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कांग्रेसियों का हल्ला बोल; अविनाश पांडेय बोले-विश्वास खो चुकी है योगी सरकार, जनता पर पुलिसिया उत्पीड़न चरम पर - CONGRESS PROTEST LUCKNOW

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 3:27 PM IST

राजधानी लखनऊ में कांग्रेस की ओर से धरना-प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कांग्रेसियों और पुलिस में झड़प हुई. प्रदर्शन में राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए योगी सरकार पर जमकर हमला बोला.

लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन करते अविनाश पांडेय, अजय राय व अन्य कांग्रेसी.
लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन करते अविनाश पांडेय, अजय राय व अन्य कांग्रेसी. (Etv Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था और पुलिसिया उत्पीड़न के मुद्दे के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अभद्र व अमर्यादित टिप्पणी करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालय पर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का किया गया. इसी कड़ी में बुधवार को राजधानी लखनऊ में शहीद स्मारक पर कांग्रेसियों ने धरना दिया. जिसका नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने किया. धरना प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, अमेठी सांसद केल शर्मा, रायबरेली सांसद तनुज पुनिया, विधायक आराधना मिश्रा मोना सहित सैकड़ो कांग्रेसी काउपस्थित रहे. कांग्रेस नेताओं द्वारा शहीद स्मारक से मंडल आयोग कार्यालय तक जुलूस निकालने की योजना थी लेकिन पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. जिसको लेकर कांग्रेस नेताओं और पुलिस और प्रशासन के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही.

लखनऊ में कांग्रेसियों का विरोध प्रदर्शन. (Video Credit; ETV Bharat)


सीएम आत्ममुग्ध होकर करते हैं अपनी तारीफः इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए अविनाश पांडे ने भाजपा सरकार पर अपराधियों में भेदभाव, जाति और धर्म देखकर कार्रवाई करने व महिला अपराध करने वाले अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. प्रदेश सरकार द्वारा अपराध को रोक पाने में विफल रहने की बात कही. उन्होंने कहा कि योगी सरकार जनता का विश्वास एवं अपराधियों में भय दोनों खो चुकी है. पिछले 7 साल से सत्ता में काबिज सीएम योगी आदित्यनाथ हमेशा जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं. आत्ममुग्ध होकर खुद ही हर मंच से कानून व्यवस्था पर अपनी तारीफ करते नज़र आते रहते हैं, मगर सच्चाई इसके विपरीत है. सरकारी मशीनरी का अपराधियों और अपराध को समाप्त करने को लेकर ईमानदार नीयत न होने के महिलाओं के विरुद्ध अपराध दर्ज हो रहे हैं.

पूरे देश के कुल अपराध का 25% यूपी में हो रहाः अविनाश पांडेय ने आगे कहा कि गृह मंत्रालय के एनसीआरबी के डाटा को देख तो देश में जितना अपराध हो रहा है. उनमें से 25 प्रतिशत अपराध अकेले उत्तर प्रदेश से हैं. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध 65,743 अपराध दर्ज हुए, जो अन्य किसी राज्य की तुलना में सर्वाधिक है. इसमें जघन्य, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, साइबर अपराध, पीछा करना जैसे अपराधों की देश भर में वर्ष 2023 में कुल 28,811 शिकायतें दर्ज हुईं. जिनमें से 16,109 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से थी, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक.

धरना स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी.
धरना स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी. (Photo Credit; ETV Bharat)
मुख्यमंत्री करते हैं अपराधियों में भेदभावः वहीं, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश हत्या, बलात्कार, अपहरण, बलात्कार के बाद हत्या, गैंगरेप और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में नंबर 1 बना हुआ है. इससे ज्यादा शर्मानाक यह है कि इन आकड़ों के आने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई ठोस पुख्ता इंतजाम अपराधों को रोकने के लिए नही किया जा रहा है. योगी आदित्यनाथ की सरकार जाति और धर्म देखकर कार्रवाई कर रही है. बुलडोजर चला रही और फर्जी एनकाउंटर करवा रही है. अजय राय ने कहा कि गोमती नगर लखनऊ में बरसात के बाद कुछ शोहदों द्वारा एक लड़की के साथ अभद्रता की गई, जिसमें 16 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. लेकिन सदन में योगी जी ने सिर्फ दो नाम लिये, जिसमें एक यादव और एक मुस्लिम है. दूसरी घटना जनपद सुल्तानपुर सर्राफा लूटकांड में पूर्वाग्रही कार्रवाई हुई. 3 आरोपियों को पैर में गोली मारकर पकड़ा गया, लेकिन मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी गई. वहीं, मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने पुलिस और एसटीएफ की नाक के नीचे से सरेंडर करा दिया गया. मुख्यमंत्री की यह सोच अपराधियों में भेदभाव की नीयत को दिखाती है.

योगी के शासनकाल में महिलाएं असुरक्षित और सबसे अधिक पीड़ितः विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री मंचों से भाषण देते रहे कि हमारी सरकार अपराधियों को पाताल से खोज लाएगी. लेकिन हकीक़त यह है कि अपराधियों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है. इसका परिणाम यह हुआ कि यूपी पुलिस 2021 के महिलाओं के विरुद्ध अपराध से जुड़े 11732 मामलों की जांच तक नहीं पूरी कर पाई. 2022 में 66,936 मामले थाने पर ही निपटा दिए. महिलाओं पर अत्याचार के 13,097 मामलों में साक्ष्य ही नहीं जुटा पाई या जुटाने की कोशिश नहीं की, जबकि घटनाओं की शिकायतें सही थीं. उन्होंने कहा कि योगी सरकार के शासनकाल में प्रदेश अपराध के जंगल राज में तब्दील हो गया है, कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है. योगी जी खुद को संत और सनातन का ध्वजवाहक बताते हैं, पर शायद वो भूल गए कि सनातन में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है. दुर्भाग्य ये है कि उनके शासनकाल में सबसे ज्यादा असुरक्षित और पीड़ित महिलाएं ही हैं.

प्रदेश में पुलिस का जंगलराज कायमः सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ठोक डालो, मिट्टी में मिला देंगे, जैसी असंसदीय भाषा का प्रयोग कर प्रदेश के एक विशेष समुदाय में डर पैदा कर पुलिस को एक तरफा कार्रवाई की. असंवैधानिक छूट देकर संविधान की अवमानना भी कर रहे हैं. लोकतंत्र में भरोसा न रखने वाले मुख्यमंत्री को पुलिस राज पसंद है, क्योंकि इसके जरिए वो विपक्षी दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर भी कार्रवाई कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. झांसी में चलती हुई गाड़ी में हुए बलात्कार का मामला, जनपद जौनपुर में मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर, रायबरेली में अर्जुन पासी की हत्या या अभी हाल ही में 11 सितंबर को कानपुर में सिर काटकर महिला की हत्या का मामला रहा हो. उक्त सभी घटनाएं दर्शाती हैं कि प्रदेश में संविधान का राज नहीं बल्कि पुलिस का जंगलराज कायम है.

इसे भी पढ़ें-कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी बोले- पीएम मोदी ने जो कहा, वो कभी नहीं किया, नफरत की राजनीति करते हैं भाजपाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था और पुलिसिया उत्पीड़न के मुद्दे के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अभद्र व अमर्यादित टिप्पणी करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालय पर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का किया गया. इसी कड़ी में बुधवार को राजधानी लखनऊ में शहीद स्मारक पर कांग्रेसियों ने धरना दिया. जिसका नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने किया. धरना प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, अमेठी सांसद केल शर्मा, रायबरेली सांसद तनुज पुनिया, विधायक आराधना मिश्रा मोना सहित सैकड़ो कांग्रेसी काउपस्थित रहे. कांग्रेस नेताओं द्वारा शहीद स्मारक से मंडल आयोग कार्यालय तक जुलूस निकालने की योजना थी लेकिन पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. जिसको लेकर कांग्रेस नेताओं और पुलिस और प्रशासन के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही.

लखनऊ में कांग्रेसियों का विरोध प्रदर्शन. (Video Credit; ETV Bharat)


सीएम आत्ममुग्ध होकर करते हैं अपनी तारीफः इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए अविनाश पांडे ने भाजपा सरकार पर अपराधियों में भेदभाव, जाति और धर्म देखकर कार्रवाई करने व महिला अपराध करने वाले अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. प्रदेश सरकार द्वारा अपराध को रोक पाने में विफल रहने की बात कही. उन्होंने कहा कि योगी सरकार जनता का विश्वास एवं अपराधियों में भय दोनों खो चुकी है. पिछले 7 साल से सत्ता में काबिज सीएम योगी आदित्यनाथ हमेशा जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं. आत्ममुग्ध होकर खुद ही हर मंच से कानून व्यवस्था पर अपनी तारीफ करते नज़र आते रहते हैं, मगर सच्चाई इसके विपरीत है. सरकारी मशीनरी का अपराधियों और अपराध को समाप्त करने को लेकर ईमानदार नीयत न होने के महिलाओं के विरुद्ध अपराध दर्ज हो रहे हैं.

पूरे देश के कुल अपराध का 25% यूपी में हो रहाः अविनाश पांडेय ने आगे कहा कि गृह मंत्रालय के एनसीआरबी के डाटा को देख तो देश में जितना अपराध हो रहा है. उनमें से 25 प्रतिशत अपराध अकेले उत्तर प्रदेश से हैं. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध 65,743 अपराध दर्ज हुए, जो अन्य किसी राज्य की तुलना में सर्वाधिक है. इसमें जघन्य, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, साइबर अपराध, पीछा करना जैसे अपराधों की देश भर में वर्ष 2023 में कुल 28,811 शिकायतें दर्ज हुईं. जिनमें से 16,109 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से थी, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक.

धरना स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी.
धरना स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी. (Photo Credit; ETV Bharat)
मुख्यमंत्री करते हैं अपराधियों में भेदभावः वहीं, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश हत्या, बलात्कार, अपहरण, बलात्कार के बाद हत्या, गैंगरेप और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में नंबर 1 बना हुआ है. इससे ज्यादा शर्मानाक यह है कि इन आकड़ों के आने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई ठोस पुख्ता इंतजाम अपराधों को रोकने के लिए नही किया जा रहा है. योगी आदित्यनाथ की सरकार जाति और धर्म देखकर कार्रवाई कर रही है. बुलडोजर चला रही और फर्जी एनकाउंटर करवा रही है. अजय राय ने कहा कि गोमती नगर लखनऊ में बरसात के बाद कुछ शोहदों द्वारा एक लड़की के साथ अभद्रता की गई, जिसमें 16 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. लेकिन सदन में योगी जी ने सिर्फ दो नाम लिये, जिसमें एक यादव और एक मुस्लिम है. दूसरी घटना जनपद सुल्तानपुर सर्राफा लूटकांड में पूर्वाग्रही कार्रवाई हुई. 3 आरोपियों को पैर में गोली मारकर पकड़ा गया, लेकिन मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी गई. वहीं, मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने पुलिस और एसटीएफ की नाक के नीचे से सरेंडर करा दिया गया. मुख्यमंत्री की यह सोच अपराधियों में भेदभाव की नीयत को दिखाती है.

योगी के शासनकाल में महिलाएं असुरक्षित और सबसे अधिक पीड़ितः विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री मंचों से भाषण देते रहे कि हमारी सरकार अपराधियों को पाताल से खोज लाएगी. लेकिन हकीक़त यह है कि अपराधियों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है. इसका परिणाम यह हुआ कि यूपी पुलिस 2021 के महिलाओं के विरुद्ध अपराध से जुड़े 11732 मामलों की जांच तक नहीं पूरी कर पाई. 2022 में 66,936 मामले थाने पर ही निपटा दिए. महिलाओं पर अत्याचार के 13,097 मामलों में साक्ष्य ही नहीं जुटा पाई या जुटाने की कोशिश नहीं की, जबकि घटनाओं की शिकायतें सही थीं. उन्होंने कहा कि योगी सरकार के शासनकाल में प्रदेश अपराध के जंगल राज में तब्दील हो गया है, कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है. योगी जी खुद को संत और सनातन का ध्वजवाहक बताते हैं, पर शायद वो भूल गए कि सनातन में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है. दुर्भाग्य ये है कि उनके शासनकाल में सबसे ज्यादा असुरक्षित और पीड़ित महिलाएं ही हैं.

प्रदेश में पुलिस का जंगलराज कायमः सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ठोक डालो, मिट्टी में मिला देंगे, जैसी असंसदीय भाषा का प्रयोग कर प्रदेश के एक विशेष समुदाय में डर पैदा कर पुलिस को एक तरफा कार्रवाई की. असंवैधानिक छूट देकर संविधान की अवमानना भी कर रहे हैं. लोकतंत्र में भरोसा न रखने वाले मुख्यमंत्री को पुलिस राज पसंद है, क्योंकि इसके जरिए वो विपक्षी दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर भी कार्रवाई कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. झांसी में चलती हुई गाड़ी में हुए बलात्कार का मामला, जनपद जौनपुर में मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर, रायबरेली में अर्जुन पासी की हत्या या अभी हाल ही में 11 सितंबर को कानपुर में सिर काटकर महिला की हत्या का मामला रहा हो. उक्त सभी घटनाएं दर्शाती हैं कि प्रदेश में संविधान का राज नहीं बल्कि पुलिस का जंगलराज कायम है.

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