लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी में बहन को शव को बारी से बारी से भाई की ओर से पांच किलोमीटर तक कंधे पर ढोने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. एक और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक्स पर सरकार को घेरते हुए लिखा था की आम आदमी के जीवन का भी एक मोल होता है. तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय पीड़ित परिवार के मिलने लखीमपुर पहुंचे और ना सिर्फ उनको संबल दिया साथ ही कांग्रेस पार्टी की ओर से 50 हजार की सहायता भी दी. वहीं इस मौके पर अजय राय ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला भी बोला.
लखीमपुर खीरी की पलिया तहसील के अतरिया में एक बहन के शव को दो भाइयों ने बारी-बारी से 5 किलोमीटर पैदल घर तक ढोने का एक वीडियो ईटीवी भारत के द्वारा प्रमुखता से चलाया गया था. उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "मैंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. ये पूरा क्षेत्र बाढ़ प्रभावित है. यहां ना बिजली की व्यवस्था है, ना पानी की व्यवस्था है, ना मोबाइल की व्यवस्था है. लोग यहां नारकीय जीवन जी रहे हैं. ये पूरा परिवार टूट गया है. कांग्रेस पार्टी ने परिवार का आर्थिक सहयोग भी किया है."
वहीं मृतक लड़की के भाई सरोज ने बताया कि, मृतक शिवानी की उम्र 15 साल की थी और वे एलनगंज महाराज नगर थाना मैलानी के रहने वाले हैं. बड़े भाई मनोज ने बताया कि, हम तीनों भाई बहन पलिया में रुक कर पढाई करते थे. बहन शिवानी कक्षा 12 की छात्रा थी. बहन की तबीयत 2 दिन पहले खराब हुई थी. डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने जांच लिख दी. जांच में शिवानी को टाइफाइड निकला जिसके बाद शिवानी को डॉक्टर ने दवा देकर अस्पताल में एडमिट कर लिया. शिवानी की हालत बिगड़ने लगी. इस बीच बरसात के चलते पलिया शहर टापू में तब्दील हो गया. चारों तरफ बाढ़ का पानी था, जिसकी वजह से सड़क और रेल मार्ग सभी से हमलोग कट गए. जिसकी वजह से हम लोग अपनी बहन को बेहतर इलाज नहीं दिला पाए.
पिता देवेंद्र ने बताया कि, जिन भाइयों को बहन की डोली को कंधा देना था. आज वही भाई अपने कंधों पर बहन की लाश को लेकर 5 किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने गांव आए है. भाई के कंधे पर बहन का शव प्रशासन के मुंह पर वह तमाचा था जो अपनी पीठ ठोकते हुए लाखों दावे कर रहा था कि, उसने हर बाढ़ पीड़ित के जख्मों पर मरहम लगाई है. अगर प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगता तो एक भाई के कंधे पर बहन का शव ना होता. और राखी के त्योहार से पहले उन्हें जिंदगी भर का गम नहीं मिलता.