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अस्‍पतालों में भर्ती पर LG और सरकार के बीच टकराव!, मंत्री सौरभ भारद्वाज को LG ऑफिस ने बताया झूठा - RECRUITMENTS IN DELHI HOSPITALS

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 23, 2024, 8:44 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 9:10 PM IST

Delhi Hospitals Vacancies: द‍िल्‍ली के अस्‍पतालों में रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर उपराज्यपाल सचिवालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. एलजी सचिवालय की ओर से बयान जारी कर आरोप लगाया है क‍ि मंत्री सौरभ भारद्वाज झूठ बोल रहे हैं.

LG और सरकार के बीच टकराव!
LG और सरकार के बीच टकराव! (Etv Bharat)

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली के अस्‍पतालों और ड‍िस्‍पेंसरी आद‍ि में मेड‍िकल स्‍टॉफ की कम‍ियों के मामले को लेकर एलजी सच‍िवालय और केजरीवाल सरकार आमने-सामने हैं. उपराज्‍यपाल वीके सक्सेना की तरफ से इस मामले पर र‍िव्‍यू मीट‍िंग करने के बाद इसका ठीकरा दिल्ली सरकार पर फोड़ा गया था. इस पर पलटवार करते हुए हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी पर र‍िक्‍त‍ियां नहीं भरे जाने को लेकर गंभीर आरोप लगाया था.

अब इस मामले में फिर एलजी सचिवालय की ओर से बयान जारी कर आरोप लगाया गया है क‍ि मंत्री सौरभ भारद्वाज फिर झूठ बोल रहे हैं. लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उनके और उनके पूर्ववर्ती आप मंत्रियों के अधीन स्वास्थ्य विभाग ने 2019 में अस्पतालों के निर्माण को मंजूरी देने के बावजूद कभी भी 37,000 पद सृजित नहीं किए. इतना ही नहीं सेवाएं विभाग को भी इसको लेकर कोई पत्र व्‍यवहार नहीं क‍िया गया.

सच‍िवालय ने कहा है क‍ि पदों का सृजन संबंधित विभाग की ओर से प्रशासन‍िक सुधार विभाग, योजना विभाग और वित्त विभाग की कंसल्‍टेंसी से क‍िया जाता है. यह सभी मामले आम आदमी पार्टी सरकार के तहत स्थानांतरित विषय हैं. इन पदों का सृजन करने के बाद इनको भरने के लिए सेवाएं विभाग को भेजा जाता है. इस द‍िशा में अब तक पहला कदम भी नहीं उठाया गया है, जबकि इन अस्पतालों को 6 महीने से 1 साल के भीतर पूरा किया जाना था.

सौरभ भारद्वाज ने दिया जवाबः वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य सहायक स्टाफ की नियुक्ति करने का अधिकार उपराज्यपाल के अधीन आने वाले सर्विसेज विभाग का है. यदि अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. अन्य स्टाफ की कमी है तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर उपराज्यपाल की बनती है. दिल्ली सरकार का जो कार्य है अस्पताल बनाने का, अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध कराने का वह सभी काम दिल्ली सरकार बखूबी कर रही है. लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों व अन्य सहायक स्टाफ की नियुक्ति करने का कार्य उपराज्यपाल और उनके अधीन आने वाले सर्विसेज विभाग का है.

"आज जब उपराज्यपाल बैठक कर डाटा मीडिया के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं. ये हमारे लगातार प्रयासों और अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की कमी के संबंध में लगातार उपराज्यपाल को लिखे गए पत्रों का नतीजा है. उनको इस पद पर आसीन हुए 2 साल हो गए. दो साल में उन्होंने सर्विसेज विभाग की एक भी बैठक अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की कमी के संबंध में क्यों नहीं की? यह बैठक तो बहुत पहले ही हो जानी चाहिए थी." -सौरभ भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली सरकार

वहीं, एलजी सच‍िवालय की ओर से आरोप लगाया है क‍ि सरकार की द‍िलचस्‍पी वास्‍तव में मुद्दों के समाधान करने में नहीं है. सौरभ भारद्वाज स्पष्ट रूप से सरकार की प्रोस‍िजर एवं प्रोसेस से अनभिज्ञ हैं या जानबूझकर अपनी व‍िफलताओं को छुपाने को इस तरह के दोषारोपण कर रहे हैं. उपराज्‍यपाल सच‍िवालय की ओर से सौरभ भारद्वाज को सलाह दी है क‍ि उनके ल‍िए अच्छा होगा कि वे बेवजह की बयानबाजी करने के बजाय कम से कम अब खाली पदों की प्रक्रिया शुरू करें.

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली के अस्‍पतालों और ड‍िस्‍पेंसरी आद‍ि में मेड‍िकल स्‍टॉफ की कम‍ियों के मामले को लेकर एलजी सच‍िवालय और केजरीवाल सरकार आमने-सामने हैं. उपराज्‍यपाल वीके सक्सेना की तरफ से इस मामले पर र‍िव्‍यू मीट‍िंग करने के बाद इसका ठीकरा दिल्ली सरकार पर फोड़ा गया था. इस पर पलटवार करते हुए हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी पर र‍िक्‍त‍ियां नहीं भरे जाने को लेकर गंभीर आरोप लगाया था.

अब इस मामले में फिर एलजी सचिवालय की ओर से बयान जारी कर आरोप लगाया गया है क‍ि मंत्री सौरभ भारद्वाज फिर झूठ बोल रहे हैं. लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उनके और उनके पूर्ववर्ती आप मंत्रियों के अधीन स्वास्थ्य विभाग ने 2019 में अस्पतालों के निर्माण को मंजूरी देने के बावजूद कभी भी 37,000 पद सृजित नहीं किए. इतना ही नहीं सेवाएं विभाग को भी इसको लेकर कोई पत्र व्‍यवहार नहीं क‍िया गया.

सच‍िवालय ने कहा है क‍ि पदों का सृजन संबंधित विभाग की ओर से प्रशासन‍िक सुधार विभाग, योजना विभाग और वित्त विभाग की कंसल्‍टेंसी से क‍िया जाता है. यह सभी मामले आम आदमी पार्टी सरकार के तहत स्थानांतरित विषय हैं. इन पदों का सृजन करने के बाद इनको भरने के लिए सेवाएं विभाग को भेजा जाता है. इस द‍िशा में अब तक पहला कदम भी नहीं उठाया गया है, जबकि इन अस्पतालों को 6 महीने से 1 साल के भीतर पूरा किया जाना था.

सौरभ भारद्वाज ने दिया जवाबः वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य सहायक स्टाफ की नियुक्ति करने का अधिकार उपराज्यपाल के अधीन आने वाले सर्विसेज विभाग का है. यदि अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. अन्य स्टाफ की कमी है तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर उपराज्यपाल की बनती है. दिल्ली सरकार का जो कार्य है अस्पताल बनाने का, अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध कराने का वह सभी काम दिल्ली सरकार बखूबी कर रही है. लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों व अन्य सहायक स्टाफ की नियुक्ति करने का कार्य उपराज्यपाल और उनके अधीन आने वाले सर्विसेज विभाग का है.

"आज जब उपराज्यपाल बैठक कर डाटा मीडिया के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं. ये हमारे लगातार प्रयासों और अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की कमी के संबंध में लगातार उपराज्यपाल को लिखे गए पत्रों का नतीजा है. उनको इस पद पर आसीन हुए 2 साल हो गए. दो साल में उन्होंने सर्विसेज विभाग की एक भी बैठक अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की कमी के संबंध में क्यों नहीं की? यह बैठक तो बहुत पहले ही हो जानी चाहिए थी." -सौरभ भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली सरकार

वहीं, एलजी सच‍िवालय की ओर से आरोप लगाया है क‍ि सरकार की द‍िलचस्‍पी वास्‍तव में मुद्दों के समाधान करने में नहीं है. सौरभ भारद्वाज स्पष्ट रूप से सरकार की प्रोस‍िजर एवं प्रोसेस से अनभिज्ञ हैं या जानबूझकर अपनी व‍िफलताओं को छुपाने को इस तरह के दोषारोपण कर रहे हैं. उपराज्‍यपाल सच‍िवालय की ओर से सौरभ भारद्वाज को सलाह दी है क‍ि उनके ल‍िए अच्छा होगा कि वे बेवजह की बयानबाजी करने के बजाय कम से कम अब खाली पदों की प्रक्रिया शुरू करें.

Last Updated : Aug 23, 2024, 9:10 PM IST
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