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यूपी में पसमांदा मुसलमानों पर कांग्रेस की नजर; पार्टी को मजबूत करने के लिए चलाएगी अभियान - Congress New Policy in UP - CONGRESS NEW POLICY IN UP

पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर 26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके अलावा ओबीसी और अनुसूचित समाज जैसे पासी, मल्लाह समाज के लोगों को जोड़ने के लिए पिछड़ा वर्ग कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस भी समाज के बड़े नेताओं को इस बैठक में बुलाया जाएगा.

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यूपी में पसमांदा मुसलमानों पर कांग्रेस की नजर. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 10:21 AM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने कोर हिन्दू वोट बैंक के साथ पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने के लिए काफी अभियान चलाया था. पर चुनाव में बीजेपी को पसमांदा समाज का वोट उम्मीद के अनुसार नहीं मिला. अब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जाति आधारित जनगणन और आरक्षण के मुद्दे को लेकर पसमांदा मुसलमानों में पैठ बनाने के लिए विशेष अभियान चलाएगी.

उससे पहले पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर 26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके अलावा ओबीसी और अनुसूचित समाज जैसे पासी, मल्लाह समाज के लोगों को जोड़ने के लिए पिछड़ा वर्ग कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस भी समाज के बड़े नेताओं को इस बैठक में बुलाया जाएगा.

यूपी में कांग्रेस की नई नीति के बारे में बताते अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम. (Video Credit; ETV Bharat)

यूपी में कितने हैं पसमांदा मुस्लिम: कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने बताया कि पिछड़ों और वंचित समाज के युवाओं को नौकरी में आरक्षण दिलाने के लिए जरूरी है कि जाति आधारित जनगणना हो. इसके लिए लोगों को जागरूक करने का काम शुरू किया जा रहा है. नौकरियों में बाकी समाज के लोगों के लिए आरक्षण की क्या नियमावली है, यह तो स्पष्ट है पर अल्पसंख्यकों में विशेष कर इसको लेकर जागरूकता नहीं है. देश में जो मुस्लिम समाज है उसमें उसकी आबादी का 85% मुसलमान पसमांदा (ओबीसी) समाज से आता है. पर उनमें अपने अधिकारों को लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं है.

26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के अवसर पर अल्पसंख्यक कांग्रेस, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस मिलकर अपने-अपने समाज के लोगों को आरक्षण जाति का जनगणना जैसे मुद्दों पर जागरूक करने का अभियान शुरू करने जा रही है. इसलिए इस दिन इन सभी समाज के बड़े नेताओं को पार्टी कार्यालय में बुलाकर हमारे नेता राहुल गांधी के विचारों और योजनाओं के बारे में बताया जाएगा.

जाति आधारित जनगणना पर जोर: शाहनवाज आलम ने बताया कि हमारे नेता राहुल गांधी आरक्षण में 50% की बाध्यता को समाप्त करने की बात कह रहे हैं और वह जाति आधारित जनगणना के अनुसार जो चीज सामने आएंगी उस आधार पर आरक्षण को वरीयता देने के पक्ष में है.

भाजपा सिर्फ बातें करती है, पिछड़ो को उनका हक नहीं देती: शाहनवाज आलम ने बताया कि आम चुनाव में भाजपा नेता यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार पसमांदा समाज को पिछड़ा बताया गया. भाजपा और उनके नेताओं द्वारा पसमांदा समाज को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गई. पर जो असलियत है वह इसके ठीक उलट है.

भाजपा पसमांदा मुस्लिम समाज को रिझाने के लिए 'पसमांदा स्नेहा संवाद यात्रा' तो निकाल कर उनके बीच में पैठ बनाने की कोशिश की पर मुस्लिम समाज बीजेपी के हर हाथ करने से वाकिफ है. इसलिए उन्होंने लोकसभा चुनाव में उनका साथ नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि भाजपा पसमांदा समाज को उनके हक देने की बात करती है पर 9 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में भाजपा ने पसमांदा समाज को अनुसूचित वर्ग में रखकर आरक्षण दिए जाने का विरोध क्यों किया था. यह बात साबित करती है कि भाजपा केवल पसमांदा समाज को केवल एक वोट बैंक के तौर पर प्रयोग करना चाहती है.

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी-केशव मौर्य 29 को फिर से आएंगे एक मंच पर; 'संगठन बनाम सरकार' जैसे हंगामे के आसार

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने कोर हिन्दू वोट बैंक के साथ पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने के लिए काफी अभियान चलाया था. पर चुनाव में बीजेपी को पसमांदा समाज का वोट उम्मीद के अनुसार नहीं मिला. अब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जाति आधारित जनगणन और आरक्षण के मुद्दे को लेकर पसमांदा मुसलमानों में पैठ बनाने के लिए विशेष अभियान चलाएगी.

उससे पहले पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर 26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके अलावा ओबीसी और अनुसूचित समाज जैसे पासी, मल्लाह समाज के लोगों को जोड़ने के लिए पिछड़ा वर्ग कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस भी समाज के बड़े नेताओं को इस बैठक में बुलाया जाएगा.

यूपी में कांग्रेस की नई नीति के बारे में बताते अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम. (Video Credit; ETV Bharat)

यूपी में कितने हैं पसमांदा मुस्लिम: कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने बताया कि पिछड़ों और वंचित समाज के युवाओं को नौकरी में आरक्षण दिलाने के लिए जरूरी है कि जाति आधारित जनगणना हो. इसके लिए लोगों को जागरूक करने का काम शुरू किया जा रहा है. नौकरियों में बाकी समाज के लोगों के लिए आरक्षण की क्या नियमावली है, यह तो स्पष्ट है पर अल्पसंख्यकों में विशेष कर इसको लेकर जागरूकता नहीं है. देश में जो मुस्लिम समाज है उसमें उसकी आबादी का 85% मुसलमान पसमांदा (ओबीसी) समाज से आता है. पर उनमें अपने अधिकारों को लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं है.

26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के अवसर पर अल्पसंख्यक कांग्रेस, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस मिलकर अपने-अपने समाज के लोगों को आरक्षण जाति का जनगणना जैसे मुद्दों पर जागरूक करने का अभियान शुरू करने जा रही है. इसलिए इस दिन इन सभी समाज के बड़े नेताओं को पार्टी कार्यालय में बुलाकर हमारे नेता राहुल गांधी के विचारों और योजनाओं के बारे में बताया जाएगा.

जाति आधारित जनगणना पर जोर: शाहनवाज आलम ने बताया कि हमारे नेता राहुल गांधी आरक्षण में 50% की बाध्यता को समाप्त करने की बात कह रहे हैं और वह जाति आधारित जनगणना के अनुसार जो चीज सामने आएंगी उस आधार पर आरक्षण को वरीयता देने के पक्ष में है.

भाजपा सिर्फ बातें करती है, पिछड़ो को उनका हक नहीं देती: शाहनवाज आलम ने बताया कि आम चुनाव में भाजपा नेता यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार पसमांदा समाज को पिछड़ा बताया गया. भाजपा और उनके नेताओं द्वारा पसमांदा समाज को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गई. पर जो असलियत है वह इसके ठीक उलट है.

भाजपा पसमांदा मुस्लिम समाज को रिझाने के लिए 'पसमांदा स्नेहा संवाद यात्रा' तो निकाल कर उनके बीच में पैठ बनाने की कोशिश की पर मुस्लिम समाज बीजेपी के हर हाथ करने से वाकिफ है. इसलिए उन्होंने लोकसभा चुनाव में उनका साथ नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि भाजपा पसमांदा समाज को उनके हक देने की बात करती है पर 9 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में भाजपा ने पसमांदा समाज को अनुसूचित वर्ग में रखकर आरक्षण दिए जाने का विरोध क्यों किया था. यह बात साबित करती है कि भाजपा केवल पसमांदा समाज को केवल एक वोट बैंक के तौर पर प्रयोग करना चाहती है.

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी-केशव मौर्य 29 को फिर से आएंगे एक मंच पर; 'संगठन बनाम सरकार' जैसे हंगामे के आसार

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