नगर पालिका द्वारा भूखंड संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए गए. इसके बाद फरियादी आलम ने न्यायालय में जाने का फैसला किया था.
फरियादी शमीम आलम ने बताया कि 1984 में न्यायालय में मुकदमा दायर करने के बाद 10 साल चले लंबे ट्रायल के बाद न्यायाधीश ने 1994 में उनके पक्ष में फैसला सुनाया था. नगर परिषद झालावाड़ आयुक्त को शहर की आवासीय जवाहर कॉलोनी में भूखंड आवंटित करने के आदेश जारी किए थे. लेकिन झालावाड़ नगर परिषद आयुक्त के द्वारा न्यायालय के आदेश की पालना नही की गई. इसके बाद गुरुवार को न्यायालय ने नगर परिषद आयुक्त कार्यालय में रखे सामानों को कुर्की करने का आदेश जारी किया.