संभल: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही है. वहीं, संभल जिले की 23 ग्राम पंचायतों में बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां अफसरों की जांच में करीब पौने दो करोड़ के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है. जांच में 23 पूर्व ग्राम प्रधान और 17 मौजूद ग्राम प्रधानों के अलावा ग्राम पंचायत सचिवों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए हैं. ऐसे में इन सभी से वसूली के आदेश किए गए हैं. जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश के बाद भ्रष्टाचार के आरोपी ग्राम प्रधानों और सचिवों में हड़कंप मचा हुआ है.
संभल जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी उपेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि जिले की 23 ग्राम पंचायतें, जिनमें असमोली, पंवासा, रजपुरा, जुनावई और बनियाखेड़ा विकास खंड शामिल हैं. इन विकासखंडों की 23 ग्राम पंचायतों में हुए विकास कार्य में भ्रष्टाचार और धांधली की शिकायतें सामने आई थीं. शिकायतों की जांच कराए जाने पर 23 पूर्व ग्राम प्रधान और 17 मौजूदा ग्राम प्रधानों के खिलाफ करीब पौने 2 करोड़ के भ्रष्टाचार की शिकायत सही पाई गई थी. यहीं नहीं ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में ग्राम पंचायत सचिवों के भी भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की जानकारी भी जांच में सामने आई है.
जिला पंचायत राज विभाग अधिकारी उपेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि सभी 23 पूर्व ग्राम प्रधानों के खिलाफ लगभग 1 करोड़ 55 लाख और मौजूदा ग्राम प्रधानों के खिलाफ लगभग 8 लाख 8 हजार की धनराशि का भ्रष्टाचार किया गया है. उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधानों के द्वारा हड़पी गई इस धनराशि की वसूली ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सचिवों से वसूली जाएगी. वहीं, भ्रष्टाचार के आरोपी ग्राम प्रधानों से वसूली के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. फिलहाल जिला पंचायत राज अधिकारी के वसूली के आदेश से भ्रष्टाचार के आरोपी ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सचिवों में हड़कंप मचा हुआ है.
वहीं, डीपीआरओ उपेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि कुछ प्रधानों और सचिवों ने वसूली की रकम को जमा कर दिया है. जिन लोगों ने सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया है उनसे भी जल्द वसूली की जाएगी.
यह भी पढ़ें : त्रिकुंडा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का आरोप ,कलेक्टर से ग्रामीणों ने की शिकायत