रांची: भारत चुनाव आयोग के द्वारा झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा समय से पहले किए जाने पर सत्तारूढ़ दल जेएमएम-कांग्रेस ने नाराजगी जताई है. कांग्रेस नेता और हेमंत सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने एतराज जताया है.
इसको लेकर मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी पर चुनाव आयोग को गुमराह करने का आरोप लगाया है और कहा कि इसका खामियाजा राज्य की जनता को छठ जैसे मौके पर भी आचार संहिता के जरिए उठानी पड़ेगी. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में चुनाव कराने का फैसला लिया है. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अभी एक महीना शेष था. इसके बावजूद आयोग ने यह फैसला लिया है अब चुनाव की घोषणा हो गई है. जनता के बीच हम जाएंगे और जनता को निर्णय लेना है.
कांग्रेस-जेएमएम ने जताया एतराज
कांग्रेस प्रवक्ता सतीश मुंजनी ने एतराज जताते हुए कहा कि इस सरकार का कार्यकाल अभी एक महीना और था मगर चुनाव आयोग ने चुनाव कराने का निर्णय लिया है. इसके बावजूद पार्टी और इंडिया गठबंधन पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि गठबंधन के सभी कार्यकर्ता और नेता चुनाव को लेकर के तैयार हैं जिस तरह से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सभी जिलों में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया और इसके जरिए चुनाव की तैयारी की गई उससे हम उत्साहित हैं. चुनाव को लेकर हम काफी समय से तैयारी कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह से हमने राज्य की जनता के लिए काम किया है इसका लाभ हमें जरूर मिलेगा. विपक्ष अंदर से घबराई हुई है और यही वजह है कि मंईयां योजना की जगह फर्जी रूप से गोगो दीदी योजना लाने की बात की जाने लगी है मगर जनता जानती है और सरकार ने 2500 रुपया सम्मान राशि देने का निर्णय कर बड़ी सौगात दिया है.
इसको लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि दो चरणों में चुनाव कराने के पीछे मकसद क्या है. राज्य स्थापना दिवस से पहले चुनाव की तारीख रखना उचित नहीं था. उन्होंने कहा कि भाजपा हेमंत सरकार की लोकप्रियता से दरअसल डर गई है इसलिए जैसे तैसे चुनाव जल्दबाजी में कराना चाहती है.
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