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हरीश रावत ने हनुमान जयंती पर किया डाडा जलालपुर को याद, कहा- किसी और जगह से निकले यात्रा, बीजेपी ने बोला हमला - Hanuman Jayanti 2024

Harish Rawat on Hanuman Jayanti 2024 पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हनुमान जयंती पर डाडा जलालपुर को याद किया है. साथ ही कहा कि शोभायात्रा किसी और सही जगह से निकले. जिस पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है. बीजेपी का साफ कहना है कि उन्हें ये बताने की जरूरत नहीं कि यात्रा कहां से निकलेगी. आखिरकार हरीश रावत किस घटना का जिक्र कर रहे हैं, आपको विस्तार से बताते हैं.

Congress Leader Harish Rawat
हरीश रावत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 23, 2024, 6:42 AM IST

देहरादून: आज 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी. इस मौके पर जगह-जगह शोभायात्रा भी निकाली जाएंगी. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लोगों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही हरिद्वार के डाडा जलालपुर (हरीश रावत ने इसे टांडा जमालपुर लिखा है) में हुई 2 साल पहले की घटना को याद किया है. उन्होंने घटना को याद कर कहा कि हनुमान जयंती पर दो साल पहले की घटना दोबारा ना हो.

क्या थी घटना? यह घटना 16 अप्रैल 2022 की है, जब हरिद्वार के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी. जहां शोभायात्रा निकालते समय दो पक्षों के बीच आपस में विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गए. इतना ही नहीं आगजनी भी की गई, जिसमें एक कार समेत दो बाइक भी जल गई. साथ ही हिंसा के दौरान एक झोपड़ी को भी फूंक दिया गया था. जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था.

वहीं, इस हिंसा में दोनों पक्षों से करीब 10 लोग घायल हो गए थे. उन्हें आनन-फानन में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस पथराव और आगजनी के बाद डाडा जलालपुर गांव की गलियों में सन्नाटा पसर गया था. जिस वक्त ये घटना हुई, ठीक उसी वक्त दिल्ली के जहांगीरपुरी में भी इसी तरह की यात्रा पर पथराव हुआ था. इधर, आनन-फानन में प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में लाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया था, लेकिन तब तक कई दुकानों में तोड़फोड़ और गाड़ियों में आग लगा दी गई थी.

आलम ये था कि लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया था. इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन ने करीब 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी भी की थी. इस घटना के बाद पूरे उत्तराखंड में संवेदनशील इलाकों और यात्राओं पर पुलिस का कड़ा पहरा होने के साथ ही सूचना तंत्र को भी अलर्ट कर दिया गया था.

हरीश रावत बोले- ध्यान रखें, टांडा (डाडा) जैसी घटना ना हो: इस घटना के 2 साल बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है कि 'हनुमान जयंती है, सभी को मैं उसकी बधाई देता हूं, लेकिन मुझे इस बात की चिंता भी है कि टांडा जमालपुर (डाडा जलालपुर) जैसी घटना दोबारा ना हो. क्योंकि, उत्तराखंड में कई जगहों पर ऐसे संवेदनशील क्षेत्र हैं. जहां पर तथाकथित भक्त हथियार लेकर के चलते हैं. जो उकसाने वाले नारे लगाते हैं, जिससे अप्रिय घटना घट सकती है.'

हरीश रावत ने आगे लिखा है, 'मैंने हरिद्वार के पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि धनपुरा की जगह किसी और गैर संवेदनशील जगहों से शोभायात्रा निकाली जाए. मैं प्रयास कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी दोनों को भी अपनी चिंता से अवगत करा दूं. जब सांप्रदायिकता द्वेष की घटना घटित होती है तो सबके माथे पर कलंक लगता है.' इसके अलावा हरीश रावत ने अपनी पोस्ट पर और भी कई तरह की बातें लिखी हैं.

बीजेपी ने की हरीश रावत के पोस्ट की आलोचना: वहीं, हरीश रावत के इस सोशल मीडिया पोस्ट के बाद बीजेपी ने उन पर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि हनुमान जयंती के दिन भी हरीश रावत सांप्रदायिक और बजरंगबली के भक्तों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान का कहना है कि हनुमान के भक्त अगर यात्रा निकालेंगे भी तो यह और कोई तय नहीं करेगा कि यात्रा किस मार्ग से गुजरेगी? कांग्रेस के नेताओं को इस तरह के मामले पर राजनीति करने से बचना चाहिए.

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देहरादून: आज 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी. इस मौके पर जगह-जगह शोभायात्रा भी निकाली जाएंगी. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लोगों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही हरिद्वार के डाडा जलालपुर (हरीश रावत ने इसे टांडा जमालपुर लिखा है) में हुई 2 साल पहले की घटना को याद किया है. उन्होंने घटना को याद कर कहा कि हनुमान जयंती पर दो साल पहले की घटना दोबारा ना हो.

क्या थी घटना? यह घटना 16 अप्रैल 2022 की है, जब हरिद्वार के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी. जहां शोभायात्रा निकालते समय दो पक्षों के बीच आपस में विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गए. इतना ही नहीं आगजनी भी की गई, जिसमें एक कार समेत दो बाइक भी जल गई. साथ ही हिंसा के दौरान एक झोपड़ी को भी फूंक दिया गया था. जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था.

वहीं, इस हिंसा में दोनों पक्षों से करीब 10 लोग घायल हो गए थे. उन्हें आनन-फानन में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस पथराव और आगजनी के बाद डाडा जलालपुर गांव की गलियों में सन्नाटा पसर गया था. जिस वक्त ये घटना हुई, ठीक उसी वक्त दिल्ली के जहांगीरपुरी में भी इसी तरह की यात्रा पर पथराव हुआ था. इधर, आनन-फानन में प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में लाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया था, लेकिन तब तक कई दुकानों में तोड़फोड़ और गाड़ियों में आग लगा दी गई थी.

आलम ये था कि लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया था. इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन ने करीब 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी भी की थी. इस घटना के बाद पूरे उत्तराखंड में संवेदनशील इलाकों और यात्राओं पर पुलिस का कड़ा पहरा होने के साथ ही सूचना तंत्र को भी अलर्ट कर दिया गया था.

हरीश रावत बोले- ध्यान रखें, टांडा (डाडा) जैसी घटना ना हो: इस घटना के 2 साल बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है कि 'हनुमान जयंती है, सभी को मैं उसकी बधाई देता हूं, लेकिन मुझे इस बात की चिंता भी है कि टांडा जमालपुर (डाडा जलालपुर) जैसी घटना दोबारा ना हो. क्योंकि, उत्तराखंड में कई जगहों पर ऐसे संवेदनशील क्षेत्र हैं. जहां पर तथाकथित भक्त हथियार लेकर के चलते हैं. जो उकसाने वाले नारे लगाते हैं, जिससे अप्रिय घटना घट सकती है.'

हरीश रावत ने आगे लिखा है, 'मैंने हरिद्वार के पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि धनपुरा की जगह किसी और गैर संवेदनशील जगहों से शोभायात्रा निकाली जाए. मैं प्रयास कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी दोनों को भी अपनी चिंता से अवगत करा दूं. जब सांप्रदायिकता द्वेष की घटना घटित होती है तो सबके माथे पर कलंक लगता है.' इसके अलावा हरीश रावत ने अपनी पोस्ट पर और भी कई तरह की बातें लिखी हैं.

बीजेपी ने की हरीश रावत के पोस्ट की आलोचना: वहीं, हरीश रावत के इस सोशल मीडिया पोस्ट के बाद बीजेपी ने उन पर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि हनुमान जयंती के दिन भी हरीश रावत सांप्रदायिक और बजरंगबली के भक्तों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान का कहना है कि हनुमान के भक्त अगर यात्रा निकालेंगे भी तो यह और कोई तय नहीं करेगा कि यात्रा किस मार्ग से गुजरेगी? कांग्रेस के नेताओं को इस तरह के मामले पर राजनीति करने से बचना चाहिए.

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