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बिहार से आया बिहारी बनता है रामगढ़ में मुखिया! जानें, किसने और किसके लिए ऐसा कहा - Demographic Change - DEMOGRAPHIC CHANGE

MLA Shilpi Neha Tirkey targeted MP Nishikant Dubey. दिल्ली से निकली जुबानी तीर अब मुद्दा बनकर झारखंड के सियासी गलियारों में सुनाई दे रहा है. लोकसभा में जो कुछ भी कहा गया वो कोई छोटी बात नहीं थी. ये बात अब तूल पकड़ता जा रहा है प्रदेश के सत्तापक्ष के लोग विपक्ष को आड़े हाथों ले रहे हैं.

Congress MLA Shilpi Neha Tirkey targeted MP Nishikant Dubey on issue of Bangladeshi infiltrators
विधायक शिल्पी नेहा तिर्की (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 27, 2024, 8:46 PM IST

रांची: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और संथाल के कई जिलों में डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. इस मुद्दे पर जहां भाजपा काफी आक्रामक है तो दूसरी ओर कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने पूरे राज्य में डेमोग्राफिक चेंज की बात कहते-कहते यह कह गयीं कि आज रामगढ़ में मुखिया बिहार से आया बिहारी बनता है.

कांग्रेस विधायक का सांसद निशिकांत पर निशाना (ETV Bharat)

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लोकसभा में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाके को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग पर प्रतिक्रिया दी है. इसको लेकर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि क्या भाजपा और उनके सांसद झारखंड के कुछ भाग को अलग कर उसे जम्मू कश्मीर और मणिपुर बनाना चाहते हैं. राज्य की जनता यह नहीं होने देगी और अगले विधानसभा चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी.

'बिहार से आया बिहारी रामगढ़ का मुखिया बनता है'

कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि जो लोग संथाल में डेमोग्राफिक चेंज की बात करते हैं उन्हें रांची से इसकी शुरुआत करनी चाहिए. राजधानी में आदिवासियों और मूलवासियों को कालीन के नीचे ढक दिया गया है. शहर और आलीशान भवनों से दूर यहां के आदिवासी-मूलवासियों को किसी कोना-खोमचा में समेट कर रख दिया गया है. विधायक ने कहा कि आज रामगढ़ की क्या स्थिति है वहां मुखिया कौन बनता है. बिहार से आया बिहारी रामगढ़ का मुखिया बनता है. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में डेमोग्राफिक चेंज हुआ है और बात रांची से शुरू होनी चाहिए, संथाल की बात हम बाद में करेंगे.

'आदिवासी-मूलवासी को सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा ने पहुंचाया'

कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य की सत्ता में सबसे ज्यादा दिन कौन लोग थे या किसी से छुपा हुआ नहीं है. 1985 आधारित डोमिसाइल नीति लाकर इन्होंने अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को भी झारखंडी होने का डोमिसाइल बनाकर राज्य के आदिवासी-मूलवासी के हितों से खिलवाड़ किया है.

संसद में क्या कहा था निशिकांत दुबे ने

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में अपनी बात रखते हुए कहा कि 2000 में जब बिहार से झारखंड अलग हुआ था तब संथाल में आदिवासियों की आबादी 36 प्रतिशत थी जो अब घटकर सिर्फ 26 प्रतिशत रह गई है. इस मुद्दे पर झारखंड की मौजूदा सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने अपने भाषण में कहा की घुसपैठिए आदिवासी औरतों से शादी करते हैं. उनका कहना है कि महिलाएं जो आदिवासी कोटे से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं उनके पति मुसलमान हैं. जिला परिषद की अध्यक्षा के पति मुसलमान है. सौ आदिवासी महिला मुखिया एसी हैं जिनके पति मुसलमान हैं.

सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हर चुनाव में 15 से 17 प्रतिशत वोटर आमतौर पर बढ़ते हैं लेकिन हमारे यहां 123 प्रतिशत वोटर बढ़ें हैं. उन्होंने कहा कि मधुपुर विधानसभा में 267 बूथों पर 117 प्रतिशत से अधिक मुसलमानों की आबादी बढ़ गई है. झारखंड में कम से कम 25 विधानसभा क्षेत्रों में जहां 110 प्रतिशत से 123 प्रतिशत तक मुसलमानों की आबादी बढ़ी है यह चिंता का विषय है. संसद में अपनी बात को रखते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने तारापुर इलामी और डांगापाडा का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद से लोग आते हैं और स्थानीय लोगों को भगा देते हैं. गांव के गांव खाली हो रहे है और वहां के लोग इन जगहों पर आकर दंगा करते हैं.

सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से मालदा, मुर्शिदाबाद, किशनगंज अररिया, कटिहार और पूरे संथाल को यूनियन टेरिटरी बनाने और साथ ही एनआरसी लागू करने की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी माना है कि यहां मुसलमानों की आबादी बहुत बढ़ गई है और उसमें केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए संसद की एक कमेटी को वहां जाकर जांच करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2010 की लॉ कमीशन की रिपोर्ट को लागू करें.

इसे भी पढ़ें- संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रहा है तो गृह मंत्रालय कसे नकेल, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने केंद्र को घेरा - Jharkhand Minority Commission

इसे भी पढे़ं- संथाल परगना में डेमोग्राफी चेंज और बांग्लादेशी घुसपैठ पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग गंभीर, कराई जाएगी स्वतंत्र एजेंसी से जांचः आशा लकड़ा - Infiltration In Santhal Pargana

इसे भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के कुछ जिलों को मिलाकर बनाएं केंद्र शासित प्रदेश, नहीं तो नहीं बचेंगे हिंदू - निशिकांत दुबे - Nishikant Dubey

रांची: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और संथाल के कई जिलों में डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. इस मुद्दे पर जहां भाजपा काफी आक्रामक है तो दूसरी ओर कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने पूरे राज्य में डेमोग्राफिक चेंज की बात कहते-कहते यह कह गयीं कि आज रामगढ़ में मुखिया बिहार से आया बिहारी बनता है.

कांग्रेस विधायक का सांसद निशिकांत पर निशाना (ETV Bharat)

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लोकसभा में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाके को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग पर प्रतिक्रिया दी है. इसको लेकर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि क्या भाजपा और उनके सांसद झारखंड के कुछ भाग को अलग कर उसे जम्मू कश्मीर और मणिपुर बनाना चाहते हैं. राज्य की जनता यह नहीं होने देगी और अगले विधानसभा चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी.

'बिहार से आया बिहारी रामगढ़ का मुखिया बनता है'

कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि जो लोग संथाल में डेमोग्राफिक चेंज की बात करते हैं उन्हें रांची से इसकी शुरुआत करनी चाहिए. राजधानी में आदिवासियों और मूलवासियों को कालीन के नीचे ढक दिया गया है. शहर और आलीशान भवनों से दूर यहां के आदिवासी-मूलवासियों को किसी कोना-खोमचा में समेट कर रख दिया गया है. विधायक ने कहा कि आज रामगढ़ की क्या स्थिति है वहां मुखिया कौन बनता है. बिहार से आया बिहारी रामगढ़ का मुखिया बनता है. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में डेमोग्राफिक चेंज हुआ है और बात रांची से शुरू होनी चाहिए, संथाल की बात हम बाद में करेंगे.

'आदिवासी-मूलवासी को सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा ने पहुंचाया'

कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य की सत्ता में सबसे ज्यादा दिन कौन लोग थे या किसी से छुपा हुआ नहीं है. 1985 आधारित डोमिसाइल नीति लाकर इन्होंने अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को भी झारखंडी होने का डोमिसाइल बनाकर राज्य के आदिवासी-मूलवासी के हितों से खिलवाड़ किया है.

संसद में क्या कहा था निशिकांत दुबे ने

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में अपनी बात रखते हुए कहा कि 2000 में जब बिहार से झारखंड अलग हुआ था तब संथाल में आदिवासियों की आबादी 36 प्रतिशत थी जो अब घटकर सिर्फ 26 प्रतिशत रह गई है. इस मुद्दे पर झारखंड की मौजूदा सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने अपने भाषण में कहा की घुसपैठिए आदिवासी औरतों से शादी करते हैं. उनका कहना है कि महिलाएं जो आदिवासी कोटे से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं उनके पति मुसलमान हैं. जिला परिषद की अध्यक्षा के पति मुसलमान है. सौ आदिवासी महिला मुखिया एसी हैं जिनके पति मुसलमान हैं.

सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हर चुनाव में 15 से 17 प्रतिशत वोटर आमतौर पर बढ़ते हैं लेकिन हमारे यहां 123 प्रतिशत वोटर बढ़ें हैं. उन्होंने कहा कि मधुपुर विधानसभा में 267 बूथों पर 117 प्रतिशत से अधिक मुसलमानों की आबादी बढ़ गई है. झारखंड में कम से कम 25 विधानसभा क्षेत्रों में जहां 110 प्रतिशत से 123 प्रतिशत तक मुसलमानों की आबादी बढ़ी है यह चिंता का विषय है. संसद में अपनी बात को रखते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने तारापुर इलामी और डांगापाडा का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद से लोग आते हैं और स्थानीय लोगों को भगा देते हैं. गांव के गांव खाली हो रहे है और वहां के लोग इन जगहों पर आकर दंगा करते हैं.

सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से मालदा, मुर्शिदाबाद, किशनगंज अररिया, कटिहार और पूरे संथाल को यूनियन टेरिटरी बनाने और साथ ही एनआरसी लागू करने की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी माना है कि यहां मुसलमानों की आबादी बहुत बढ़ गई है और उसमें केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए संसद की एक कमेटी को वहां जाकर जांच करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2010 की लॉ कमीशन की रिपोर्ट को लागू करें.

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