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गाय के गोबर से बने रंग-बिरंगे दीपक घरों और धार्मिक स्थलों की बढ़ाएंगे शोभा, 51000 दीपक भेजे गए अयोध्या

भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह देखा जा रहा है. देशभर में इसे दीवाली के रूप में मनाया जाएगा, दीपोत्सव को लेकर गोबर से बने दीपकों की काफी डिमांड हो रही है. अब तक गाय के गोबर से बने 50 लाख दीपक वितरित हो चुके हैं.

गाय के गोबर से बने रंग-बिरंगे दीपक
गाय के गोबर से बने रंग-बिरंगे दीपक
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 21, 2024, 10:27 PM IST

Updated : Jan 23, 2024, 3:42 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. सोमवार को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह देखा जा रहा है. देशभर में इसे दीवाली के रूप में मनाया जाएगा. इस अवसर पर राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर में सभी मंदिर और धार्मिक स्थलों की विशेष सजावट की गई है. लोग अपने घरों की भी सजावट कर रहे हैं. धार्मिक स्थलों के साथ ही घर-घर में दीपोत्सव मनाया जाएगा. दीपोत्सव को लेकर गोबर से बने दीपकों की काफी डिमांड हो रही है. गाय के गोबर से बने रंग-बिरंगे सुंदर दीपक घर, मंदिर और धार्मिक स्थलों की शोभा बढ़ाएंगे.

50 लाख दीपक वितरित : भारतीय गौशाला सहयोग परिषद संरक्षक डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि गौ माता के गोबर से बने दीपकों काफी पसंद किया जा रहा है. गौ माता के गोबर की डिमांड काफी बढ़ चुकी है. हर धार्मिक और व्यापारिक संस्थाओं के लोग गौ माता के गोबर से बने दीपकों की मांग कर रहे हैं. गौ माता के गोबर से बने दीपकों के व्यवसायीकरण को लेकर पूरे प्रदेश में काम किया जा रहा है. 22 जनवरी को दीपोत्सव मनाया जाएगा. गौ माता के गोबर से बने दीपक खरीदे जा रहे हैं. पिछले 7 वर्षों से गौ माता के गोबर से बने दीपकों का व्यवसाय को बढ़ाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर की सभी गौशालाओं से गाय के गोबर के 50 लाख दीपक बनकर वितरित हो चुके हैं. करीब 2 लाख दीपक जयपुर की पिंजरापोल गौशाला से वितरित हो चुके हैं. करीब 51000 गोबर के दीपक अयोध्या भेजे गए हैं.

इसे भी पढ़ें-रामलला प्राण प्रतिष्ठा: कल देश में मनाई जाएगी फिर से दीपावली, मिट्टी के दियों सहित बढ़ी आतिशबाजी की डिमांड

गोबर से बने दीपकों की कीमत 2 से 3 रुपए : डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि 22 जनवरी के बाद भी गाय के गोबर से दीपक बनकर वितरित करने का यह कार्य जारी रहेगा. आने वाले समय में प्रत्येक मंदिर और धार्मिक स्थलों पर गोबर के दीपकों से ही दीप जलाए जाएंगे. गाय के गोबर से अनेक प्रकार के दीपकों का निर्माण किया जा रहा है. गाय के गोबर से बने दीपक 2 से 3 रुपए कीमत में मिल रहे हैं, वहीं कुछ कलरफुल दीपक 10 रुपये तक के बेचे जा रहे हैं.

ये दीपक बार-बार उपयोग में लिए जा सकते हैं : डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि कभी नहीं खराब होने वाले रंग-बिरंगे दीपक घर, मंदिर और धार्मिक स्थलों की शोभा बढ़ाते हैं. गाय के गोबर से बने दीपक बार-बार उपयोग में लिए जा सकते हैं. रोजगार की दृष्टि से राम राज्य की सही संरचना का स्वरूप गौशालाओं के माध्यम से देखा जा रहा है. इस व्यवसाय से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी काफी खुश हैं.

इस तरह बनाए जाते हैं गोबर के दीपक : दीपक बनाने में गाय के गोबर का 80 प्रतिशत हिस्सा होता है. गोबर को सुखाने के बाद पाउडर बनाया जाता है. पाउडर बनने के बाद उसमें 20 प्रतिशत काली मिट्टी का मिश्रण तैयार करके, उसका पाउडर मिक्स किया जाता है. जटामासी समेत कुछ अन्य चीजों का मिश्रण किया जाता है, इसके बाद हाथ के सांचे और मशीन के उपयोग से दीपकों का निर्माण किया जाता है. अगर सही धूप है, तो 24 घंटे में दीपक सूख कर तैयार हो जाते हैं. अगर धूप नहीं है, तो 48 घंटे में सुखाकर दीपक तैयार किए जाते हैं. दीपक तैयार होने के बाद उसमें कलर किया जाता है.

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. सोमवार को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह देखा जा रहा है. देशभर में इसे दीवाली के रूप में मनाया जाएगा. इस अवसर पर राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर में सभी मंदिर और धार्मिक स्थलों की विशेष सजावट की गई है. लोग अपने घरों की भी सजावट कर रहे हैं. धार्मिक स्थलों के साथ ही घर-घर में दीपोत्सव मनाया जाएगा. दीपोत्सव को लेकर गोबर से बने दीपकों की काफी डिमांड हो रही है. गाय के गोबर से बने रंग-बिरंगे सुंदर दीपक घर, मंदिर और धार्मिक स्थलों की शोभा बढ़ाएंगे.

50 लाख दीपक वितरित : भारतीय गौशाला सहयोग परिषद संरक्षक डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि गौ माता के गोबर से बने दीपकों काफी पसंद किया जा रहा है. गौ माता के गोबर की डिमांड काफी बढ़ चुकी है. हर धार्मिक और व्यापारिक संस्थाओं के लोग गौ माता के गोबर से बने दीपकों की मांग कर रहे हैं. गौ माता के गोबर से बने दीपकों के व्यवसायीकरण को लेकर पूरे प्रदेश में काम किया जा रहा है. 22 जनवरी को दीपोत्सव मनाया जाएगा. गौ माता के गोबर से बने दीपक खरीदे जा रहे हैं. पिछले 7 वर्षों से गौ माता के गोबर से बने दीपकों का व्यवसाय को बढ़ाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर की सभी गौशालाओं से गाय के गोबर के 50 लाख दीपक बनकर वितरित हो चुके हैं. करीब 2 लाख दीपक जयपुर की पिंजरापोल गौशाला से वितरित हो चुके हैं. करीब 51000 गोबर के दीपक अयोध्या भेजे गए हैं.

इसे भी पढ़ें-रामलला प्राण प्रतिष्ठा: कल देश में मनाई जाएगी फिर से दीपावली, मिट्टी के दियों सहित बढ़ी आतिशबाजी की डिमांड

गोबर से बने दीपकों की कीमत 2 से 3 रुपए : डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि 22 जनवरी के बाद भी गाय के गोबर से दीपक बनकर वितरित करने का यह कार्य जारी रहेगा. आने वाले समय में प्रत्येक मंदिर और धार्मिक स्थलों पर गोबर के दीपकों से ही दीप जलाए जाएंगे. गाय के गोबर से अनेक प्रकार के दीपकों का निर्माण किया जा रहा है. गाय के गोबर से बने दीपक 2 से 3 रुपए कीमत में मिल रहे हैं, वहीं कुछ कलरफुल दीपक 10 रुपये तक के बेचे जा रहे हैं.

ये दीपक बार-बार उपयोग में लिए जा सकते हैं : डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि कभी नहीं खराब होने वाले रंग-बिरंगे दीपक घर, मंदिर और धार्मिक स्थलों की शोभा बढ़ाते हैं. गाय के गोबर से बने दीपक बार-बार उपयोग में लिए जा सकते हैं. रोजगार की दृष्टि से राम राज्य की सही संरचना का स्वरूप गौशालाओं के माध्यम से देखा जा रहा है. इस व्यवसाय से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी काफी खुश हैं.

इस तरह बनाए जाते हैं गोबर के दीपक : दीपक बनाने में गाय के गोबर का 80 प्रतिशत हिस्सा होता है. गोबर को सुखाने के बाद पाउडर बनाया जाता है. पाउडर बनने के बाद उसमें 20 प्रतिशत काली मिट्टी का मिश्रण तैयार करके, उसका पाउडर मिक्स किया जाता है. जटामासी समेत कुछ अन्य चीजों का मिश्रण किया जाता है, इसके बाद हाथ के सांचे और मशीन के उपयोग से दीपकों का निर्माण किया जाता है. अगर सही धूप है, तो 24 घंटे में दीपक सूख कर तैयार हो जाते हैं. अगर धूप नहीं है, तो 48 घंटे में सुखाकर दीपक तैयार किए जाते हैं. दीपक तैयार होने के बाद उसमें कलर किया जाता है.

Last Updated : Jan 23, 2024, 3:42 PM IST
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