शिमला: लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में नेताओं का पूरा ध्यान वोट रूपी धन पर रहता है. जहां-जहां थोक में वोट हो, वहां-वहां नेताओं का सिर खुद-ब-खुद झुक जाता है. यही कारण है कि चुनाव के समय नेता धार्मिक डेरों के मुखिया और मंदिरों में माथा टेकते नजर आते हैं. इस समय उत्तर भारत की प्रमुख धार्मिक संस्था डेरा बाबा जैमल सिंह ब्यास, जिसे राधा स्वामी सत्संग ब्यास (पंजाब) के नाम से भी पुकारा जाता है के मुखिया बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों हिमाचल के परौर कस्बे में आए हुए हैं. यहां सालाना सत्संग के कार्यक्रम होते हैं.
डेरा प्रमुख से मिलने पहुंचे भाजपा-कांग्रेस के नेता
डेरा प्रमुख के परौर में पहुंचते ही भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की उनसे मिलने की होड़ लग गई. भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सहित कांगड़ा से प्रत्याशी आनंद शर्मा, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, विक्रमादित्य सिंह, विनोद सुल्तानपुरी, भाजपा नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर सहित कई नेता उनसे मिलने परौर पहुंचे. इन सभी नेताओं ने बाबा गुरिंदर सिंह से मुलाकात कर फोटो खिंचवाई और फिर उन फोटोग्राफ्स को अपने सोशल मीडिया पन्नों पर प्रमुखता से पोस्ट किया. सभी ने लिखा कि बाबा से मिलकर उनका आशीष लिया. दरअसल, ये आशीष वोटों की लालसा में भी लिया जाता है.
हिमाचल पर की राजनीति में डेरा ब्यास का असर
उल्लेखनीय है कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास के हिमाचल में लाखों अनुयायी हैं. डेरा ब्यास के हिमाचल में सैकड़ों बड़े आश्रम यानी सत्संग घर हैं. डेरा ब्यास के पास हिमाचल में धार्मिक संस्थाओं में सबसे अधिक जमीन है. डेरा ब्यास की स्थापना बाबा जैमल सिंह ने की थी. उनके बाद बाबा सावन सिंह डेरा ब्यास के गुरु बने. बाबा सावन सिंह ने अपने जीवन में हिमाचल के कई दौरे किए. वे भोटा, परौर व कालू की बड़ सहित अन्य स्थानों पर सत्संग के लिए आते थे. उनके बाद बाबा जगत सिंह व बाबा चरण सिंह ने भी हिमाचल के दौरे जारी रखे. इस समय भोटा, शिमला, परौर, सोलन के रबौण सहित प्रदेश के कोने-कोने में डेरा के सत्संग घर हैं. एक अनुमान के अनुसार हिमाचल प्रदेश में डेरा ब्यास के दस लाख से अधिक श्रद्धालु हैं. ऐसे में ये एक बड़ा वोट बैंक भी है. यही कारण है कि डेरा ब्यास के प्रमुख का आशीर्वाद लेने के लिए नेताओं में होड़ मची रहती है. पंजाब व हरियाणा की राजनीति में भी डेरा प्रमुखों का हस्तक्षेप माना जाता है. डेरा के अनुयायियों की विशाल संख्या को देखते हुए सभी नेता उनके दर्शन के लिए जाते हैं.
सोशल मीडिया पर नेताओं ने साझा की तस्वीरें
हमीरपुर संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर ने परौर में जाकर बाबा के दर्शन किए. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा-श्री राधा स्वामी सत्संग ब्यास के डेरा प्रमुख श्रद्धेय महाराज जी का परौर कांगड़ा में उनके लाखों अनुयायियों के साथ स्नेह व आशीर्वाद मिला. अनुराग ने डेरा प्रमुख के साथ अपनी पांच फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की. इसके अलावा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कांग्रेस नेताओं संग परौर पहुंचकर बाबा के दर्शन किए. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ कांग्रेस नेता व कांगड़ा से चुनाव लड़ रहे आनंद शर्मा मौजूद थे. साथ ही विक्रमादित्य सिंह और विनोद सुल्तानपुरी भी पहुंचे थे. सीएम ने अपने आधिकारिक पन्ने पर लिखा-आज कांगड़ा से प्रत्याशी आनंद शर्मा जी, मंडी से विक्रमादित्य सिंह जी तथा शिमला से विनोद सुल्तानपुरी के साथ डेरा प्रमुख से मिलकर आशीर्वाद प्राप्त किया और सत्संग में भाग लिया. भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने भी बाबा से मुलाकात की तस्वीरें अपने पन्ने पर शेयर की. कांगड़ा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ राजीव भारद्वाज, सुलह से विधायक विपिन परमार व धर्मशाला से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे सुधीर शर्मा ने भी बाबा गुरिंदर सिंह से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया
पीएम मोदी भी करते हैं बाबा से मुलाकात
पीएम नरेंद्र मोदी भी अकसर डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह से मुलाकात करते हैं. पीएम ने डेरा ब्यास का दौरा भी किया है. केंद्र व राज्यों के बड़े नेता समय-समय पर डेरा प्रमुख से मुलाकात करते हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर के साथ कई बार बाबा के दर्शन किए हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश के नेता डेरा ब्यास जाकर बाबा का मार्गदर्शन लेते हैं. चूंकि हिमाचल में डेरा अनुयायियों की संख्या लाखों में है, लिहाजा सभी की नजरें इस वोट बैंक पर रहती हैं.
शक्तिपीठों में माथा टेक रहे नेता
इसके अलावा चुनाव लड़ रहे नेता हिमाचल के शक्तिपीठों के दर्शन कर माथा टेक रहे हैं. आनंद शर्मा ने ज्वालामुखी मंदिर में माथा टेका. इसी तरह अनुराग ठाकुर भी शक्तिपीठों में जाकर माथा टेक चुके हैं. मुकेश अग्निहोत्री ने मां नैना के दरबार में शीश झुकाया. कांगड़ा जिला में सबसे अधिक शक्तिपीठ हैं. समय मिलते ही नेता मंदिरों में पहुंच रहे हैं. चुनाव लड़ने वाले ज्वालामुखी मां, बगलामुखी मां, चामुंडा देवी, बज्रेश्वरी देवी आदि में दर्शन करते हैं. वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि चुनाव के समय धार्मिक संस्थाओं व मंदिरों में जाकर माथा टेकने का प्रचलन आरंभ से ही रहा है. पंजाब व हरियाणा की राजनीति में डेरों की भूमिका अब कोई छिपी बात नहीं है. कई बार तो डेरों से पार्टी विशेष के पक्ष में मतदान की प्रत्यक्ष व परोक्ष अपीलें भी होती हैं. हिमाचल में डेरा ब्यास के लाखों अनुयायी हैं. ऐसे में सभी दलों की नजर इस वोट बैंक पर रहती है.