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कोर्ट के मामले वन विभाग के अफसरों के लिए बने मुसीबत, बढ़ते मामलों की समीक्षा करने में जुटे अफसर - Uttarakhand Forest Department

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 9, 2024, 6:35 PM IST

Updated : Aug 9, 2024, 7:19 PM IST

forest department court case, Uttarakhand Forest Department उत्तराखंड वन विभाग में कोर्ट के बढ़ते मामले महकमे के लिए मुसीबत बन गए हैं. यहां न केवल कर्मचारियों के कोर्ट से जुड़े मुद्दे विभाग की परेशानी बढ़ाते रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा दिक्कतें तो पर्यावरण से जुड़े मामलों के हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और NGT में पहुंचने पर हो रही है. कोर्ट के आदेशों का कंप्लायंस समय पर किया जाना भी विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. शायद यही कारण है कि राज्य में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय कोर्ट के आदेशों की समीक्षा के साथ उनके कंप्लायंस पर भी विशेष तौर पर फोकस करते हुए निर्देश जारी कर रहा है.

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कोर्ट के मामले वन विभाग के अफसरों के लिए बने मुसीबत (Etv Bharat)
कोर्ट के मामले वन विभाग के अफसरों के लिए बने मुसीबत (Etv Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग के अंतर्गत पर्यावरण और वन्य जीवों से जुड़े ऐसे सैकड़ो मामले हैं जो किसी न किसी कोर्ट में लंबित हैं. इतना ही नहीं कई बार ऐसे मामलों के कारण सरकार को बैकफुट पर भी आना पड़ा है. बड़ी बात यह है कि कुछ मामले ऐसे भी रहे जहां सीधे तौर पर प्रमुख सचिव को भी हाजिर होने के आदेश जारी हुए. कुल मिलाकर बड़े अधिकारी भी हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के स्तर पर दिए जाने वाले निर्देशों को लेकर चिंतित दिखाई दिए हैं.

पिछले दिनों प्रमुख सचिव वन की तरफ से इस संदर्भ में बैठक आहूत करते हुए तमाम कोर्ट केस की समीक्षा भी की गई है. इस दौरान ऐसे मामलों पर विशेष तौर पर फोकस रखने के लिए कहा गया है जो बेहद गंभीर हैं और जिन पर न्यायालय के माध्यम से कठोर टिप्पणियां दी जा चुकी हैं. उत्तराखंड वन विभाग के अलावा पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भी ऐसे कोर्ट केस से काफी दिक्कतों में दिखाई दिया है. न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं होने से जुड़े विषय भी सामने आ चुके हैं. इसके कारण कोर्ट अपनी नाराजगी भी कई बार दिखा चुका है. इन सभी स्थितियों के बीच अब कोर्ट के ऐसे मामलों को किसी भी स्तर पर नजअंदाज नहीं किए जाने के लिए सख्त आदेश भी जारी हुए हैं.

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य पराग मधुकर धकाते कहते हैं राज्य में कोर्ट केस को लेकर विभाग संवेदनशील है. न्यायालय के आदेशों के अनुपालन के लिए विशेष तौर पर कटिबंध भी है. ऐसे में कोर्ट के ऐसे मामलों में किसी भी तरह की कोताही ना बरती जाए, इसके लिए समय-समय पर कोर्ट के निर्देशों की समीक्षा करने से लेकर ऐसे मामलों को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश भी जारी हुए हैं. वन विभाग में कोर्ट के मामले पहले से ही काफी ज्यादा परेशानी विभाग के लिए खड़ी करते रहे हैं. अब इन मामलों के लगातार बढ़ने से विभाग में तमाम दूसरे कार्य भी बाधित हो रहे हैं. कई मामलों में तो विभाग कोर्ट केस के चलते निर्णय ही नहीं ले पा रहा है. बहरहाल अब विभाग के अफसरों ने समीक्षा भी की है और कड़े निर्देश भी दिए हैं.

पढे़ं-जंगली जानवरों पर तस्करों की नजर, नेपाल के रास्ते हो रही वन्यजीवों की तस्करी, उत्तराखंड के लिए बना सिरदर्द - Uttarakhand Forest Department

कोर्ट के मामले वन विभाग के अफसरों के लिए बने मुसीबत (Etv Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग के अंतर्गत पर्यावरण और वन्य जीवों से जुड़े ऐसे सैकड़ो मामले हैं जो किसी न किसी कोर्ट में लंबित हैं. इतना ही नहीं कई बार ऐसे मामलों के कारण सरकार को बैकफुट पर भी आना पड़ा है. बड़ी बात यह है कि कुछ मामले ऐसे भी रहे जहां सीधे तौर पर प्रमुख सचिव को भी हाजिर होने के आदेश जारी हुए. कुल मिलाकर बड़े अधिकारी भी हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के स्तर पर दिए जाने वाले निर्देशों को लेकर चिंतित दिखाई दिए हैं.

पिछले दिनों प्रमुख सचिव वन की तरफ से इस संदर्भ में बैठक आहूत करते हुए तमाम कोर्ट केस की समीक्षा भी की गई है. इस दौरान ऐसे मामलों पर विशेष तौर पर फोकस रखने के लिए कहा गया है जो बेहद गंभीर हैं और जिन पर न्यायालय के माध्यम से कठोर टिप्पणियां दी जा चुकी हैं. उत्तराखंड वन विभाग के अलावा पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भी ऐसे कोर्ट केस से काफी दिक्कतों में दिखाई दिया है. न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं होने से जुड़े विषय भी सामने आ चुके हैं. इसके कारण कोर्ट अपनी नाराजगी भी कई बार दिखा चुका है. इन सभी स्थितियों के बीच अब कोर्ट के ऐसे मामलों को किसी भी स्तर पर नजअंदाज नहीं किए जाने के लिए सख्त आदेश भी जारी हुए हैं.

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य पराग मधुकर धकाते कहते हैं राज्य में कोर्ट केस को लेकर विभाग संवेदनशील है. न्यायालय के आदेशों के अनुपालन के लिए विशेष तौर पर कटिबंध भी है. ऐसे में कोर्ट के ऐसे मामलों में किसी भी तरह की कोताही ना बरती जाए, इसके लिए समय-समय पर कोर्ट के निर्देशों की समीक्षा करने से लेकर ऐसे मामलों को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश भी जारी हुए हैं. वन विभाग में कोर्ट के मामले पहले से ही काफी ज्यादा परेशानी विभाग के लिए खड़ी करते रहे हैं. अब इन मामलों के लगातार बढ़ने से विभाग में तमाम दूसरे कार्य भी बाधित हो रहे हैं. कई मामलों में तो विभाग कोर्ट केस के चलते निर्णय ही नहीं ले पा रहा है. बहरहाल अब विभाग के अफसरों ने समीक्षा भी की है और कड़े निर्देश भी दिए हैं.

पढे़ं-जंगली जानवरों पर तस्करों की नजर, नेपाल के रास्ते हो रही वन्यजीवों की तस्करी, उत्तराखंड के लिए बना सिरदर्द - Uttarakhand Forest Department

Last Updated : Aug 9, 2024, 7:19 PM IST
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