चतरा: झारखंड की चतरा लोकसभा सीट पर चल रही मतगणना में भाजपा को निर्णायक बढ़त के बाद कार्यकर्ताओं द्वारा जश्न मनाने का दौर शुरू हो गयी है. वहीं वोटिंग में खुद को पिछड़ता देख कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी बौखला गए.
अब तक आंकड़ों के मुताबिक करीब एक लाख 25 हजार मतों के साथ भाजपा उम्मीदवार कालीचरण सिंह ने बढ़त बनाई है. इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता जश्न में डूब गये, वहीं इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी मतगणना केंद्र पहुंचे. यहां पर बीजेपी की बढ़त देखकर काफी बौखला गये. यहां पर वे ड्यूटी पर तैनात डीएसपी मुख्यालय रोहित रजवार व जवानों से भी उलझ गये.
चतरा लोकसभा सीट पर बीजेपी की बढ़त पर पार्टी कार्यकर्ताओं के जश्न को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर फायरिंग का आरोप लगाया है. वहीं केएन त्रिपाठी ने इस मामले की शिकायत डीसी से की गयी है.
चतरा लोकसभा सीट का इतिहास
2019 लोकसभा चुनाव में भी चतरा सीट चर्चा में थी. इस बार भी यह सीट सुर्खियों में रहा. इस साल एनडीए की ओर से भाजपा ने सीटिंग सांसद सुनील सिंह का टिकट काटकर कालीचरण सिंह को मैदान में उतारा है. वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने डाल्टनगंज से कांग्रेस के विधायक रहे केएन त्रिपाठी को मौका दिया है. दोनों अगड़ी जाति के हैं लेकिन इसबार का चुनावी समीकरण बिल्कुल अलग नजर आया.
2004 में राजद ने जीती सीट
2004 के हुए लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल चतरा सीट पर कब्जा किया और धीरेंद्र अग्रवाल यहां से विजयी हुए. धीरेंद्र अग्रवाल को कुल 27.9 फ़ीसदी वोट मिले थे जबकि जनता दल यूनाइटेड के इंदर सिंह नामधारी को 23.6 फीसदी बोर्ड प्राप्त हुए थे. वहीं भारतीय जनता पार्टी के नागमणि को 22.9 फीसदी रिपोर्ट 2004 के लोकसभा चुनाव में मिले थे.
2009 में इंदर सिंह नामधारी हुए विजयी
2009 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े इंदर सिंह नामधारी यहां से विजयी हुए. इंदर सिंह नामधारी को कुल 22.9 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे. जबकि धीरज प्रसाद साहू जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से चुनाव लड़ा था इन्हें कुल 19.4 फीसदी वोट मिले. नागमणि ने फिर एक बार पार्टी बदलते हुए राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें कुल 14.5 फीसदी वोट ही मिले.
2014 में मोदी लहर का दिखा असर
2014 के लोकसभा चुनाव में चतरा लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार सिंह ने जीत दर्ज की. 2014 में भारतीय जनता पार्टी को कुल 41.5 फ़ीसदी वोट मिले थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 16.5 फ़ीसदी वोट प्राप्त हुए. झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक को 14.6 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे.
2019 में दिखा मोदी मैजिक
2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज की. भाजपा के सुनील कुमार सिंह ने 57 फ़ीसदी मत हासिल किए. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मनोज कुमार यादव को 16.02 फीसदी वोट मिले. राष्ट्रीय जनता दल के सुभाष प्रसाद यादव को 9 फीसदी वोट मिले. राष्ट्रीय जनता दल में सुभाष प्रसाद यादव का काफी तब दबा था. सुभाष प्रसाद यादव लालू यादव के करीबी रिश्तेदार थे, 2024 के लिए एक बार फिर चुनावी तैयारी शुरू हो गई है. अब देखना है कि इस बार छात्र की जनता किसके सिर पर जीत का सेहरा बांधती है.