नई दिल्ली/चंडीगढ़: सूत्रों के हवाले से खबर है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन (Congress AAP alliance in Haryana) कर सकती है. कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राहुल गांधी ने राज्य नेतृत्व को इस मामले में फीडबैक रिपोर्ट देने को कहा है. हालांकि राज्य का नेतृत्व गठबंधन से इंकार कर चुका है. फिर भी हाईकमान ने एक बार ग्राउंड पर चर्चा करने को कहा है.
हरियाणा में कांग्रेस AAP का गठबंधन! बता दें कि अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है. बताया जा रहा है कि इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रहा है. दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ सकती है. इसी को देखते हुए कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आप पार्टी से गठबंधन कर चार से पांच सीटें देने पर मंथन कर रही है.
हरियाणा में इंडी गठबंधन: सूत्रों के हवाले से खबर है कि हरियाणा में कांग्रेस गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी को 5 सीट दे सकती है, लेकिन आप पार्टी 20 सीट मांग रही है. जिसके चलते अभी कांग्रेस आप में गठबंधन पर सहमति नहीं बन पाई है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हरियाणा में इंडी गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी को पांच, समाजवादी पार्टी को एक और एक सीट सीपीआई (एम) को दे सकती है.
दिल्ली में कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक: खबर ये भी है कि कांग्रेस नेताओं ने हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन से इनकार किया है. कांग्रेसी नेताओं ने गठबंधन को जरूरी नहीं बताया. उन्होंने हाईकमान को 55 सीटों पर जीत का अनुमान जताया है. गठबंधन पर शाम को CEC की बैठक में चर्चा होगी. इसके बाद ही इस पर कोई फैसला हो सकता है.
गठबंधन के लिए बनी समिति: आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी से हरियाणा में गठबंधन के लिए कांग्रेस ने तीन सदस्यों की समिति बनाई है. स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन, हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसके सदस्य और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल सुपरवाइज बने हैं. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी को कांग्रेस 3 से 5 और सपा को 1 सीट देने के लिए तैयार है.
राहुल गांधी के निर्देश पर कांग्रेस, आप पार्टी और सपा के बीच औपचारिक बातचीत शुरू हो गई है. वेणुगोपाल और खड़गे पूरे मामले पर नजर रखेंगे. राहुल गांधी 4 सितंबर को जम्मू कश्मीर में प्रचार करेंगे और 5 को महाराष्ट्र दौरे पर रहेंगे. 6 और 7 सितंबर की रात को राहुल गांधी अमेरिका रवाना होंगे और 13 या 14 तारीख को वापस लौटेंगे. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी इंडिया गठबंधन का बड़ा दल होने के नाते राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता दिखाने के लिए पहल कर चुके हैं और इस बीच गठबंधन की बातचीत में जरूरत पड़ने पर अमेरिका से ऑनलाइन जुड़ेंगे.
#WATCH | Delhi: On Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi's reported statement regarding alliance for Haryana polls, AAP MP Sanjay Singh says, " we welcome it. our priority is to defeat the bjp... our haryana in-charge sandeep pathak and sushil gupta will discuss it and take a… pic.twitter.com/5pxvvf5KSp
— ANI (@ANI) September 3, 2024
गठबंधन के पक्ष में आप सांसद संजय सिंह: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हरियाणा चुनाव में गठबंधन के कथित बयान पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा "हम इसका स्वागत करते हैं. हमारी प्राथमिकता भाजपा को हराना है. हमारे हरियाणा प्रभारी संदीप पाठक और सुशील गुप्ता इस पर चर्चा करेंगे और अंतिम निर्णय लेंगे तथा अरविंद केजरीवाल को इस बारे में सूचित करेंगे और उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा."
राष्ट्रीय नेतृत्व लेगा फैसला: कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की खबर पर आप हरियाणा के अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा कि "गठबंधन हाईकमान का मामला है, अगर हाईकमान पूछेगा तो मैं उनके सामने अपनी बात रखूंगा. मेरा साफ मानना है कि आम आदमी पार्टी को गठबंधन में 4-5 सीटों पर राजी नहीं होना चाहिए. हमारा ध्यान सभी 90 सीटों पर है. लेकिन एक अनुशासित सिपाही होने के नाते हम अपने राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा लिए गए फैसले को स्वीकार करेंगे."
AAP Haryana President Sushil Gupta says, " alliance is a matter of the high command, if the high command asks, i will put my views before them. i clearly believe that aam aadmi party should not agree to 4-5 seats (in the alliance). our focus is on all 90 seats. but being a… pic.twitter.com/50Xadk2lnv
— ANI (@ANI) September 3, 2024
हरियाणा में कब होगा मतदान? बता दें कि हरियाणा में वोटिंग अब 1 की जगह 5 अक्टूबर को होगी. वहीं परिणाम 4 की जगह अब 8 अक्तूबर को आएगा. पहले इलेक्शन कमीशन ने हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोटिंग और 4 अक्तूबर को परिणाम जारी करने की घोषणा की थी, लेकिन बीजेपी और सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी कि लंबी छुट्टी की वजह से मतदान प्रतिशत कम हो सकता है. जिसे देखते हुए चुनाव आयोग ने तारीखों में बदलाव किया.