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केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की शिकायत, फर्जी एससी प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप - Lok Sabha Elections 2024

भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल की चुनाव आयोग से शिकायत की गई है. आखिर पूरा मामला क्या है चलिए जानते हैं?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 18, 2024, 10:44 AM IST

आगराः आगरा (सुरक्षित) लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी मौजूदा सांसद केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की चुनाव आयोग से शिकायत हुई है. आरोप है कि अनुसूचित जाति के लिए आगरा (आरक्षित ) लोकसभा सीट से केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल का जाति प्रमाणपत्र फर्जी हैं. डॉ. अंबेडकर समाज सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष अनिल सोनी ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के जाति प्रमाण पत्र पर फिर सवाल खड़े किए हैं. इसके लिए उन्होंने बुधवार को आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी से शिकायत की है. जिसमें प्रमाण पत्र की जांच को जिला स्क्रूटनी कमेटी गठित करने की मांग की गई है.


बता दें कि प्रताप नगर स्थित अलका पुरी निवासी अनिल सोनी ने आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी से शिकायत की है. इसमें आरोप लगाया है कि एसपी सिंह बघेल पिछड़ा वर्ग से आते हैं. उन्होंने राजनैतिक प्रभाव का दुरुपयोग करके आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. गलत तथ्यों से उनका अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी हुआ है क्योंकि, जो व्यक्ति जन्म से पिछड़ा वर्ग की उपजाति पाल, बघेल गडरिया है. उन्होंने राजनैतिक पहुंच से तहसील कर्मचारी व अधिकारियों की सांठगांठ करके 4 फरवरी 2016 को धनगर लिखवाकर अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी कराया है. जारी प्रमाण पत्र पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के जिस निर्णय का जिक्र किया है. उसे स्वयं आयोग ने ही बाद में रिव्यू कर लिया था.


शिकायतकर्ता ने ये आरोप लगाया
शिकायतकर्ता अनिल सोनी का आरोप है कि भाजपा के मौजूदा सांसद एसपी सिंह बघेल ने 4 अगस्त 1975 को 11 वीं कक्षा में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विजावर, जिला छतरपुर मध्य प्रदेश से शिक्षा ग्रहण की. तब छात्र रजिस्टर में उनकी जन्मतिथि 21 जून 1960 दर्ज है. इसके साथ ही उनकी जाति के कॉलेज में ठाकुर दर्ज है. इसके साथ ही 10वीं कक्षा की पढ़ाई अशोक एचएसएस विद्यालय से की तब भी छात्र रजिस्टर में भी यही उल्लेख है. जबकि, 2015-16 में एसपी सिंह बघेल ने आगरा कॉलेज के सैन्य विभाग में प्रोफेसर की नौकरी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पद पर प्राप्त की. एसपी सिंह पिछड़ा वर्ग से आते हैं. उन्होंने कूटरचित तरीके से राजनैतिक रसूख का इस्तेमाल करके सन 2016 में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया है.


अब तक 38 प्रमाणपत्र कराए निरस्त
शिकायतकर्ता अनिल सोनी ने मंडलायुक्त को बताया कि मैं अभी तक धनगर के नाम से बने 38 अनुसूचित जाति के प्रमाणपत्र निरस्त करा चुका हूं. अनुसूचित जाति धनगड़ है जबकि, एसपी सिंह के प्रमाणपत्र पर धनगर दर्ज है. दोनों की अंग्रेजी स्पेलिंग एक जैसी है. मगर, हिंदी में नाम अलग हैं. इस बारे में शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारी आगरा को जांच को आदेश दिए हैं.

एसपी सिंह बघेल बोले, पहले भी झूठी पाई गई शिकायत
भाजपा प्रत्याशी व केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल बताते हैं कि, 10 साल से ऐसे ही शिकायत हो रही है. जबकि, मैं दो बार चुनाव लड़ चुका हूं. इसमें एक बार टूंडला विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत कर यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बना. इसके बाद 2019 में आगरा सुरक्षित सीट से चुनाव लडा तब भी शिकायत हुई थी. पहले भी इस तरह की शिकायतें की गई थीं. जो झूठी पाई गईं. इतना ही नहीं, तहसीलदार ने प्रमाणपत्र बनाया था. जिसके खिलाफ डीएम की कमेटी में शिकायत की गई. जिसमें प्रमाणपत्र सही पाया गया. फिर कमिश्नर से शिकायत की गई है.

ये भी पढ़ेंः चुनावी रण से यूपी के राजघराने गायब, जानिए क्यों राजनीतिक दलों ने मुंह फेरा?

आगराः आगरा (सुरक्षित) लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी मौजूदा सांसद केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की चुनाव आयोग से शिकायत हुई है. आरोप है कि अनुसूचित जाति के लिए आगरा (आरक्षित ) लोकसभा सीट से केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल का जाति प्रमाणपत्र फर्जी हैं. डॉ. अंबेडकर समाज सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष अनिल सोनी ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के जाति प्रमाण पत्र पर फिर सवाल खड़े किए हैं. इसके लिए उन्होंने बुधवार को आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी से शिकायत की है. जिसमें प्रमाण पत्र की जांच को जिला स्क्रूटनी कमेटी गठित करने की मांग की गई है.


बता दें कि प्रताप नगर स्थित अलका पुरी निवासी अनिल सोनी ने आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी से शिकायत की है. इसमें आरोप लगाया है कि एसपी सिंह बघेल पिछड़ा वर्ग से आते हैं. उन्होंने राजनैतिक प्रभाव का दुरुपयोग करके आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. गलत तथ्यों से उनका अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी हुआ है क्योंकि, जो व्यक्ति जन्म से पिछड़ा वर्ग की उपजाति पाल, बघेल गडरिया है. उन्होंने राजनैतिक पहुंच से तहसील कर्मचारी व अधिकारियों की सांठगांठ करके 4 फरवरी 2016 को धनगर लिखवाकर अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी कराया है. जारी प्रमाण पत्र पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के जिस निर्णय का जिक्र किया है. उसे स्वयं आयोग ने ही बाद में रिव्यू कर लिया था.


शिकायतकर्ता ने ये आरोप लगाया
शिकायतकर्ता अनिल सोनी का आरोप है कि भाजपा के मौजूदा सांसद एसपी सिंह बघेल ने 4 अगस्त 1975 को 11 वीं कक्षा में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विजावर, जिला छतरपुर मध्य प्रदेश से शिक्षा ग्रहण की. तब छात्र रजिस्टर में उनकी जन्मतिथि 21 जून 1960 दर्ज है. इसके साथ ही उनकी जाति के कॉलेज में ठाकुर दर्ज है. इसके साथ ही 10वीं कक्षा की पढ़ाई अशोक एचएसएस विद्यालय से की तब भी छात्र रजिस्टर में भी यही उल्लेख है. जबकि, 2015-16 में एसपी सिंह बघेल ने आगरा कॉलेज के सैन्य विभाग में प्रोफेसर की नौकरी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पद पर प्राप्त की. एसपी सिंह पिछड़ा वर्ग से आते हैं. उन्होंने कूटरचित तरीके से राजनैतिक रसूख का इस्तेमाल करके सन 2016 में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया है.


अब तक 38 प्रमाणपत्र कराए निरस्त
शिकायतकर्ता अनिल सोनी ने मंडलायुक्त को बताया कि मैं अभी तक धनगर के नाम से बने 38 अनुसूचित जाति के प्रमाणपत्र निरस्त करा चुका हूं. अनुसूचित जाति धनगड़ है जबकि, एसपी सिंह के प्रमाणपत्र पर धनगर दर्ज है. दोनों की अंग्रेजी स्पेलिंग एक जैसी है. मगर, हिंदी में नाम अलग हैं. इस बारे में शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारी आगरा को जांच को आदेश दिए हैं.

एसपी सिंह बघेल बोले, पहले भी झूठी पाई गई शिकायत
भाजपा प्रत्याशी व केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल बताते हैं कि, 10 साल से ऐसे ही शिकायत हो रही है. जबकि, मैं दो बार चुनाव लड़ चुका हूं. इसमें एक बार टूंडला विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत कर यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बना. इसके बाद 2019 में आगरा सुरक्षित सीट से चुनाव लडा तब भी शिकायत हुई थी. पहले भी इस तरह की शिकायतें की गई थीं. जो झूठी पाई गईं. इतना ही नहीं, तहसीलदार ने प्रमाणपत्र बनाया था. जिसके खिलाफ डीएम की कमेटी में शिकायत की गई. जिसमें प्रमाणपत्र सही पाया गया. फिर कमिश्नर से शिकायत की गई है.

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