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कांग्रेस के 'सितारों' ने जमीन पर उतरने में कर दी देर! BJP के फायर ब्रांड नेताओं की तैनात है फौज, हरदा पुत्र मोह में फंसे - Lok Sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

उत्तराखंड में 19 अप्रैल को होने वाले मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. एक तरफ जहां बीजेपी अपने दिग्गजों की फौज मैदान में उतार चुकी है, तो वहीं कांग्रेस ने अभी स्टार प्रचारकों की लिस्ट ही जारी की है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 5, 2024, 11:17 AM IST

Updated : Apr 8, 2024, 6:27 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान होना है. उससे पहले तमाम राजनीतिक दल और प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. बीजेपी ने तो चुनाव प्रचार के लिए अपने स्टार प्रचारकों की फौज तक उतार दी है, लेकिन कांग्रेस इसमें भी पीछे ही नजर आ रही है. एक तरह जहां बीजेपी के लिए स्मृति ईरानी, पीएम मोदी और जेपी नड्डा उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के लिए उतर चुके हैं, वहीं अन्य नेताओं के प्रोग्राम भी तय हो रखे हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अब स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है.

Former Congress President Sonia Gandhi
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी

उत्तराखंड में मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रचार-प्रसार में कांग्रेस कहीं नजर ही नहीं आ रही है. कांग्रेस के सुस्त रवैये का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के केंद्रीय नेतृत्व तो दूर राज्य के बड़े नेता भी अपने जिले से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं. कांग्रेस प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के साथ अकेले ही मैदान पर डटे हुए हैं. कांग्रेस का कुछ इसी तरह का हाल साल 2022 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था, जिसके परिणाम आज सबके सामने हैं.

Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा

कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी भी ग्राउंड से गायब: कांग्रेस के लिए चिंता की बात ये है कि उनकी प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने भी उत्तराखंड से दूरी बना रखी है. इतने महत्वपूर्ण चुनाव में जब कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलाजा को राज्य में रहकर चुनाव के लिए रणनीति बनानी चाहिए, वो दिल्ली में बैठी हुई हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस किस तरह से वोटरों को अपने पक्ष में करेगी.

Former CM Harish Rawat
पूर्व सीएम हरीश रावत

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ: उत्तराखंड की चुनावी राजनीति को अच्छे से समझने वाले नरेंद्र सेठी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि इस बार राज्य में चुनाव हो रहे हैं. क्योंकि राज्यों में मात्र 12 से 13 दिन ही चुनाव प्रचार के लिए बचे हैं. अब तक चुनाव प्रचार में भी हर तरफ बीजेपी ही नजर आ रही है. कांग्रेस तो कहीं दिखाई ही नहीं दे रही है.

Uttarakhand Congress in charge Kumari Shailaja
उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा

हरीश रावत पुत्र मोह में फंसे: नरेंद्र सेठी का कहना है कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेता अगर उत्तराखंड में आकर चुनाव प्रचार करें तो कह सकते हैं कि उनके पक्ष भी कुछ माहौल बना रहेगा. वरना अभी की कांग्रेस की स्थिति तो कुछ खास नहीं है. उत्तराखंड में कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता के तौर पर हरीश रावत को जाना है, जो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ केंद्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस के कई राज्यों में प्रभारी भी रह चुके हैं, लेकिन वो भी पुत्र मोह में फंसे हुए हैं और हरिद्वार लोकसभा सीट से बाहर ही नहीं आ रहे हैं. हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस ने हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को मैदान में उतारा है.

जानकार कहते हैं कि इन वरिष्ठ नेता को हरिद्वार लोकसभा सीट के अलावा अन्य सीटों पर भी कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रचार करना चाहिए. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. हरीश रावत हरिद्वार लोकसभा सीट तक ही सिमट कर रहे गए हैं.

सोशल मीडिया पर भी पिछड़ी कांग्रेस: जानकारों का मानना है कि कांग्रेस न सिर्फ चुनाव प्रचार में ग्राउंड पर कमजोर नजर आ रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी न के बराबर ही एक्टिव है. कांग्रेस प्रत्याशी ही सिर्फ सोशल मीडिया पर अपना चुनाव प्रचार करते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कांग्रेस कोई खास एक्टिव नजर नहीं आ रही है.

कांग्रेस के प्रमुख चेहरे चुनाव प्रचार से गायब: नरेंद्र सेठी का कहना है कि जिस तरह बीजेपी ने अपने फायर ब्रांड नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा है, उस तरह कांग्रेस को भी कम से कम अपने कुछ प्रमुख चेहरों जैसे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सचिन पायलट को मैदान में उतारना चाहिए, तभी कुछ मुकाबला बराबर का हो सकता है.

राज्य के नेता भी अपने क्षेत्र तक ही सीमित: नरेंद्र सेठी का मानना है कि कांग्रेस को कम से कम राज्य के बड़े नेताओं को तो चुनाव प्रचार में उतारना ही चाहिए. प्रीतम सिंह ने जौनसार क्षेत्र में एक दो जनसभाएं की हैं, इसके अलावा टिहरी और उत्तरकाशी में वो कहीं नजर ही नहीं आए हैं. यशपाल आर्य उत्तराखंड में एक बड़ा दलित चेहरा हैं. वह भी नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से बाहर नहीं दिखाई दे रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा तो काफी जगह एक्टिव दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उनके अकेले से कुछ नहीं हो सकता है.

क्या कहते हैं हरीश रावत? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत से जब सवाल किया गया कि उनकी जिम्मेदारी तो पांचों लोकसभा सीटों की बनती है, लेकिन वो सिर्फ हरिद्वार तक ही सीमित हो गए हैं. इस पर हरीश रावत ने कहा कि आने वाले दो चार दिनों में वो अन्य जगह भी चुनाव प्रचार करते हुए नजर आएंगे. फिलहाल वो हरिद्वार में व्यस्त होने के कारण बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

बीजेपी ने ली चुटकी: एक तरफ जहां बीजेपी के स्टार प्रचारक ग्राउंड पर भागदौड़ करते नजर आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी की सोशल मीडिया टीम भी काफी एक्टिव रहती है. देहरादून में दोनों ही पार्टियों के प्रदेश मुख्यालयों की बात करें, तो हालात इस तरह के बने हुए हैं, जो नेता सुबह को कांग्रेस दफ्तर में बैठे हुए होते हैं वही शाम को बीजेपी कार्यालय में दिखाई देते हैं.

विपक्ष की इस स्थिति पर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना है कि कांग्रेस जानती है कि लोकसभा चुनाव 2024 उनके हाथ से निकल चुका है. इसीलिए कांग्रेस नेता ज्यादा हाथ पैर मारने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं देश की जनता भी यह जानती है कि अब कांग्रेस के पास कुछ बचा हुआ नहीं है. इंडिया गठबंधन के बाद कांग्रेस ने अपनी हालत और अधिक खराब की है. इसलिए कांग्रेस के तमाम नेता अब जनता को फेस नहीं कर रहे हैं. चौहान की मानें तो आने वाले दिनों में अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्री राज्य में अलग-अलग जनपदों में जनसभाएं और रोड शो करते हुए दिखाई देंगे.

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देहरादून: उत्तराखंड में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान होना है. उससे पहले तमाम राजनीतिक दल और प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. बीजेपी ने तो चुनाव प्रचार के लिए अपने स्टार प्रचारकों की फौज तक उतार दी है, लेकिन कांग्रेस इसमें भी पीछे ही नजर आ रही है. एक तरह जहां बीजेपी के लिए स्मृति ईरानी, पीएम मोदी और जेपी नड्डा उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के लिए उतर चुके हैं, वहीं अन्य नेताओं के प्रोग्राम भी तय हो रखे हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अब स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है.

Former Congress President Sonia Gandhi
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी

उत्तराखंड में मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रचार-प्रसार में कांग्रेस कहीं नजर ही नहीं आ रही है. कांग्रेस के सुस्त रवैये का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के केंद्रीय नेतृत्व तो दूर राज्य के बड़े नेता भी अपने जिले से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं. कांग्रेस प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के साथ अकेले ही मैदान पर डटे हुए हैं. कांग्रेस का कुछ इसी तरह का हाल साल 2022 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था, जिसके परिणाम आज सबके सामने हैं.

Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा

कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी भी ग्राउंड से गायब: कांग्रेस के लिए चिंता की बात ये है कि उनकी प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने भी उत्तराखंड से दूरी बना रखी है. इतने महत्वपूर्ण चुनाव में जब कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलाजा को राज्य में रहकर चुनाव के लिए रणनीति बनानी चाहिए, वो दिल्ली में बैठी हुई हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस किस तरह से वोटरों को अपने पक्ष में करेगी.

Former CM Harish Rawat
पूर्व सीएम हरीश रावत

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ: उत्तराखंड की चुनावी राजनीति को अच्छे से समझने वाले नरेंद्र सेठी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि इस बार राज्य में चुनाव हो रहे हैं. क्योंकि राज्यों में मात्र 12 से 13 दिन ही चुनाव प्रचार के लिए बचे हैं. अब तक चुनाव प्रचार में भी हर तरफ बीजेपी ही नजर आ रही है. कांग्रेस तो कहीं दिखाई ही नहीं दे रही है.

Uttarakhand Congress in charge Kumari Shailaja
उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा

हरीश रावत पुत्र मोह में फंसे: नरेंद्र सेठी का कहना है कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेता अगर उत्तराखंड में आकर चुनाव प्रचार करें तो कह सकते हैं कि उनके पक्ष भी कुछ माहौल बना रहेगा. वरना अभी की कांग्रेस की स्थिति तो कुछ खास नहीं है. उत्तराखंड में कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता के तौर पर हरीश रावत को जाना है, जो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ केंद्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस के कई राज्यों में प्रभारी भी रह चुके हैं, लेकिन वो भी पुत्र मोह में फंसे हुए हैं और हरिद्वार लोकसभा सीट से बाहर ही नहीं आ रहे हैं. हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस ने हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को मैदान में उतारा है.

जानकार कहते हैं कि इन वरिष्ठ नेता को हरिद्वार लोकसभा सीट के अलावा अन्य सीटों पर भी कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रचार करना चाहिए. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. हरीश रावत हरिद्वार लोकसभा सीट तक ही सिमट कर रहे गए हैं.

सोशल मीडिया पर भी पिछड़ी कांग्रेस: जानकारों का मानना है कि कांग्रेस न सिर्फ चुनाव प्रचार में ग्राउंड पर कमजोर नजर आ रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी न के बराबर ही एक्टिव है. कांग्रेस प्रत्याशी ही सिर्फ सोशल मीडिया पर अपना चुनाव प्रचार करते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कांग्रेस कोई खास एक्टिव नजर नहीं आ रही है.

कांग्रेस के प्रमुख चेहरे चुनाव प्रचार से गायब: नरेंद्र सेठी का कहना है कि जिस तरह बीजेपी ने अपने फायर ब्रांड नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा है, उस तरह कांग्रेस को भी कम से कम अपने कुछ प्रमुख चेहरों जैसे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सचिन पायलट को मैदान में उतारना चाहिए, तभी कुछ मुकाबला बराबर का हो सकता है.

राज्य के नेता भी अपने क्षेत्र तक ही सीमित: नरेंद्र सेठी का मानना है कि कांग्रेस को कम से कम राज्य के बड़े नेताओं को तो चुनाव प्रचार में उतारना ही चाहिए. प्रीतम सिंह ने जौनसार क्षेत्र में एक दो जनसभाएं की हैं, इसके अलावा टिहरी और उत्तरकाशी में वो कहीं नजर ही नहीं आए हैं. यशपाल आर्य उत्तराखंड में एक बड़ा दलित चेहरा हैं. वह भी नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से बाहर नहीं दिखाई दे रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा तो काफी जगह एक्टिव दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उनके अकेले से कुछ नहीं हो सकता है.

क्या कहते हैं हरीश रावत? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत से जब सवाल किया गया कि उनकी जिम्मेदारी तो पांचों लोकसभा सीटों की बनती है, लेकिन वो सिर्फ हरिद्वार तक ही सीमित हो गए हैं. इस पर हरीश रावत ने कहा कि आने वाले दो चार दिनों में वो अन्य जगह भी चुनाव प्रचार करते हुए नजर आएंगे. फिलहाल वो हरिद्वार में व्यस्त होने के कारण बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

बीजेपी ने ली चुटकी: एक तरफ जहां बीजेपी के स्टार प्रचारक ग्राउंड पर भागदौड़ करते नजर आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी की सोशल मीडिया टीम भी काफी एक्टिव रहती है. देहरादून में दोनों ही पार्टियों के प्रदेश मुख्यालयों की बात करें, तो हालात इस तरह के बने हुए हैं, जो नेता सुबह को कांग्रेस दफ्तर में बैठे हुए होते हैं वही शाम को बीजेपी कार्यालय में दिखाई देते हैं.

विपक्ष की इस स्थिति पर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना है कि कांग्रेस जानती है कि लोकसभा चुनाव 2024 उनके हाथ से निकल चुका है. इसीलिए कांग्रेस नेता ज्यादा हाथ पैर मारने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं देश की जनता भी यह जानती है कि अब कांग्रेस के पास कुछ बचा हुआ नहीं है. इंडिया गठबंधन के बाद कांग्रेस ने अपनी हालत और अधिक खराब की है. इसलिए कांग्रेस के तमाम नेता अब जनता को फेस नहीं कर रहे हैं. चौहान की मानें तो आने वाले दिनों में अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्री राज्य में अलग-अलग जनपदों में जनसभाएं और रोड शो करते हुए दिखाई देंगे.

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Last Updated : Apr 8, 2024, 6:27 PM IST
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