अयोध्या: रामसेवकपुरम कार्यशाला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को श्री रामनाथ स्वामी मंदिर के महाकुंभाभिषेक व प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया. दक्षिण भारत शैली के मंदिर के शिखर पर कलश की स्थापना के बाद नवस्थापित महादेव के शिवलिंग का पूजन कर सीएम योगी ने प्रदक्षिणा भी की. सीएम योगी ने रामनाथ स्वामी मंदिर की स्थापना को एक भारत, श्रेष्ठ भारत के संकल्प को समृद्ध करने वाला प्रयास बताया.
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या धाम और तमिलनाडु का विशेष रिश्ता है. ये हजारों वर्षों की परंपरा है. हजारों वर्ष पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जब श्रीलंका में माता सीता की खोज के लिए निकले थे तो तमिलनाडु के रामेश्वरम में सेतु बंधन के पश्चात अपने आराध्य भगवान शिव की अराधना की थी.सीएम योगी ने कहा कि संपूर्ण भारत एक है. इस संकल्प के साथ आध्यात्मिक चेतना बढ़ रही है. मौजूदा प्रयास भी इसमें एक कड़ी है. कहा कि हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के पीएम मोदी के कार्यक्रम हो ही आगे बढ़ा रहे हैं. कहा कि भारत उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से लेकर पश्चिम तक एक रहा है. हमारे शास्त्र व धर्मस्थल इस बात के प्रमाण हैं. सरकारें अलग-अलग रही हों, मगर भारत के संतों की परंपरा ने मजबूती प्रदान की है.
सीएम योगी ने वाराणसी में आयोजित होने वाले काशी तमिल संगमम् का उदाहरण देते हुए कहा कि काशी में तमिल संगमम् के दो संस्करण पूर्ण हो चुके हैंं. काशी के बाद आज अय्या जी के कारण अयोध्या धाम भी तमिलनाडु से जुड़ चुका है. आगे कहा कि एक ओर आरएसएस व विश्व हिंदू परिषद द्वारा राष्ट्र जोड़ने का कार्य हो रहा है, वहीं कुछ लोग ओछी राजनीति के लिए देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में मंदिर स्थापना का यह कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को प्रशस्त करता है. अय्या जी भारत की एकात्मता के लिए वही कार्य कर रहे हैं जो तमिलनाडु से निकले एक संन्यासी ने सैंकड़ों वर्षों पहले पूरे सनातन धर्म को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया था.
सीएम योगी ने कहा कि अब प्रभु श्रीराम का पूरा भव्य मंदिर बनने में ज्यादा देर नहीं होने वाली है. मंदिर निर्माण को पूर्ण करने के सभी कार्य तीव्र गति से जारी है जिसके लिए मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय, गोपाल राय व अन्य पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं. सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या धाम एक नई गति के साथ दुनिया की सबसे आध्यात्मिक और सुंदरतम नगरी के रूप में स्थापित होकर पूरे सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक नई प्रेरणा और प्रकाश का केंद्र बिंदु बनकर उभरेगा.
भैया जी जोशी बोले- इतिहास रचा जा रहा: राम मंदिर निर्माण के बाद रामसेवकपुरम में श्री रामनाथन शिव मंदिर की स्थापना उत्तर और दक्षिण भारत के धार्मिक-राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अहम मानी जा रही है. इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे भैया जी जोशी ने दक्षिण भारत से आए लोगों से मुलाकात की और शिव मंदिर में पूजन किया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह सर कार्यवाह भैया जी जोशी ने कहा कि इतिहास रचा जा रहा है. वर्षों के बाद राम का मंदिर यहां बना है. कहा कि अयोध्या में दक्षित भारत और उत्तर भारत को जोड़ने का काम हुआ है. इसके माध्यम भगवान शिव और राम बने हैं. भारत में परिवर्तन की लहर प्रारम्भ हो गई है. कहा कि
दक्षिण भारत में भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना की थी. राम मंदिर के पास में ही ऐसा शिव मंदिर चाहिए था. इसी कल्पना को लेकर दक्षिण भारत के एक भक्त ने इसका संकल्प लिया और राम जन्मभूमि न्यास ने यह भूमि उपलब्ध कराई. आज यहां पर एक सुंदर मंदिर का निर्माण हुआ है.
कहा कि यह एक धार्मिक कार्यक्रम है. आस्था और श्रद्धा का कार्यक्रम है. भगवान शिव के हम सभी आराधक हैं. कहा कि यहां पर शैव और रामानंद संप्रदाय का एकत्रित दर्शन है और यहां पर बनाया मंदिर एक संदेश देने वाला है कि दोनों संप्रदाय एक ही हैं. मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत के लोगों द्वारा किया गया है और वहां से 1500 से अधिक भक्त भी आए हैं. कहा कि कि यह दक्षिण और उत्तर को जोड़ने का बहुत साधन होगा.
इस मौके पर विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज ने कहा कि यह एक दक्षिण शैली में बना मंदिर है, जो कि भगवान शिव को समर्पित है. इसकी प्राण प्रतिष्ठा मुख्यमंत्री द्वारा हो रही है. भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना कर बहुत बड़ा कार्य किया था. गंगा जल रामेश्वरम मंदिर में चढ़ता है, यह भारत की एकाकमिता है. यह मंदिर भारत की एकता को सुदृण करेगा. कहा कि मंदिर में एक पुजारी दक्षिण परंपरा के होंगे.