देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साल 2016 में उनकी सरकार गिराने की पीड़ा को फिर बयां किया है. हरीश रावत ने सरकार गिराए जाने की पीड़ा को सार्वजनिक करते हुए सोशल मीडिया में अपना वीडियो पोस्ट किया है.हरीश रावत ने कहा कि सरकार गिराने से अकेले हरीश रावत को नुकसान नहीं उठाना पड़ा. बल्कि इसका खामियाजा भाजपा, दलबदलुओं और जनता को भी भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा कि वो इस विषय पर जनता से बातचीत करते रहेंगे.
सरकार गिराने का खामियाजा सबको भुगतना पड़ा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साल 2016 में उनकी सरकार गिरने के दर्द को आज तक नहीं भूले हैं. वहीं सरकार गिराने वालों को वो माफ नहीं करने वाले हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ अक्सर बयान देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया. उन्होंने कहा है कि साल 2016 में हमारी सरकार गिराने का खामियाजा सबको भुगतना पड़ रहा है. सरकार गिराने का प्रयास किया गया और कुछ बड़े लोग पार्टी से टूटकर चले गए. उनके इस कदम से अकेले हरीश रावत को नुकसान नहीं उठाना पड़ा, बल्कि इसका खामियाजा भाजपा और जनता को भी भुगतना पड़ा है.
हरीश रावत ने बयां की पीड़ा: उन्होंने कहा कि हरीश रावत उस घर का बेटा है, जिसकी माता को अपने पति की मृत्यु होने पर दो घरों में जाकर कफन की व्यवस्था के लिए पैसा मांगना पड़ा. अगर उनके मायके से सहायता नहीं मिलती तो शायद अपने पति का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाती. उन्होंने कहा कि भले ही निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बहुत कुछ खोया, लेकिन प्रश्न मेरा नहीं है, बल्कि कांग्रेस,उत्तराखंड और स्वयं दल बदलुओं के नेताओं ने भी बहुत कुछ खोया है. इसके अलावा सरकार गिरने पर भाजपा और राज्य के आम आदमी ने भी बहुत कुछ खोया है. लेकिन किसने क्या खोया, इन सब विषयों पर मैं निरंतर जनता के बीच जाकर बातचीत करता रहूंगा और यह बातचीत कई दिनों तक निरंतर जारी रहेगी.
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