फिरोजाबादः जिले में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है. एक महिला जो एक ग्राम पंचायत में शौचालय की केयर टेकर थी, उसे पंचायत सचिवों और ग्राम प्रधान ने मनरेगा मजदूर बना दिया. यही नहीं उसने काम नहीं किया और सेक्रेटरी, ग्राम प्रधान ने उसके खाते में दो साल के 162 दिनों की मजदूरी भी ट्रांसफर कर दी. इस मामले की जब शिकायत हुई तो खण्ड विकास अधिकारी ने जांच कराई. जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ. खंड विकास अधिकारी ने चार ग्राम पंचायत सेक्रेटरी और एक प्रधान से धनराशि की वसूली के आदेश दिये हैं.
यह मामला हाथवंत ब्लॉक के गांव कमालपुर रखवाली से जुड़ा है. शिकायतकर्ता राहुल तिवारी के अनुसार प्रियंका पत्नी धर्मवीर ग्राम पंचायत में शौचालय की केयर टेकर है. प्रियंका का जॉब कार्ड भी है. नियमानुसार कोई भी व्यक्ति एक साथ दो कार्यों का मानदेय नहीं ले सकता. जबकि साल पंचायत सेक्रेटरी पीयूष कुमार, कुमारी शिवांगी, संदीप कुमार और मुकेश कुमार ने ग्राम प्रधान के साथ मिलकर प्रियंका को मनरेगा मजदूर दिखाकर उसके खाते में 81 हाजिरी प्रति साल दिखाकर 162 दिनों के लगभग 38 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिये.
जांच खंड विकास अधिकारी ने अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी अभिषेक तिवारी से कराई तो आरोप सही पाए गए. खंड विकास अधिकारी जितेन्द्र बाबू यादव ने बताया कि जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर राशि को वसूलने के निर्देश दिए गए हैं, जिसे प्रियंका के खाते में ट्रांसफर किया गया है. इस धनराशि को चारों सेक्रेटरी और 50 फीसदी राशि प्रधान से वसूलने के आदेश दिए गए हैं.