लखनऊ: उत्तर प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था और पुलिसिया उत्पीड़न के मुद्दे के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अभद्र व अमर्यादित टिप्पणी करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालय पर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का किया गया. इसी कड़ी में बुधवार को राजधानी लखनऊ में शहीद स्मारक पर कांग्रेसियों ने धरना दिया. जिसका नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने किया. धरना प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, अमेठी सांसद केल शर्मा, रायबरेली सांसद तनुज पुनिया, विधायक आराधना मिश्रा मोना सहित सैकड़ो कांग्रेसी काउपस्थित रहे. कांग्रेस नेताओं द्वारा शहीद स्मारक से मंडल आयोग कार्यालय तक जुलूस निकालने की योजना थी लेकिन पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. जिसको लेकर कांग्रेस नेताओं और पुलिस और प्रशासन के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही.
सीएम आत्ममुग्ध होकर करते हैं अपनी तारीफः इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए अविनाश पांडे ने भाजपा सरकार पर अपराधियों में भेदभाव, जाति और धर्म देखकर कार्रवाई करने व महिला अपराध करने वाले अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. प्रदेश सरकार द्वारा अपराध को रोक पाने में विफल रहने की बात कही. उन्होंने कहा कि योगी सरकार जनता का विश्वास एवं अपराधियों में भय दोनों खो चुकी है. पिछले 7 साल से सत्ता में काबिज सीएम योगी आदित्यनाथ हमेशा जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं. आत्ममुग्ध होकर खुद ही हर मंच से कानून व्यवस्था पर अपनी तारीफ करते नज़र आते रहते हैं, मगर सच्चाई इसके विपरीत है. सरकारी मशीनरी का अपराधियों और अपराध को समाप्त करने को लेकर ईमानदार नीयत न होने के महिलाओं के विरुद्ध अपराध दर्ज हो रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, आम जनमानस पर पुलिसिया उत्पीड़न चरम पर है, भाजपा और उसके सहयोगी दल के नेताओं द्वारा जननायक श्री @RahulGandhi जी के प्रति लगातार हिंसक और अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) September 18, 2024
इन सबके विरुद्ध हल्ला बोलते हुए कांग्रेसजनों ने श्री… pic.twitter.com/bIEwfmvVGS
पूरे देश के कुल अपराध का 25% यूपी में हो रहाः अविनाश पांडेय ने आगे कहा कि गृह मंत्रालय के एनसीआरबी के डाटा को देख तो देश में जितना अपराध हो रहा है. उनमें से 25 प्रतिशत अपराध अकेले उत्तर प्रदेश से हैं. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध 65,743 अपराध दर्ज हुए, जो अन्य किसी राज्य की तुलना में सर्वाधिक है. इसमें जघन्य, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, साइबर अपराध, पीछा करना जैसे अपराधों की देश भर में वर्ष 2023 में कुल 28,811 शिकायतें दर्ज हुईं. जिनमें से 16,109 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से थी, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक.
योगी के शासनकाल में महिलाएं असुरक्षित और सबसे अधिक पीड़ितः विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री मंचों से भाषण देते रहे कि हमारी सरकार अपराधियों को पाताल से खोज लाएगी. लेकिन हकीक़त यह है कि अपराधियों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है. इसका परिणाम यह हुआ कि यूपी पुलिस 2021 के महिलाओं के विरुद्ध अपराध से जुड़े 11732 मामलों की जांच तक नहीं पूरी कर पाई. 2022 में 66,936 मामले थाने पर ही निपटा दिए. महिलाओं पर अत्याचार के 13,097 मामलों में साक्ष्य ही नहीं जुटा पाई या जुटाने की कोशिश नहीं की, जबकि घटनाओं की शिकायतें सही थीं. उन्होंने कहा कि योगी सरकार के शासनकाल में प्रदेश अपराध के जंगल राज में तब्दील हो गया है, कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है. योगी जी खुद को संत और सनातन का ध्वजवाहक बताते हैं, पर शायद वो भूल गए कि सनातन में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है. दुर्भाग्य ये है कि उनके शासनकाल में सबसे ज्यादा असुरक्षित और पीड़ित महिलाएं ही हैं.
प्रदेश में पुलिस का जंगलराज कायमः सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ठोक डालो, मिट्टी में मिला देंगे, जैसी असंसदीय भाषा का प्रयोग कर प्रदेश के एक विशेष समुदाय में डर पैदा कर पुलिस को एक तरफा कार्रवाई की. असंवैधानिक छूट देकर संविधान की अवमानना भी कर रहे हैं. लोकतंत्र में भरोसा न रखने वाले मुख्यमंत्री को पुलिस राज पसंद है, क्योंकि इसके जरिए वो विपक्षी दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर भी कार्रवाई कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. झांसी में चलती हुई गाड़ी में हुए बलात्कार का मामला, जनपद जौनपुर में मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर, रायबरेली में अर्जुन पासी की हत्या या अभी हाल ही में 11 सितंबर को कानपुर में सिर काटकर महिला की हत्या का मामला रहा हो. उक्त सभी घटनाएं दर्शाती हैं कि प्रदेश में संविधान का राज नहीं बल्कि पुलिस का जंगलराज कायम है.