हरिद्वारः उत्तराखंड की सबसे बड़ी लोकसभा सीट मतदाता के लिहाज से हरिद्वार लोकसभा सीट है. हरिद्वार में 20 लाख 35 हजार 726 मतदाता हैं. हरिद्वार सीट पर 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इस सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया है. वीरेंद्र रावत ने मतदान के मौके पर रुड़की में मतदान किया.
हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत ने पूजा अर्चना कर अपने बड़ों का आशीर्वाद लेकर रुड़की के बीएसएम कॉलेज में अपने मत का प्रयोग किया. इस दौरान वीरेंद्र रावत ने जनता से मतदान करने की अपील की. उन्होंने कहा, 'मतदान लोकतंत्र में बहुत बड़ा पर्व है. मतदान न सिर्फ हमारा अधिकार है. बल्कि कर्तव्य भी है. सभी को वोट डालना चाहिए. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी को अपने मत का प्रयोग करना चाहिए और अपने इच्छा अनुसार अपने नेता को चुनें.
वहीं, संसदीय सीट प्रत्याशियों की बात की जाए तो बसपा की ओर से जमील अहमद कासमी चुनाव मैदान में हैं. इसके साथ ही खानपुर विधायक उमेश कुमार शर्मा ने निर्दलीय ताल ठोकी है. यहां मुकाबला चतुष्कोणीय माना जा रहा है. इससे पहले भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक इस सीट से दो बार के लोकसभा सांसद रहे हैं. वर्तमान सांसद होने के बावजूद निशंक को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है. जबकि 2019 में निशंक को हरिद्वार सीट पर कुल वोटों का 52 प्रतिशत वोट मिले थे.
संतों ने किया मतदान : वहीं, लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े अखाड़े जूना अखाड़े ने हरिद्वार के सेवा सदन स्कूल पर मतदान किया. इस दौरान जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि महाराज ने अपने साधु-संतों के साथ मतदान किया. इसके अलावा हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने मतदान किया. उन्होंने कहा कि देश में सरकार बनाने के लिए मतदान जरूरी है.
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