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भ्रष्टाचार के आरोप; बीजेपी नगर पालिका अध्यक्ष की पावर सीज, नियमों को ताक पर रखकर किया था प्रमोशन - Corruption of Municipal Chairman

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 10:17 PM IST

महाराजगंज नगर पालिका सिसवा की अध्यक्ष शकुंतला देवी (Corruption of Municipal Chairman) के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं. अपनी सरकार में भाजपा की नगर पालिका अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप में हुई कार्रवाई से खलबली मची हुई है.

भाजपा नगर पालिका अध्यक्ष पर कार्रवाई.
भाजपा नगर पालिका अध्यक्ष पर कार्रवाई. (Photo Credit-Etv Bharat)

महराजगंज : उत्तर प्रदेश शासन के नगर विकास अनुभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप में नगर पालिका सिसवा की अध्यक्ष शकुंतला देवी के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए हैं. आरोपों की जांच के लिए जिलाधिकारी को नामित किया गया है. जांच अवधि तक अध्यक्ष के कार्यों के संचालन के लिए डीएम ने डिप्टी कलक्टर शैलेन्द्र गौतम को सिसवा नगर पालिका का प्रशासक नियुक्त किया है. सिसवा नगर पालिका अध्यक्ष पर अपने चौकीदार पति की नियम विरुद्ध पदोन्नति समेत चार गंभीर शिकायतें हैं.


नगर पालिका अध्यक्ष पर आरोप : नगर पालिका सिसवा के खाते में वित्तीय काम के लिए 1 अप्रैल 2022 को 4 करोड़ 45 लाख 79 हजार 277 रुपये थे. उसी दिन हुई बोर्ड की पहली बैठक में 11 करोड़ 58 लाख 69 हजार रुपये के कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई. यह धनराशि नगर पालिका के पास उपलब्ध धनराशि से 7 करोड़ 12 लाख 89 हजार 722 रुपये अधिक थी. शिकायत की जांच में यह बात सामने आई कि उपलब्ध धनराशि लगभग 4.45 करोड़ के सापेक्ष 11.78 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना वित्तीय नियमों का प्रत्यक्ष उल्लंघन है. इसके अलावा 28 मई 2022 को निविदा निकाली गई थी. जिसमें तीन माह में कार्य पूरा करने का समय निर्धारित किया गया था.

नगर पालिका को प्रति माह सरकार से 1 करोड़ 60 लाख 88 हजार 362 रुपये मिलते हैं. इसमें से वेतन आदि पर 30 लाख प्रति माह व्यय होता है. शेष 130 लाख कार्यों के लिए नियत रहते हैं. इस प्रकार सम्पूर्ण कार्य समाप्ति तक सरकार से प्राप्त धनराशि में से कार्य के लिए धनराशि 650 लाख हो जाती है. 7 मई 2022 को 1178.60 लाख रुपये साठ कार्यों के लिए टेंडर निकाला गया. इसमें से 16 कार्यों में तकनीकी स्वीकृति ली गई. 44 कार्यों में तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गई. इसके बाद भी सभी कार्यों के लिए निविदा आमंत्रित की गई. जबकि मानक संचालन प्रक्रिया विषयक शासनादेश के अनुसार प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति निविदा आमंत्रण के पूर्व लिया जाना अनिवार्य है. जिलाधिकारी की परीक्षण आख्या में पाया गया है कि तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किए बिना निविदा आमंत्रित किया जाना वित्तीय नियमों के अनुरूप नहीं है. स्वीकृति प्रदान किया जाना वित्तीय नियमों का प्रत्यक्ष उल्लंघन है.

नियमों को ताक पर रखकर चौकीदार पति को किया पदोन्नत : सिसवा बाजार नगर पालिका परिषद के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति 31 अगस्त 2022 को की गई थी. kg: कर्मचारियों ने इसकी शिकायत डीएम से की. तत्कालीन जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने मुख्य कोषाधिकारी, एसडीएम निचलौल एवं अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, महराजगंज की त्रिसदस्यीय जांच समिति गठित की गई. जांच टीम ने 15 दिसंबर 2022 को आख्या दी. जिसमें यह बताया गया कि नगर पालिका अध्यक्ष ने अपने पति सहित अन्य कार्मिकों की पदोन्नति व्यक्तिगत हित के मद्देनजर एकल आदेश के द्वारा की गR है. नियमानुसार कोई भी पदोन्नति एक निश्चित समिति के माध्यम से की जानी चाहिए थी. जांच रिपोर्ट में पदोन्नति की कार्यवाही को नियम विरुद्ध एवं शासनादेशों के विपरीत बताया गया.

यह भी पढ़ें : भाजपा नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा, कूट-रचित दस्तावेज से पद हथियाने का आरोप

यह भी पढ़ें : महाराजगंज: नगर पालिका अध्यक्ष ने लोगों से की अपील, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जलाए दीये

महराजगंज : उत्तर प्रदेश शासन के नगर विकास अनुभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप में नगर पालिका सिसवा की अध्यक्ष शकुंतला देवी के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए हैं. आरोपों की जांच के लिए जिलाधिकारी को नामित किया गया है. जांच अवधि तक अध्यक्ष के कार्यों के संचालन के लिए डीएम ने डिप्टी कलक्टर शैलेन्द्र गौतम को सिसवा नगर पालिका का प्रशासक नियुक्त किया है. सिसवा नगर पालिका अध्यक्ष पर अपने चौकीदार पति की नियम विरुद्ध पदोन्नति समेत चार गंभीर शिकायतें हैं.


नगर पालिका अध्यक्ष पर आरोप : नगर पालिका सिसवा के खाते में वित्तीय काम के लिए 1 अप्रैल 2022 को 4 करोड़ 45 लाख 79 हजार 277 रुपये थे. उसी दिन हुई बोर्ड की पहली बैठक में 11 करोड़ 58 लाख 69 हजार रुपये के कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई. यह धनराशि नगर पालिका के पास उपलब्ध धनराशि से 7 करोड़ 12 लाख 89 हजार 722 रुपये अधिक थी. शिकायत की जांच में यह बात सामने आई कि उपलब्ध धनराशि लगभग 4.45 करोड़ के सापेक्ष 11.78 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना वित्तीय नियमों का प्रत्यक्ष उल्लंघन है. इसके अलावा 28 मई 2022 को निविदा निकाली गई थी. जिसमें तीन माह में कार्य पूरा करने का समय निर्धारित किया गया था.

नगर पालिका को प्रति माह सरकार से 1 करोड़ 60 लाख 88 हजार 362 रुपये मिलते हैं. इसमें से वेतन आदि पर 30 लाख प्रति माह व्यय होता है. शेष 130 लाख कार्यों के लिए नियत रहते हैं. इस प्रकार सम्पूर्ण कार्य समाप्ति तक सरकार से प्राप्त धनराशि में से कार्य के लिए धनराशि 650 लाख हो जाती है. 7 मई 2022 को 1178.60 लाख रुपये साठ कार्यों के लिए टेंडर निकाला गया. इसमें से 16 कार्यों में तकनीकी स्वीकृति ली गई. 44 कार्यों में तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गई. इसके बाद भी सभी कार्यों के लिए निविदा आमंत्रित की गई. जबकि मानक संचालन प्रक्रिया विषयक शासनादेश के अनुसार प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति निविदा आमंत्रण के पूर्व लिया जाना अनिवार्य है. जिलाधिकारी की परीक्षण आख्या में पाया गया है कि तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किए बिना निविदा आमंत्रित किया जाना वित्तीय नियमों के अनुरूप नहीं है. स्वीकृति प्रदान किया जाना वित्तीय नियमों का प्रत्यक्ष उल्लंघन है.

नियमों को ताक पर रखकर चौकीदार पति को किया पदोन्नत : सिसवा बाजार नगर पालिका परिषद के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति 31 अगस्त 2022 को की गई थी. kg: कर्मचारियों ने इसकी शिकायत डीएम से की. तत्कालीन जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने मुख्य कोषाधिकारी, एसडीएम निचलौल एवं अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, महराजगंज की त्रिसदस्यीय जांच समिति गठित की गई. जांच टीम ने 15 दिसंबर 2022 को आख्या दी. जिसमें यह बताया गया कि नगर पालिका अध्यक्ष ने अपने पति सहित अन्य कार्मिकों की पदोन्नति व्यक्तिगत हित के मद्देनजर एकल आदेश के द्वारा की गR है. नियमानुसार कोई भी पदोन्नति एक निश्चित समिति के माध्यम से की जानी चाहिए थी. जांच रिपोर्ट में पदोन्नति की कार्यवाही को नियम विरुद्ध एवं शासनादेशों के विपरीत बताया गया.

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