करनाल: कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट से पंजाबी उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को चुनावी रण में उतारा है. दिव्यांशु बुद्धिराजा पंजाबी समाज से संबंध रखते हैं. इसके अलावा वो हरियाणा यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. दिव्यांशु के सामने चुनावी मैदान में बीजेपी उम्मीदवार और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल हैं. दिव्यांशु बुद्धिराजा को करनाल लोकसभा से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब करनाल लोकसभा के क्या समीकरण बन रहे हैं. किसका पलड़ा ज्यादा भारी दिखाई दे रहा है. राजनीतिक जानकारों ने इसपर अपनी राय रखी.
कौन हैं दिव्यांशु बुद्धिराजा? 31 वर्षीय दिव्यांशु बुद्धिराजा यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. जो पहले पंजाब विश्वविद्यालय के प्रधान भी रह चुके हैं और एनएसयूआई के नेता भी रहे हैं. छात्र संगठन में वो काफी लोकप्रिय युवा नेता रहे हैं. वो दीपेंद्र हुड्डा और राहुल गांधी के काफी नजदीकी बताए जाते हैं. माना जा रहा है कि इसी के चलते उनको कांग्रेस ने करनाल लोकसभा से प्रत्याशी बनाया गया है. दिव्यांशु बुद्धिराजा मूल रूप से गन्नौर के रहने वाले हैं. फिलहाल वो करनाल में रह रहे हैं. दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कांग्रेस के बैनर के तले बड़े प्रदर्शन भी किए हैं. जिसके चलते वो कई बार चर्चा के विषय भी बन रहे हैं.
पंजाबी वोट बैंक में लगेगी सेंध: दिव्यांशु बुद्धिराजा पंजाबी समाज से आते हैं. माना जा रहा है कि पंजाबी वोट बैंक को काटने के लिए कांग्रेस ने भी पंजाबी उम्मीदवार पर दांव खेला है. करनाल लोकसभा में सबसे ज्यादा वोट बैंक पंजाबी समुदाय का है. जिसके चलते पिछले दो लोकसभा चुनाव में पंजाबी समुदाय के उम्मीदवार यहां से सांसद चुने गए हैं. इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने पंजाबी समुदाय से आने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर दांव खेला है. इसी के चलते कांग्रेस पार्टी ने भी पंजाबी समुदाय से आने वाले दिव्यांशु बुद्धिराजा को करनाल लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है.
दिव्यांशु बुद्धिराजा को प्रत्याशी बनाने से कांग्रेस नेताओं में नाराजगी! माना जा रहा था कि करनाल लोकसभा से कांग्रेस पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के परिवार, वीरेंद्र राठौड़ या वरिंदर मराठा को प्रत्याशी बना सकती है. दिव्यांशु बुद्धिराजा का कहीं भी नाम चर्चा में नहीं था. अब स्थानीय नेताओं में इस बात की नाराजगी दिखाई दे रही है. कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट से एकदम से नया चेहरा भेज दिया गया. जिसका कोई खास राजनीतिक अनुभव भी नहीं है. इसके चलते कुछ नेताओं में नाराजगी भी दिखाई दे रही है.
क्या है राजनीतिक विशेषज्ञों की राय? वरिष्ठ पत्रकार रणदीप ने कहा कि इस बात का किसी को भी अनुमान नहीं था कि कांग्रेस पार्टी के द्वारा दिव्यांशु बुद्धिराजा को यहां से प्रत्याशी बनाया जाएगा. दिव्यांशु बुद्धिराजा अभी तक इतने परिपक्व नहीं हुए हैं कि वो लोकसभा चुनाव लड़ सकें. ऐसे में प्रतीत होता है कि यहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मनोहर लाल खट्टर भारी मतों से जीत हासिल करेंगे, राजनीतिक विशेषज्ञ का ये भी मानना है कि करनाल लोकसभा सीट पर खट्टर के सामने दिव्यांशु बुद्धिराजा को प्रत्याशी बनाना ये साबित करता है कि मनोहर लाल खट्टर के सामने कांग्रेस पार्टी आत्म समर्पण कर चुकी है.
उम्मीदवारों की लिस्ट लेट जारी करने पर भी कांग्रेस को नुकसान! राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दिव्यांशु बुद्धिराजा करनाल लोकसभा के लिए एक नए नेता हैं. वरिष्ठ पत्रकार विनोद ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के द्वारा हरियाणा में प्रत्याशी देरी से घोषित किए गए हैं. जिसके चलते एक कांग्रेस पार्टी को करनाल सहित पूरे हरियाणा में इसका नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि मनोहर लाल खट्टर सभी विधानसभाओं में अभी से अपनी दो दो बड़ी जनसभा कर चुके हैं. वहीं उनके बूथ स्तर पर भी कार्यकर्ता कम कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के द्वारा अभी से चुनाव प्रचार की शुरुआत भी नहीं की गई. जिसके चलते कांग्रेस पार्टी को इससे नुकसान भी हो सकता है.