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कांग्रेस नेताओं को बयान देने से पहले लेनी होगी अनुमति, जानिए क्यों लिया फैसला - Uttarakhand PCC Letter

Congress Leader And Spokespersons Statements Order in Uttarakhand उत्तराखंड में संवेदनशील मुद्दों पर बयान देने या प्रेस कॉन्फेंस करने से पहले कांग्रेस नेता और प्रवक्ताओं को अनुमति लेनी होगी. अक्सर नेता या प्रवक्ता संवेदनशील मुद्दों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस या फिर मीडिया को बयान दे देते हैं, जिससे पार्टी की फजीहत हो जाती है. लिहाजा, अब उन्हें पीसीसी से अनुमति लेनी अनिवार्य होगी.

Uttarakhand Congress
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 23, 2024, 10:55 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी नेताओं और प्रवक्ताओं को संवेदनशील मुद्दों पर प्रेस वार्ता या बयान देने पर रोक लगा दी है. बकायदा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक पत्र जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि भविष्य में पत्रकार वार्ता और संवेदनशील मुद्दों पर बयान देने से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुमति जरूर लें.

बता दें कि कुछ नेता और प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सूचित किए बिना ही प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर देते हैं. इसके अलावा पार्टी के नेता गंभीर विषयों पर मीडिया को बाइट दे रहे हैं. कांग्रेस के ऐसे नेता भी हैं, जो अपने कैंप कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को बयान भी जारी करते हैं. जिससे कभी कभार पार्टी की फजीहत हो जाती है. लिहाजा, ऐसा करने वाले नेताओं के लिए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक पत्र जारी किया.

Karan Mahara Letter
करन माहरा की ओर से जारी पत्र (फोटो- Uttarakhand Congress)

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कोई बयान देने या फिर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने से पहले पीसीसी की इजाजत लेना जरूरी है. पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अक्सर ये देखने में मिलता है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जानकारी दिए बिना पत्रकार वार्ता का आयोजन किया जाता है, जो कि उचित प्रतीत नहीं होता है. इसलिए सभी नेताओं और प्रवक्ताओं से अपेक्षा है कि भविष्य में पत्रकार वार्ता और संवेदनशील मुद्दों पर बाइट देने से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुमति लेना जरूरी है.

दरअसल, करन माहरा का यह कदम पार्टी अनुशासन के रूप में भी माना जा रहा है. क्योंकि, कई ऐसे गंभीर विषयों पर पार्टी के नेता मीडिया को ऐसे बयान दे रहे थे. जिससे पार्टी के लिए बचाव करना मुश्किल हो रहा था. केदारनाथ में सोने की परत मामला, कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट लगाने, दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ नाम से मंदिर, शंकराचार्य का अपमान जैसे कई ऐसे विषय में पार्टी लाइन से से हटकर बयान दे रहे थे. अब करन माहरा के नेतृत्व में कल से हरिद्वार से केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा शुरू होने जा रही है तो उससे पहले माहरा ने पत्र लिखकर सभी नेताओं को गंभीर मामलों पर बाइट देने से पहले पीसीसी को अवगत कराने को कहा है.

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देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी नेताओं और प्रवक्ताओं को संवेदनशील मुद्दों पर प्रेस वार्ता या बयान देने पर रोक लगा दी है. बकायदा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक पत्र जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि भविष्य में पत्रकार वार्ता और संवेदनशील मुद्दों पर बयान देने से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुमति जरूर लें.

बता दें कि कुछ नेता और प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सूचित किए बिना ही प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर देते हैं. इसके अलावा पार्टी के नेता गंभीर विषयों पर मीडिया को बाइट दे रहे हैं. कांग्रेस के ऐसे नेता भी हैं, जो अपने कैंप कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को बयान भी जारी करते हैं. जिससे कभी कभार पार्टी की फजीहत हो जाती है. लिहाजा, ऐसा करने वाले नेताओं के लिए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक पत्र जारी किया.

Karan Mahara Letter
करन माहरा की ओर से जारी पत्र (फोटो- Uttarakhand Congress)

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कोई बयान देने या फिर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने से पहले पीसीसी की इजाजत लेना जरूरी है. पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अक्सर ये देखने में मिलता है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जानकारी दिए बिना पत्रकार वार्ता का आयोजन किया जाता है, जो कि उचित प्रतीत नहीं होता है. इसलिए सभी नेताओं और प्रवक्ताओं से अपेक्षा है कि भविष्य में पत्रकार वार्ता और संवेदनशील मुद्दों पर बाइट देने से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुमति लेना जरूरी है.

दरअसल, करन माहरा का यह कदम पार्टी अनुशासन के रूप में भी माना जा रहा है. क्योंकि, कई ऐसे गंभीर विषयों पर पार्टी के नेता मीडिया को ऐसे बयान दे रहे थे. जिससे पार्टी के लिए बचाव करना मुश्किल हो रहा था. केदारनाथ में सोने की परत मामला, कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट लगाने, दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ नाम से मंदिर, शंकराचार्य का अपमान जैसे कई ऐसे विषय में पार्टी लाइन से से हटकर बयान दे रहे थे. अब करन माहरा के नेतृत्व में कल से हरिद्वार से केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा शुरू होने जा रही है तो उससे पहले माहरा ने पत्र लिखकर सभी नेताओं को गंभीर मामलों पर बाइट देने से पहले पीसीसी को अवगत कराने को कहा है.

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