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अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में की कटौती, भारत पर दिखा असर - US FED CUTS INTEREST RATE

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती की. आर्थिक अनुमानों ने अगले साल कटौती की धीमी गति का संकेत दिया.

US Federal Reserve Chairman Jerome Powell
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल (IANS Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 19, 2024, 9:48 AM IST

मुंबई: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में एक चौथाई अंक की कटौती की और भविष्य में कटौती की धीमी गति का संकेत दिया, जिससे वित्तीय बाजारों में भारी बिकवाली हुई. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की, जिससे ब्याज दरें 4.25-4.50 फीसदी हो गईं. यह निर्णय दो दिनों तक चली फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के बाद लिया गया.

फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की लचीलापन पर प्रकाश डाला. पॉवेल ने कहा कि अमेरिका समग्र रूप से मजबूत बना हुआ है. इस साल बेरोजगारी दर 4.2 फीसदी और अगले कुछ वर्षों में 4.3 फीसदी रहने का अनुमान है. पिछले दो वर्षों में महंगाई में काफी कमी आई है, लेकिन यह हमारे 2 फीसदी लक्ष्य से थोड़ा ऊपर बनी हुई है.

अमेरिकी फेड दरें भारत के शेयर बाजार को कैसे प्रभावित किया?
गुरुवार की सुबह भारतीय इक्विटी बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई, शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सूचकांकों में काफी गिरावट आई. बीएसई सेंसेक्स 1,162.12 अंक या 1.45 फीसदी गिरकर 79,020.08 पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी 328.55 अंक या 1.36 फीसदी गिरकर 23,870.30 पर आ गया.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार भविष्य में बाजार की स्थिति कमजोर हो गई है, क्योंकि एफआईआई तेजी के दौरान बिकवाली कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाजार ने पहले ही 25 बीपीएस की दर कटौती की कीमत तय कर ली थी.

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फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की लचीलापन पर प्रकाश डाला. पॉवेल ने कहा कि अमेरिका समग्र रूप से मजबूत बना हुआ है. इस साल बेरोजगारी दर 4.2 फीसदी और अगले कुछ वर्षों में 4.3 फीसदी रहने का अनुमान है. पिछले दो वर्षों में महंगाई में काफी कमी आई है, लेकिन यह हमारे 2 फीसदी लक्ष्य से थोड़ा ऊपर बनी हुई है.

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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार भविष्य में बाजार की स्थिति कमजोर हो गई है, क्योंकि एफआईआई तेजी के दौरान बिकवाली कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाजार ने पहले ही 25 बीपीएस की दर कटौती की कीमत तय कर ली थी.

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