लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से वीआईपी कल्चर खत्म करने का फरमान जारी किया तो अब परिवहन विभाग सक्रिय हो गया है. मल्टी कलर लाइट (लाल-नीली बत्ती) और हूटर के लिए एक समिति गठित हुई है. समिति ने किन-किन विभागों के अधिकारियों को मल्टी कलर लाइट और हूटर की अनुमति होगी, उस पर मुहर लगा दी है.
समिति की तरफ से यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. जल्द ही मुख्य सचिव के साथ बैठक होगी, उसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने "ईटीवी भारत" संवाददाता को बताया कि अब वही वाहन मल्टी कलर लाइट के हकदार होंगे, जिन्हें परिवहन विभाग स्टीकर जारी करेगा. जिन वाहनों पर स्टीकर नहीं होगा, उन पर मल्टी कलर लाइट नहीं लग सकती. अगर किसी ने मल्टी कलर लाइट लगाई और वाहन पर स्टीकर नहीं है तो उसे अवैध माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी.
तमाम विभागों के अधिकारी रौब गाठने के लिए अपने निजी वाहनों पर भी मल्टी कलर लाइट और हूटर लगा लेते हैं जबकि यह अनुमन्य नहीं है. अब एक बार फिर वीआईपी कल्चर पर मुख्यमंत्री ने शिकंजा कसा है. परिवहन विभाग ने जिन विभागों के अधिकारियों को मल्टी कलर लाइट और हूटर लगाने की अनुमति होगी उनकी सूची तैयार कर ली है.
परिवहन विभाग ने कमेटी गठित कर बाकायदा किस विभाग के किस अधिकारी को इस श्रेणी में रखा जा सकता है, इस पर अपनी सहमति देकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. समिति ने सरकारी वाहनों पर एक स्टीकर लगाने का फैसला लिया है. इस स्टीकर के जरिए ही संबंधित गाड़ी नंबर को मल्टी कलर लाइट लगाने की अनुमति होगी.
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश भर में तकरीबन 25000 सरकारी वाहनों पर मल्टी कलर लाइट और स्टीकर लगाए जाएंगे. किसी तरह की प्राकृतिक या मानवीय आपदा के लिए फायर कंट्रोल को मल्टी कलर लाइट लगाने की अनुमति होगी. मानवीय आपदा जैसे दंगा आदि हो जाता है तो इसमें लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है लिहाजा, मल्टी कलर लाइट लगाने की अनुमति पुलिस को होगी.
इसके अलावा क्योंकि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट प्रवर्तन का हिस्सा होता है और किसी भी तरह की दैवीय या मानवीय आपदा के समय उसका काम बढ़ जाता है, इसलिए मजिस्ट्रेट के रूप में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट से लेकर जिला मजिस्ट्रेट तक को मल्टी कलर लाइट लगाने की अनुमति होगी. हूटर भी लगा सकते हैं.
इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. हालांकि यह फैसला लिया गया है कि मल्टी कलर लाइट लगाने में किसी तरह की धोखाधड़ी न हो इसलिए परिवहन विभाग की तरफ से संबंधित विभागों को उनके वाहनों के लिए स्टीकर दिए जाएंगे.
परिवहन विभाग के सूत्रों ने बताया कि वन विभाग के अधिकारी अब बत्ती वन प्रक्षेत्र में तैनाती के दौरान ही लगा सकेंगे. इसके बाहर के क्षेत्र में वे मल्टी कलर लाइट का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. उन्हें यह अधिकार नहीं होगा.
जहां तक बात स्टीकर की है तो सिक्योरिटी फीचर वाले स्टीकर लगाए जाएंगे. स्टीकर में वाहन की पूरी डिटेल दर्ज होगी. सभी स्टीकर सिक्योरिटी से लैस होंगे. जिन वाहनों को स्टीकर जारी किए जाएंगे उन्हें परिवहन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और इसमें सर्च का विकल्प दिया जाएगा, जिससे वाहन का नंबर डालते ही पूरी डिटेल आ जाएगी. पता चल जाएगा कि वाहन में जो मल्टी कलर लाइट लगी है क्या संबंधित वाहन उसके लिए अधिकृत है.
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट पर कोई भी पदनाम लिखने की अनुमति बिल्कुल नहीं होगी. नंबर प्लेट बिल्कुल साफ सुथरी रखनी होगी. विंडस्क्रीन पर विभाग या अफसर के पद का नाम लिखा जा सकता है. इसके अलावा कंपनी की तरफ से वाहनों के शीशे पर जो फिल्म लगकर आएगी, सिर्फ वही लगाई जा सकेगी. इसके अलावा किसी भी सरकारी वाहन पर अलग से फिल्म नहीं लगाई जा सकेगी. अगर ऐसा होगा तो फिर चालान के दायरे में आएगा.
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह का कहना है कि कमेटी ने प्रस्ताव बनाकर शासन भेज दिया है. अब इस पर मुख्य सचिव का फैसला अंतिम होगा. बैठक करके वही निर्णय लेंगे.
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