देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के संचालन हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. यात्रा में लगातार तीर्थ यात्रियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए की समिति बेहतर संचालन के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करेगी. साथ ही भविष्य में यात्रा को सुगम बनाने के लिए यात्रा प्राधिकरण या किसी दूसरी संस्था के गठन को लेकर भी अपने सुझाव प्रस्तुत करेगी. उधर इस उच्च स्तरीय कमेटी का काम चारधाम यात्रा पर निगरानी रखना भी होगा.
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Uttarakhand government constituted a 6-member high-level committee headed by Additional Chief Secretary (Finance) for Char Dham Yatra.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 25, 2024
The government has constituted this high-level committee with objective of ensuring smooth, accessible travel due to huge increase in pilgrims. pic.twitter.com/ZXZowRGUJJ
चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं को लेकर आ रही तस्वीरों के बीच अब सरकार नए कदम उठाकर यात्रा के बेहतर संचालन के लिए फैसले ले रही है. इस कड़ी में यात्रा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. यह समिति चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए समय-समय पर समीक्षा करते हुए जरूरी दिशा निर्देश भी जारी करेगी. इस तरह ये हाई लेवल कमेटी चारधाम यात्रा की नियमित रूप से निगरानी करेगी.
उच्च स्तरीय कमेटी अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में बनाई गई है. इस तरह सीनियर आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन की अध्यक्षता में पांच सदस्य हाई लेवल कमेटी का गठन हुआ है. इस समिति में अपर मुख्य सचिव अध्यक्ष रहेंगे तो वही, सचिव गृह सदस्य के तौर पर काम करेंगे.
सचिव पर्यटन को सदस्य संयोजक के रूप में समिति में शामिल किया गया है, जबकि अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था, आयुक्त गढ़वाल मंडल और पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल मंडल सदस्य के तौर पर रखे गए हैं. उच्च स्तरीय समिति केवल चारधाम यात्रा पर निगरानी रखेगी और समय-समय पर इसकी समीक्षा करेगी, बल्कि समिति को यात्रा को सुगम बनाने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने की भी जिम्मेदारी दी गई है.
इसके अलावा भविष्य में राज्य की सभी धार्मिक स्थलों पर होने वाली यात्राओं के लिए भी इस समिति द्वारा अपने सुझाव दिए जाएंगे. समिति द्वारा दिए जाने वाले यह सुझाव यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्राधिकरण या अन्य संस्था के गठन से जुड़े होंगे. उच्च स्तरीय समिति को अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्य सचिव को देनी है. इसके बाद सरकार के स्तर पर इस रिपोर्ट के अध्ययन के बाद भविष्य में चार धाम यात्रा और राज्य में किसी भी धार्मिक यात्रा के लिए क्या कदम उठाए जाएं इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा.
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