देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तराखंड में राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया को तेज कर दिया है. खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने पांच लोकसभा सीटों में से तीन लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित भी कर दिए हैं. लेकिन उत्तराखंड में कांग्रेस को चुनाव मैदान में ताल ठोकने वाले बड़े चेहरे नहीं मिल पा रहे हैं. यह वही कांग्रेस है जहां एक समय लोकसभा के टिकट को पाने के लिए बड़े नेताओं में मारामारी देखने को मिलती थी.
बड़े चेहरे चुनावी मैदान में उतरने से बच रहे: उत्तराखंड कांग्रेस में पांच लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है. केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस हाईकमान की होने वाली बैठक के बाद अंतिम निर्णय लिया जाना है. लेकिन इससे पहले उत्तराखंड में पार्टी के दिग्गज नेताओं की चुनाव लड़ने को लेकर दिलचस्पी कम ही दिखाई दे रही है. खासतौर पर पहाड़ी जनपद से जुड़ी लोकसभा सीटों में बड़े चेहरे चुनावी मैदान में उतरने से बचते हुए नजर आ रहे हैं. उधर इससे इतर भारतीय जनता पार्टी तीन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर चुकी है. भारतीय जनता पार्टी ने नैनीताल लोकसभा सीट पर अजय भट्ट, अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर अजय टम्टा और टिहरी लोकसभा सीट पर माला राज्य लक्ष्मी को दोबारा से टिकट दिया है. जबकि पौड़ी और हरिद्वार लोकसभा सीट पर जल्द ही पार्टी नाम तय करने जा रही है.
चुनाव लड़ने के मूड में नहीं दिख रहे नेता: उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए तीन पहाड़ी जनपद वाली लोकसभा में प्रत्याशियों को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत दिखाई दे रही है. इसमें टिहरी लोकसभा सीट, पौड़ी लोकसभा सीट और अल्मोड़ा लोकसभा सीट शामिल है. हालांकि अल्मोड़ा सीट पर प्रदीप टम्टा चुनाव लड़ते रहे हैं. लेकिन हाल ही में हरीश रावत ने यशपाल आर्य को इस सीट पर चुनाव लड़वाने के लिए अपनी राय दी है. उधर टिहरी लोकसभा सीट में प्रीतम सिंह सबसे बड़ा चेहरा हैं और वह इस सीट पर फिलहाल चुनाव लड़ने के मूड में नहीं दिखते. इसी तरह पौड़ी लोकसभा सीट में कोई हैवीवेट चेहरा पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए अब तक आगे नहीं आया है.
हाईकमान पर टिकी सबकी नजर: हरिद्वार लोकसभा सीट पर हरीश रावत और हरक सिंह रावत ने शुरुआती दौर में चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी. लेकिन इसके बाद हरीश रावत ने अपने बेटे को इस सीट पर चुनाव लड़ने की पहल की थी तो हरक सिंह रावत ने भी इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी. इसी बीच जब यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, हरीश रावत के लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने से बचते दिख रहे हैं. तब पूरा फोकस पार्टी हाईकमान पर आ गया है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि इस वक्त पार्टी को अपने नेताओं की जरूरत है और पार्टी हाईकमान जिसे भी चुनाव लड़ने के लिए आदेशित करेगा उसे चुनाव लड़ना होगा.
बीजेपी पुराने चेहरों पर खेल रही दांव: हालांकि उत्तराखंड कांग्रेस के नेता भारतीय जनता पार्टी द्वारा विभिन्न सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किए जाने की बात पर कहते हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी सत्ताधारी दल है. इसलिए वह अपने उन्हें पुराने चेहरों पर दांव खेल रही है, जबकि इन सांसदों का कार्यकाल काफी निराशाजनक रहा है. उत्तराखंड कांग्रेस में प्रत्याशियों के रूप में वैसे तो कई लोगों ने दावेदारी की है. लेकिन इनमें अधिकतर लोग वह है जो प्रदेश में बड़े चेहरे के रूप में नहीं जाने जाते.
बीजेपी ले रही चुटकी: कांग्रेस पार्टी के सामने एक बड़ी परेशानी यह है कि मोदी लहर के बीच चुनाव जीतने के लिए किसी दिग्गज नेता को चुनावी मैदान में उतार जाए, ताकि वह भाजपा के प्रत्याशी को टक्कर दे सके. उधर भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस की स्थिति पर चुटकी लेते हुए कहते हैं कि कांग्रेस को पार्टी में कोई बड़े नेता ही चुनाव लड़ने के लिए नहीं मिल रहे हैं और कांग्रेस चुनाव से पहले ही हार मान चुकी है.
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