चित्तौड़गढ़: बेगूं में तैनात कांस्टेबल ने 3 दिन पूर्व महिला कांस्टेबल पर गोली चलाकर खुद को भी गोली मार ली थी. महिला कांस्टेबल के सीने से आर-पार और सिपाही के जबड़ों से होकर गोली ललाट से निकल गई थी. दोनों का उदयपुर के गीतांजलि हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है. उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है.
हालांकि अभी तक गोलीबारी के इस मामले में स्थिति साफ नहीं हो पाई है कि आखिर सिपाही ने गोली क्यों चलाई? यह तो महिला कांस्टेबल पूनम मीणा के बयानों के बाद ही साफ हो पायेगा. हालांकि अभी तक कांस्टेबल पूनम बयान देने की स्थिति में नहीं है. इस बीच, बेगूं थाने में कांस्टेबल सियाराम पुत्र रामलाल बैरवा के खिलाफ हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है.
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कांस्टेबल धर्मेन्द्र की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है और सर्विस रिवॉल्वर कब्जे में ले ली है. इधर, पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी के अनुसार दोनों ही कांस्टेबल की हालत खतरे से बाहर है और उनका उदयपुर के निजी अस्पताल में उपचार जारी है. मामले को लेकर अभी किसी प्रकार की विभागीय जांच नहीं की जा रही है. सियाराम बैरवा और कांस्टेबल पूनम मीणा दोनों ही 2023 के बैच के हैं और प्रशिक्षण के बाद दोनों को बेगूं लगाया गया था.
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बताया जाता है कि कांस्टेबल और गनमैन दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी. दोनों ने आसपास ही कमरा किराये ले रखा था. लेकिन कथित रूप से मनमुटाव के बाद बातचीत बंद होने पर कांस्टेबल सियाराम गुस्से में आ गया और उसके कमरे में जाकर उसे गोली मार दी. खुद ने भी गोली मार जान देने की कोशिश की. गौरतलब है कि कांस्टेबल सीताराम पुलिस उपाधीक्षक का गनमैन था. नियम के अनुसार प्रतिदिन ड्यूटी के बाद गन पुलिस थाने में जमा करने का प्रावधान है, लेकिन कांस्टेबल ने घटना के दिन गन जमा नहीं कराई.