महराजगंज: अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर महराजगंज जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशीलता की मिसाल देखने को मिली.फरेंदा तहसील के बृजमनगंज ब्लॉक के कोल्हुई कस्बे की 4 वर्षीय मासूम रौली कसौधन, जो जन्म से ही सुन और बोल नहीं पाती थी, दिव्यांग सशक्तीकरण योजना के तहत उसे नया जीवनदान मिला है. परिवार ने रौली के इलाज के लिए कई अस्पतालों के चक्कर लगाए. लेकिन, छह लाख रुपये से अधिक की लागत होने के कारण आर्थिक तंगी ने उनके प्रयासों को रोक दिया. ऐसे में जिला प्रशासन और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने रौली के इलाज का जिम्मा उठाया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने महराजगंज दौरे के दौरान बच्ची की सर्जरी को स्वीकृति दी थी. गोरखपुर के राजदीप ईएनटी अस्पताल में रौली का सफल कॉक्लियर इम्प्लांट ऑपरेशन कराया गया. साथ ही, दो वर्षों तक स्पीच थेरेपी का खर्च भी सरकार उठाएगी. मुख्यमंत्री ने रौली और उसकी मां को प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें प्रोत्साहित किया.अब रौली के सुनने और बोलने की क्षमता वापस लौट रही है, जिससे पूरा परिवार खुशी से झूम उठा है. रौली के पिता राजू कसौधन ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया. यह योजना दिव्यांग बच्चों के लिए एक नई आशा की किरण बनकर उभरी है.
डीएम अनुनय झा ने बताया, कि कल तीन दिसंबर कल 3 दिसंबर 2024 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस का आयोजन मनाया जा रहा है. इसी क्रम में हमारे जनपद के कोल्हुई निवासी रोली कसौधन पुत्र राजू कसौधन की पुत्री है. वह जन्म से सुन नहीं पती थी और दिव्यांग सशक्तीकरण योजना के तहत इनका कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी करवाया गया. जिसमें 6 से 7 लाख खर्च हुआ. इसका पूरा खर्चा सरकार ने किया हैं. यह प्यारी रोली अब सुन पा रही है. अब यह एक नॉर्मल जीवन लीड कर पा रही है. आप सभी जनपद वासियों से निवेदन है, कि जिनके घर में पांच वर्षों से कम बालक या बालिका है. जो जन्म से सुन नहीं पा रहे हैं उनका जरूर पंजीकरण दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में करवाएं. ताकि हम उनका कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी करवाया सके. और एक नई जीवन जीने की ऊर्जा दे पाए.
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