गोरखपुर: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में मिली बड़ी हार की समीक्षा हर स्तर पर हो रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव परिणाम की समीक्षा करने में खुद जुटे हुए हैं. भाजपा संगठन हो या योगी आदित्यनाथ उन्हें इस बात की जानकारी हो चुकी है कि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पार्टी के हार की मुख्य वजह है. भाजपा संगठन की तरफ से अभी कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान को लेकर भले ही कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहा हो, लेकिन सीएम योगी चुनाव परिणाम और मोदी सरकार के गठन के बाद दो बार गोरखपुर का दौरा कर चुके हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी चुनाव परिणाम के बाद योगी आदित्यनाथ की तरफ से इस तरह का सहभोज दिया गया है.
कार्यकर्ता बोले-सम्मान ही चाहिए, टिकट तो वैसे ही बीजेपी बाहरियों को देती है
गोरखनाथ मंदिर परिसर के अंदर सहभोज में कार्यकर्ताओं को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष से लेकर सांसद और विधायक पूरे मनोयोग से भोजन परोसते देखे जा रहे हैं. यही नहीं लोग इसको अपने फेसबुक पेज पर शेयर करते हुए खुशी भी जाता रहे हैं. कुछ लोगों का नाम न छापने की शर्त पर साफ तौर पर कहना है कि कार्यकर्ताओं ने अपना वजूद इस लोकसभा चुनाव परिणाम के साथ बड़े नेताओं को एहसास कराया है. थाने से लेकर तहसील तक कार्यकर्ता प्रताड़ित और अपमानित होते थे. यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बखूबी पता चला है. इसलिए वह कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें सम्मानित कर रहे हैं. इसके साथ ही आगामी विधान सभा चुनाव 2027 के लिए कार्यकर्ताओं से अभी से जुट जाने को बोले हैं. सहभोज से निकलने के बाद कार्यकर्ताओं का कहना था कि उन्हें सम्मान ही चाहिए, टिकट तो वैसे ही बीजेपी ज्यादातर बाहरियों को दे दे रही है. अब सम्मान भी नहीं मिलेगा तो फिर किस बात संगठन और किस बात की परिणाम की चिंता.
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने के लिए सीएम योगी कर रहे अपील
सहभोज के आयोजन में पहले दिन गोरखपुर महानगर और जिला के पदाधिकारी के साथ शहर में निवास करने वाले पार्टी के प्रांतीय और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी को 15 जून को भोजन कराया गया. इसी दिन सहजनवा और गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा के भी पार्टी के बूथ और मंडल लेवल के उन जिम्मेदार कार्यकर्ताओं का भोज हुआ, जो चुनाव में बड़ी भूमिका निभाने के लिए जिम्मेदारी पाए थे. सीएम योगी ने इन्हे संबोधित भी किया और 2027 के चुनाव के लिए जुट जाने का संदेश भी दिया. इस दिन गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह, सहजनवा के विधायक प्रदीप शुक्ला, पार्टी के जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष,एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह समेत जैसे तमाम बड़े पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं को अपने हाथों से भोजन परोसते देखे गए. जिनकी फोटो वायरल हो रही है. वहीं योगी ने जब अपना दूसरा दौरा अभी 25 जून को किया तो भी कैंपियरगंज, पिपराइच विधान सभा के कार्यकर्ताओं के साथ उनकी बैठक हुई और सहभोज हुआ. फिर वही 2027 विधानसभा चुनाव के लिए सभी को डट जाने के लिए योगी ने कहा गया. इस आयोजन में भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, कोषाध्यक्ष पुष्पदंत जैन पिपराइच के विधायक महेंद्र पाल सिंह समेत कई सौ लोग शामिल हुए.
जब से योगी मुख्यमंत्री बने हैं, यूपी में भाजपा की हो रही दुर्गतिः सुनील सिंह
योगी आदित्यनाथ के एक समय में हनुमान की भूमिका निभाने वाले और हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सपा नेता सुनील सिंह सहभोज पर बड़ा बयान दिया है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जबसे प्रदेश की सत्ता संभाली है, बीजेपी को हर चुनाव में लगातार नुकसान ही उठाना पड़ रहा है. यह बीजेपी और योगी को लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 के बाद क्यों दिखाई और एहसास हो रहा है. जबकि पिछले 7 वर्षों से यह जारी है.
सुनील सिंह ने कहा कि जब योगी मुख्यमंत्री बने तो भाजपा प्रदेश में 340 सीट जीतकर लाई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पास प्रदेश में 72 सीट थी. लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जब 2019 का लोकसभा चुनाव हुआ तो भाजपा यूपी में 61 ही सीट जीत पाई. 2022 के विधान सभा चुनाव में तो स्थिति बेहद ही उलट गई. भाजपा सवा दो सौ सीटों पर सिमट गई. समाजवादी पार्टी का ग्राफ 42 से 142 तक पहुंच गया.
उन्होंने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव तो योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा को को उत्तर प्रदेश की पहली नंबर से दूसरे नंबर की पार्टी बनने पर मजबूर कर दिया. भाजपा को करारी सिकस्त योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी को मिली है. योगी के नेतृत्व में ही कार्यकर्ताओं को थाने से लेकर तहसील हर जगह अपमानित किया जाता है. कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों की कोई पूछ नहीं होती. क्योंकि मुख्यमंत्री ने इन कार्यकर्ताओं पर अधिकारियों से नजर रखने का काम करते थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी अभी नहीं समझी तो 2027 के विधानसभा चुनाव में उसका और भी बुरा हाल होगा. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी को पीछे धकेलते हुए समाजवादी पार्टी सत्ता पर काबिज होगी.
सुनील सिंह ने कहा कि आज कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर उनकी पूछ हो रही है. क्या पता जब यह फिर सत्ता पर सवार हों तो बीजेपी के यही कार्यकर्ता फिर थानेदारों और अधिकारियों द्वारा पीड़ित किये जाए. इसलिए कार्यकर्ताओं को अपने स्वाभिमान पर जीना चाहिए. सहभोज और दुलार उनके लिए कोई मायने नहीं रखता.
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