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भारी पड़ी अतिवृष्टि: लगातार बारिश से फसलों में नुकसान शुरू, कीटों का प्रकोप बढ़ा - crops damanging due to heavy rain

भीलवाड़ा जिले में लगातार हो रही बारिश के साइड इफेक्ट नजर आने लगे हैं. फसलों में नुकसान होने लगा है. इस बार जिले में दलहन और तिलहन फसलों की बड़े रकबे में बुवाई हुई थी, लेकिन फसलों में कीट आने लगे हैं. कृषि अधिकारी फील्ड में जाकर किसानों को कीट से बचाव के उपाय बता रहे हैं.

crops damanging due to heavy rain
भीलवाड़ा में लगातार बारिश से फसलों में खराबा. फील्ड में जा रहे अधिकारी (Photo ETV Bharat Bhilwara)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 5, 2024, 1:39 PM IST

भीलवाड़ा: प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से फसलों को नुकसान होने लगा है. जिले में मूंग व उड़द की फसल में तना छेड़ने के साथ ही पीलिया रोग का प्रकोप भी शुरू हो गया है. कृषि विभाग के अधिकारी फील्ड में जाकर किसानों को फसल बचाव का तरीका बता रहे हैं.

इस बार किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ खरीफ की फसल की बुवाई की थी. इसमें मुख्य रूप में मूंग, उड़द व तिल की फसल की बुवाई की गई थी, लेकिन लगातार बारिश होने के कारण फसलों में नुकसान शुरू हो गया.

इसे भी पढ़ें: फसलों को कातरा से खतरा, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी, पैदावार पर पड़ेगा भारी असर

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक गोपाल लाल कुमावत ने बताया कि इस वर्ष खरीफ की फसल की बुवाई के समय भीलवाड़ा जिले में किसानों ने 21 हजार हेक्टेयर भूमि में उड़द व 97 सौ हेक्टेयर भूमि में मूंग व 6700 हेक्टेयर भूमि में तिल की फसल की बुवाई हुई है. मूंग की फसल में फलिया बन चुकी है. इन फलियों में 'सेमीलुपर' कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है. यही हाल उड़द की फसल के है.

कुमावत ने दलहनी फसलों को लेकर किसानों को सलाह दी कि वे मोनोक्रोटोफॉस एक एमएल प्रति लीटर व उसी में मैन्कोजैब पाउडर 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोलकर फसल में छिड़काव करें, जिससे फसल में कीटों का प्रकोप नहीं रहेगा. जिस फसल में फलिया बन चुकी है, उसमें छिड़काव नहीं करें.

भीलवाड़ा: प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से फसलों को नुकसान होने लगा है. जिले में मूंग व उड़द की फसल में तना छेड़ने के साथ ही पीलिया रोग का प्रकोप भी शुरू हो गया है. कृषि विभाग के अधिकारी फील्ड में जाकर किसानों को फसल बचाव का तरीका बता रहे हैं.

इस बार किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ खरीफ की फसल की बुवाई की थी. इसमें मुख्य रूप में मूंग, उड़द व तिल की फसल की बुवाई की गई थी, लेकिन लगातार बारिश होने के कारण फसलों में नुकसान शुरू हो गया.

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कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक गोपाल लाल कुमावत ने बताया कि इस वर्ष खरीफ की फसल की बुवाई के समय भीलवाड़ा जिले में किसानों ने 21 हजार हेक्टेयर भूमि में उड़द व 97 सौ हेक्टेयर भूमि में मूंग व 6700 हेक्टेयर भूमि में तिल की फसल की बुवाई हुई है. मूंग की फसल में फलिया बन चुकी है. इन फलियों में 'सेमीलुपर' कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है. यही हाल उड़द की फसल के है.

कुमावत ने दलहनी फसलों को लेकर किसानों को सलाह दी कि वे मोनोक्रोटोफॉस एक एमएल प्रति लीटर व उसी में मैन्कोजैब पाउडर 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोलकर फसल में छिड़काव करें, जिससे फसल में कीटों का प्रकोप नहीं रहेगा. जिस फसल में फलिया बन चुकी है, उसमें छिड़काव नहीं करें.

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