देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार को घेरा है. उनका कहना है कि वनाग्नि की घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री तो लौट आए हैं, लेकिन उनके वो मंत्री कहां है? जो पिछली बार भी गायब थे और इस बार भी गायब हैं. इसके अलावा चारधाम यात्रियों की तैयारियों को लेकर भी सरकार पर हमला बोला है.
बीजेपी के मंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उत्तराखंड में वनाग्नि की करीब 1900 घटनाएं घट चुकी है, लेकिन बीजेपी मंत्री मंडल के मंत्री का वो बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसमें उनका कहना है कि आग से कोई भी पेड़ नहीं जला है. इससे सरकार की गंभीरता का पता चल जाता है.
माहरा बोले- पर्यटन और स्वास्थ्य मंत्री गायब: इसी तरह प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा की समुचित तैयारी का दावा कर रही है, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी पर्यटन, तीर्थाटन मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री गायब हैं. ऐसे में सिर्फ मुख्यमंत्री की गंभीरता से कुछ नहीं होने वाला है. बल्कि, पूरी कैबिनेट की गंभीरता नजर आनी चाहिए.
चारधाम यात्रा में मौत के आंकड़े छुपाने का आरोप: उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार चारधाम यात्रा में 120 के आस पास मौतों का आंकड़ा था. जब यह आंकड़ा 200 क्रॉस कर गया, तब जाकर सरकार ने आंकड़े छुपाने शुरू कर दिए. उसके बावजूद सरकार पिछली चारधाम यात्राओं से कोई सबक नहीं लेना चाहती है.
एक्शन में दिखे सीएम धामी: बता दें कि आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वनाग्नि, पेयजल, मॉनसून सीजन के साथ ही चारधाम यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने लापरवाही बरतने पर वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित कर दिया. साथ ही कई कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
विपक्ष के दबाव में लौटे सीएम धामी: ऐसे मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि भले ही विपक्ष के दबाव में मुख्यमंत्री चुनावी कैंपेन छोड़कर लौट आए हों, लेकिन वनाग्नि और चारधाम यात्रा को देखते हुए उनके वो मंत्री कहां हैं, जो पिछली बार भी गायब थे.
वहीं, करन माहरा ने उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान हालातों को देखते हुए फारेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में बदलाव होना जरूरी है. उन्होंने उत्तराखंड के जल रहे जंगलों पर वन मंत्री के वीडियो कॉलिंग के माध्यम से वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए जाने पर आपत्ति भी जताई.
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