लखनऊ: कोविड काल में योद्धाओं की तरह दिन-रात जान की परवाह न करते हुए हजारों जिंदगी बचाने वाले कोरोना योद्धा बुरे वक्त में फंस गए हैं. उनकी नौकरी जाने वाली है. इसी के चलते प्रदेश के हजारों स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आवास का घेराव किया. उन्होंने मांग की कि उनकी संविदा का विस्तार जल्द से जल्द किया जाए वे सड़क पर आ गए हैं. बता दें कि प्रदेश में करीब तीन हजार ऐसे संविदा कर्मी हैं जिनका सेवा काल बीती जून को खत्म हो गया है. इनकी संविदा को सरकार की ओर से विस्तार नहीं दिया गया इस वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, डिप्टी सीएम के आवास पर बड़ी तादाद में पहुंचे संविदा कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की. मौके पर स्थानीय पुलिस और एक ट्रक पीएसी भी बुलाई गई. स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों का कहना है कि नौकरी जाने के बाद हम सड़क पर आ गए हैं. कोविड में हमसे दिन-रात काम लिया गया, अब निकाल क्यों दिया गया. हम यहां करीब 15 बार आ चुके हैं. हर बार सिर्फ आश्वासन मिला है, नौकरी जाने से बेरोजगार हो गए हैं. स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है इसलिए अपनी बात डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक तक पहुंचाने के लिए लखनऊ पहुंचे हैं.
हरदोई जिले से लखनऊ प्रदर्शन करने पहुंची कोमल त्यागी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वह संविदा कर्मी के तौर पर सरकारी जिला अस्पताल में तैनात थी. कोरोना काल में उनकी नियुक्ति हुई थी. उस समय जब अस्पताल में एक इंसान जाने से डर रहा था तब हमने मरीजों की सेवा जान की परवाह किए बिना करते थे. उस वक्त हमें कोरोना योद्धा नाम दिया गया था. अब हमें नौकरी से निकाल दिया गया है.वहीं, बाराबंकी के शैलेश चतुर्वेदी ने कहा कि जिस समय अस्पताल को हमारी जरूरत थी, उस समय हमने तत्परता से अपनी सेवा दी. आज हमें नौकरी से निकाल दिया गया है. हर बार यह आश्वासन दिया जा रहा है कि जल्दी विस्तार किया जाएगा लेकिन, दो महीने बीत चुके हैं. अब तक कोई विस्तार नहीं हुआ. कब तक हम इंतजार करें. हमारा घर हमारे ऊपर आश्रित है. सरकार बताए कि आखिर कैसे घर चलाएं. कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई है, मजबूरन हमें उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के यहां आना पड़ा. उम्मीद है कि वह हमारा दर्द समझेंगे.