लखनऊ: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी के राज्यसभा से प्रत्याशी बनते ही सवाल उठने लगे हैं कि अब रायबरेली से पार्टी का प्रत्याशी कौन होगा. कांग्रेस को रायबरेली से नए प्रत्याशी को मैदान में उतारना पड़ेगा. इसके बाद से प्रियंका गांधी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. पार्टी नेताओं का मानना है कि प्रियंका गांधी अपनी मां की सीट से उम्मीदवारी कर सकती हैं.
प्रियंका के नाम की चर्चा तेज: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से कांग्रेस की एक मात्र सांसद और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी ने राज्यसभा से प्रत्याशी बनाया है. पार्टी की ओर से उनके नाम की घोषणा होने के साथ ही सवाल उठने लगे कि अब रायबरेली से कांग्रेस किसको मैदान में उतारेगी. क्या 20 साल बाद गांधी परिवार से इतर कोई कांग्रेसी नेता उम्मीदवार होगा या प्रियंका इस सीट से लड़ेंगी लोकसभा चुनाव? सोनिया इस सीट से साल 2004 से ही प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं. ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि प्रियंका गांधी को अपनी मां विरासत सौंपी जा सकती है. पार्टी नेताओं की भी मांग है कि प्रियंका को कैंडिडेट बनाया जाए.
खराब सेहत की वजह से सोनिया ने छोड़ी उम्मीदवारी: रायबरेली से सोनिया गांधी के चुनाव नहीं लड़ने की बड़ी वजह लगातार उनकी खराब सेहत को बताया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीते कुछ समय से सोनिया गांधी की तबीयत काफी खराब रह रही है. ऐसे में वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए शारीरिक रूप से तैयार नहीं थी. इसे देखते हुए कांग्रेस उन्हें राज्यसभा भेज रही है. गुरुवार को उन्होंने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन किया.
गांधी परिवार की पारंपरिक सीट है रायबरेली: उत्तर प्रदेश में रायबरेली लोकसभा सीट गांधी परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है. इस सीट पर सबसे पहले इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने चुनाव लड़ा. उसके बाद 1977 में इंदिरा गांधी इस सीट से चुनाव हार गई थीं. फिर 1996 और 98 के लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के उम्मीदवार ने चुनाव जीता था. फिर 2004 में इस लोकसभा सीट को दोबारा से सोनिया गांधी ने जीतकर अब तक कांग्रेस के लिए अजय बनाकर रखा.
2004 से लगातार सोनिया को मिले 54% से अधिक मत: सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट को 2004 में पहली बार जीता. तब से साल 2019 तक लगातार उनको 54% वोट हासिल हुए. ये सोनिया गांधी की लोकप्रियता ही रही कि हर चुनाव में उनको आधे से अधिक वोट मिले.