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क्या आप जानते हैं- बिजली की समस्याएं तय समय में हल न हो तो मांग सकते हैं मुआवजा, बस इस नंबर पर करें कॉल - Electricity department schemes

क्या आप जानते हैं कि समय पर बिजली से संबंधित शिकायतों का समाधान तय समय में नहीं होने पर मुआवजा मिलता है. अगर नहीं पता है, तो यह खबर आपके लिए है और भविष्य में जरूरत पड़ सकती है.

बिजली विभाग से कैसे पाएं मुआवजा.
बिजली विभाग से कैसे पाएं मुआवजा. (Photo Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 14, 2024, 7:05 PM IST

Updated : Jun 15, 2024, 2:11 PM IST

उपभोक्ता परिषद के के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने दी जानकारी. (Video Credit; Etv Bharat)

लखनऊ: विद्युत नियामक आयोग विनियामवली-2019 के अनुसार उपभोक्ताओं को नए कनेक्शन सम्बन्धी, खराब मीटर बदलवाने, बिल ठीक कराने, आपूर्ति में बाधा दूर करने, अस्थाई कनेक्शन लेने, भार वृद्धि कराने, खराब वोल्टेज मिलने जैसी शिकायतों को दूर करने के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है. समय सीमा में उपभोक्ताओं को सेवा न मिलने पर उन्हें मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है. उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा कानून तो लागू कर रखा है लेकिन आज तक उपभोक्ताओं को मिला एक धेला भी नहीं है. 23 तरह की शिकायतों पर मुआवजा मिलने का प्रावधान होने पर उपभोक्ताओं के क्लेम के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं मिल रहा है.

विद्युत नियामक आयोग विनियामवली
विद्युत नियामक आयोग विनियामवली (Photo Credit; Etv Bharat)
2023 में लागू किया गया था मुआवजा कानूनउत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने मई 2023 में उपभोक्ताओं की क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा कानून लागू किया था. एक साल से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी किसी भी उपभोक्ता को मुआवजा नहीं मिला है. विभागीय अधिकारी बताते हैं कि प्रदेश में किसी एक उपभोक्ता का मुआवजे का हक बना है, उसे मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि अभी तक मुआवजे को लेकर कितने उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है, इसकी भी जानकारी अधिकारियों को नहीं है. उपभोक्ता मुआवजे के हकदार नहीं बन पा रहे हैं, इसके पीछे बड़ी वजह पावर कारपोरेशन के नियम व शर्तें माने जा सकते हैं. मुआवजे के लिए प्रक्रिया काफी जटिल है, जिसके चलते उपभोक्ता मुआवजा के लिए सोच भी नहीं पा रहे हैं. अगर उपभोक्ता बकाएदार है तो मुआवजे की व्यवस्था से ही बाहर है. बड़ी संख्या में उपभोक्ता मंथली बिल जमा नहीं करते हैं. तमाम उपभोक्ता तो ऐसे हैं जो सालों बिल नहीं जमा करते हैं. ऐसे में मुआवजे का हकदार होने से पहले ही बाहर हो जा रहे हैं. मुआवजे के प्रति उपभोक्ताओं में विभाग की तरफ से कोई जागरूकता न पैदा करना भी मुआवजा न मिलने का बड़ा कारण है.
पॉवर कारपोरेशन की तरफ से कनेक्शन की जो अवधि निर्धारित की गई है, उस अवधि में अगर उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है तो तत्काल उन्हें मुआवजे के लिए क्लेम करना चाहिए. अन्य कई मामलों में मुआवजा का प्रावधान किया गया है, लेकिन विभाग ने प्रक्रिया इतनी जटिल बनाई है जिससे लोग मुआवजा मांग ही न पाएं. 19 12 पर शिकायत करने के बाद झूठ ही शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाता है. जिससे मुआवजा देना ही न पड़े. यही वजह है कि लोगों को मुआवजा नहीं मिल रहा है. -अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष- उपभोक्ता परिषद


मुआवजा पाने की ये है प्रक्रिया
मुआवजे की इस व्यवस्था में ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को कस्टमर केयर सेन्टर के टोल फ्री नंबर 1912 के माध्यम से आवेदन करना व क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है. इस व्यवस्था के तहत किसी भी समस्या व सेवा के लिए उपभोक्ता को टोल फ्री नम्बर पर अपनी शिकायत पंजीकृत कराना होता है. तय समय सीमा के अन्तर्गत सेवा प्राप्त न होने पर वह फिर से टोल फ्री नम्बर पर क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए आवेदन करेगा, जिसके बाद उसे एक नम्बर आवंटित किया जाता है और उसका क्षतिपूर्ति का दावा सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता वितरण खण्ड के पास ऑनलाइन माध्यम से पहुंच जाता है. पड़ताल के बाद दावा सही होने पर क्षतिपूर्ति की राशि उपभोक्ता के आगामी बिल में समयोजित कर दिए जाने का नियम है, जो अलग से बिल पर दिखने की व्यवस्था है. दावा किये जाने की तिथि से एक माह तक उपभोक्ता का कोई बकाया होने पर क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिलेगी. इस नियमावली के लागू हो जाने के बाद तय अवधि में बिजली सम्बन्धी समस्या के दूर न होने पर उपभोक्ता बिजली कम्पनियों से मुआवजा ले सकेंगे.


60 दिनों में मुआवजा मिलने का प्रावधान
उपभोक्ता अपनी शिकायत बिजली कम्पनियों के कस्टमर केयर सेन्टर में या टोल फ्री नम्बर 1912 पर करेगा और अगर तय समय में समस्या दूर नहीं होती है तो उपभोक्ता को टोल फ्री नम्बर 1912 के माध्यम से मुआवजे की मांग भी करनी पड़ेगी. बिजली सम्बन्धी किसी भी सेवा में कमी के सम्बन्ध में तय मुआवजा अधिकतम 60 दिनों में उपभोक्ता को प्राप्त होने का प्रावधान है. किसी भी उपभोक्ता को वित्तीय वर्ष में दी गयी फिक्स डिमांड चार्ज का अधिकतम 30 प्रतिशत मुआवजा प्राप्त होगा.

इसे भी पढ़ें-UP में बिजली की डिमांड और सप्लाई का बना रिकॉर्ड, 29,820 मेगावाट तक पहुंची मांग

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जो उपभोक्ता बकाया न हो वही मुआवजे का हकदार होता है. मध्यांचल में मुश्किल से 10 से 12 परसेंट उपभोक्ता हैं, जो हर माह नियमित रूप से बिजली के बिल का भुगतान करते हैं. लगभग 40% ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने साल में एक बार भी बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया. इनके अलावा लगभग 25% ऐसे हैं, जिन्होंने पूरे साल में एक या दो बार बिजली के बिल का भुगतान किया. ऐसे में इस तरह के उपभोक्ता पहले ही मुआवजे के हक से बाहर हो गए. जो उपभोक्ता मुआवजे के दायरे में आएंगे, उन्हें मुआवजा मिलेगा. भवानी सिंह खंगारौत, प्रबंध निदेशक-मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड

उपभोक्ता परिषद के के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने दी जानकारी. (Video Credit; Etv Bharat)

लखनऊ: विद्युत नियामक आयोग विनियामवली-2019 के अनुसार उपभोक्ताओं को नए कनेक्शन सम्बन्धी, खराब मीटर बदलवाने, बिल ठीक कराने, आपूर्ति में बाधा दूर करने, अस्थाई कनेक्शन लेने, भार वृद्धि कराने, खराब वोल्टेज मिलने जैसी शिकायतों को दूर करने के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है. समय सीमा में उपभोक्ताओं को सेवा न मिलने पर उन्हें मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है. उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा कानून तो लागू कर रखा है लेकिन आज तक उपभोक्ताओं को मिला एक धेला भी नहीं है. 23 तरह की शिकायतों पर मुआवजा मिलने का प्रावधान होने पर उपभोक्ताओं के क्लेम के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं मिल रहा है.

विद्युत नियामक आयोग विनियामवली
विद्युत नियामक आयोग विनियामवली (Photo Credit; Etv Bharat)
2023 में लागू किया गया था मुआवजा कानूनउत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने मई 2023 में उपभोक्ताओं की क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा कानून लागू किया था. एक साल से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी किसी भी उपभोक्ता को मुआवजा नहीं मिला है. विभागीय अधिकारी बताते हैं कि प्रदेश में किसी एक उपभोक्ता का मुआवजे का हक बना है, उसे मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि अभी तक मुआवजे को लेकर कितने उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है, इसकी भी जानकारी अधिकारियों को नहीं है. उपभोक्ता मुआवजे के हकदार नहीं बन पा रहे हैं, इसके पीछे बड़ी वजह पावर कारपोरेशन के नियम व शर्तें माने जा सकते हैं. मुआवजे के लिए प्रक्रिया काफी जटिल है, जिसके चलते उपभोक्ता मुआवजा के लिए सोच भी नहीं पा रहे हैं. अगर उपभोक्ता बकाएदार है तो मुआवजे की व्यवस्था से ही बाहर है. बड़ी संख्या में उपभोक्ता मंथली बिल जमा नहीं करते हैं. तमाम उपभोक्ता तो ऐसे हैं जो सालों बिल नहीं जमा करते हैं. ऐसे में मुआवजे का हकदार होने से पहले ही बाहर हो जा रहे हैं. मुआवजे के प्रति उपभोक्ताओं में विभाग की तरफ से कोई जागरूकता न पैदा करना भी मुआवजा न मिलने का बड़ा कारण है.
पॉवर कारपोरेशन की तरफ से कनेक्शन की जो अवधि निर्धारित की गई है, उस अवधि में अगर उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है तो तत्काल उन्हें मुआवजे के लिए क्लेम करना चाहिए. अन्य कई मामलों में मुआवजा का प्रावधान किया गया है, लेकिन विभाग ने प्रक्रिया इतनी जटिल बनाई है जिससे लोग मुआवजा मांग ही न पाएं. 19 12 पर शिकायत करने के बाद झूठ ही शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाता है. जिससे मुआवजा देना ही न पड़े. यही वजह है कि लोगों को मुआवजा नहीं मिल रहा है. -अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष- उपभोक्ता परिषद


मुआवजा पाने की ये है प्रक्रिया
मुआवजे की इस व्यवस्था में ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को कस्टमर केयर सेन्टर के टोल फ्री नंबर 1912 के माध्यम से आवेदन करना व क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है. इस व्यवस्था के तहत किसी भी समस्या व सेवा के लिए उपभोक्ता को टोल फ्री नम्बर पर अपनी शिकायत पंजीकृत कराना होता है. तय समय सीमा के अन्तर्गत सेवा प्राप्त न होने पर वह फिर से टोल फ्री नम्बर पर क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए आवेदन करेगा, जिसके बाद उसे एक नम्बर आवंटित किया जाता है और उसका क्षतिपूर्ति का दावा सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता वितरण खण्ड के पास ऑनलाइन माध्यम से पहुंच जाता है. पड़ताल के बाद दावा सही होने पर क्षतिपूर्ति की राशि उपभोक्ता के आगामी बिल में समयोजित कर दिए जाने का नियम है, जो अलग से बिल पर दिखने की व्यवस्था है. दावा किये जाने की तिथि से एक माह तक उपभोक्ता का कोई बकाया होने पर क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिलेगी. इस नियमावली के लागू हो जाने के बाद तय अवधि में बिजली सम्बन्धी समस्या के दूर न होने पर उपभोक्ता बिजली कम्पनियों से मुआवजा ले सकेंगे.


60 दिनों में मुआवजा मिलने का प्रावधान
उपभोक्ता अपनी शिकायत बिजली कम्पनियों के कस्टमर केयर सेन्टर में या टोल फ्री नम्बर 1912 पर करेगा और अगर तय समय में समस्या दूर नहीं होती है तो उपभोक्ता को टोल फ्री नम्बर 1912 के माध्यम से मुआवजे की मांग भी करनी पड़ेगी. बिजली सम्बन्धी किसी भी सेवा में कमी के सम्बन्ध में तय मुआवजा अधिकतम 60 दिनों में उपभोक्ता को प्राप्त होने का प्रावधान है. किसी भी उपभोक्ता को वित्तीय वर्ष में दी गयी फिक्स डिमांड चार्ज का अधिकतम 30 प्रतिशत मुआवजा प्राप्त होगा.

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जो उपभोक्ता बकाया न हो वही मुआवजे का हकदार होता है. मध्यांचल में मुश्किल से 10 से 12 परसेंट उपभोक्ता हैं, जो हर माह नियमित रूप से बिजली के बिल का भुगतान करते हैं. लगभग 40% ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने साल में एक बार भी बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया. इनके अलावा लगभग 25% ऐसे हैं, जिन्होंने पूरे साल में एक या दो बार बिजली के बिल का भुगतान किया. ऐसे में इस तरह के उपभोक्ता पहले ही मुआवजे के हक से बाहर हो गए. जो उपभोक्ता मुआवजे के दायरे में आएंगे, उन्हें मुआवजा मिलेगा. भवानी सिंह खंगारौत, प्रबंध निदेशक-मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड

Last Updated : Jun 15, 2024, 2:11 PM IST
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