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'सरकार गांव के द्वार' के तहत टिक्कर पहुंचे सीएम सुक्खू, लोगों के साथ आग सेकते हुए सुनी जनसमस्याएं - CM SUKHU VISIT TIKKAR VILLAGE

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार को कुपवी तहसील के टिक्कर गांव पहुंचे. जहां उन्होंने रात गुजारी और लोगों की समस्याएं सुनी.

CM Sukhu visit Tikkar Village
टिक्कर गांव में लोगों के साथ आग सेकते सीएम सुक्खू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

शिमला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साधारण जीवन शैली और जनता से जुड़ाव ने लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली है. सीएम के सादगी भरे जीवन की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. प्रदेश सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री दुर्गम क्षेत्रों में जाकर लोगों के साथ सीधा संवाद कर रहे हैं. सर्दियों के इस मौसम में सीएम खुले आसमान के नीचे लोगों के साथ आग सेकते हुए नजर आए. जनता के बीच बैठकर ही आम लोगों के साथ खाना खाया.

शिमला जिले के तहत अति दुर्गम क्षेत्र डोडरा क्वार में लोगों के बीच रात बिताने वाले पहले मुख्यमंत्री बने. उसके बाद सीएम सुक्खू शुक्रवार को ‘सरकार गांव के द्वार’ के तहत जिला शिमला के चौपाल उपमंडल की कुपवी तहसील के टिक्कर गांव पहुंचे. यहां उन्होंने लोगों के बीच आसमान के नीचे बैठकर लोगों के साथ आग सेंकी. वहीं, सीएम सुक्खू का टिक्कर वासियों ने ग्रामीण परिपाटी से जोरदार स्वागत किया. शाम ढलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने घर-द्वार पर पाकर ग्रामवासी सर्द मौसम में भी गर्मजोशी से विभोर हो गए.

CM Sukhu visit Tikkar Village
टिक्कर गांव में लोगों के साथ बैठे सीएम सुक्खू (ETV Bharat)

महिलाओं और बुजुर्गों के साथ किया संवाद

टिक्कर में राह चलते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं से संवाद किया. इस दौरान ग्राम वासियों ने अपनी समस्याओं के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया. मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को लोगों की समस्याओं के समाधान करने के दिशा-निर्देश जारी किए. इसके बाद मुख्यमंत्री कुपवी के टिक्कर गांव निवासी हरि सिंह के घर पहुंचे. हरि सिंह ने ग्रामीण परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया. उनके घर पर अलाव सेंकते-सेंकते मुख्यमंत्री ने ग्राम वासियों से क्षेत्र में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था की भी जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण लहजे में संवाद कर यह जानने कोशिश की कि लोगों को यहां किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खासतौर पर सर्दियों के मौसम में किन जनसेवाओं में व्यवधान आता है. लोग भी बिना संकोच खुले मन से अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखते रहे. सीएम ने भी गौर से बातों को सुनते हुए लोगों की समस्याओं को करीब से जानने का प्रयास किया.

लोगों से लिया फीडबैक

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में भी खुलकर बात की. लोगों से फीडबैक भी लिया. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार तहसील और उप-तहसील स्तर पर विशेष राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर सालों से लंबित राजस्व मामलों का समयबद्ध समाधान किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कानून में संशोधन कर तकसीम और दुरूस्ती के मामलों का निपटारा करने की समयावधि नौ महीने, निशानदेही के मामलों की तीन महीने और इंतकाल के मामलों की अवधि एक महीना निर्धारित की है. मुख्यमंत्री ने दूध पर एमएसपी, मक्की और गेहूं की खरीद सहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बताया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्राम वासियों से स्थानीय लोक संस्कृति, रीति-रिवाजों, व्यंजनों सहित अनेक विषयों पर भी बातचीत की. उन्होंने लोक संगीत की मधुर स्वर लहरियों और स्थानीय व्यंजनों का भी आनंद लिया.

टिक्कर निवासी संतोष कुमार ने कहा, "मुख्यमंत्री हमारे घर द्वार आएंगे ऐसी तो हमने कल्पना भी नहीं की थी. आज तो मानो कई कहावतें गलत साबित हो रही हैं. शासन-प्रशासन ने हमारे गांव आकर हमारे दुःख तकलीफ को जाना और समाधान भी किया."

टिक्कर निवासी लायक राम ने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जुनूनी व्यक्ति हैं, वरना वो इतनी दूर से हमारे गांव क्यों आते. यही व्यवस्था परिवर्तन है. सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने कुपवी में रात्रि को ठहराव किया और आम आदमी के घर द्वार आए. इससे पहले वह डोडरा-क्वार में भी सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत रात्रि को रूके थे और लोगों के घर द्वार जाकर उनकी समस्याओं का समाधान किया था."

ये भी पढ़ें: हिमाचल में लाखों महिलाओं के खाते में आएंगे ₹1500, सुक्खू सरकार करने जा रही नियम में बड़ा बदलाव

शिमला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साधारण जीवन शैली और जनता से जुड़ाव ने लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली है. सीएम के सादगी भरे जीवन की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. प्रदेश सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री दुर्गम क्षेत्रों में जाकर लोगों के साथ सीधा संवाद कर रहे हैं. सर्दियों के इस मौसम में सीएम खुले आसमान के नीचे लोगों के साथ आग सेकते हुए नजर आए. जनता के बीच बैठकर ही आम लोगों के साथ खाना खाया.

शिमला जिले के तहत अति दुर्गम क्षेत्र डोडरा क्वार में लोगों के बीच रात बिताने वाले पहले मुख्यमंत्री बने. उसके बाद सीएम सुक्खू शुक्रवार को ‘सरकार गांव के द्वार’ के तहत जिला शिमला के चौपाल उपमंडल की कुपवी तहसील के टिक्कर गांव पहुंचे. यहां उन्होंने लोगों के बीच आसमान के नीचे बैठकर लोगों के साथ आग सेंकी. वहीं, सीएम सुक्खू का टिक्कर वासियों ने ग्रामीण परिपाटी से जोरदार स्वागत किया. शाम ढलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने घर-द्वार पर पाकर ग्रामवासी सर्द मौसम में भी गर्मजोशी से विभोर हो गए.

CM Sukhu visit Tikkar Village
टिक्कर गांव में लोगों के साथ बैठे सीएम सुक्खू (ETV Bharat)

महिलाओं और बुजुर्गों के साथ किया संवाद

टिक्कर में राह चलते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं से संवाद किया. इस दौरान ग्राम वासियों ने अपनी समस्याओं के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया. मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को लोगों की समस्याओं के समाधान करने के दिशा-निर्देश जारी किए. इसके बाद मुख्यमंत्री कुपवी के टिक्कर गांव निवासी हरि सिंह के घर पहुंचे. हरि सिंह ने ग्रामीण परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया. उनके घर पर अलाव सेंकते-सेंकते मुख्यमंत्री ने ग्राम वासियों से क्षेत्र में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था की भी जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण लहजे में संवाद कर यह जानने कोशिश की कि लोगों को यहां किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खासतौर पर सर्दियों के मौसम में किन जनसेवाओं में व्यवधान आता है. लोग भी बिना संकोच खुले मन से अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखते रहे. सीएम ने भी गौर से बातों को सुनते हुए लोगों की समस्याओं को करीब से जानने का प्रयास किया.

लोगों से लिया फीडबैक

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में भी खुलकर बात की. लोगों से फीडबैक भी लिया. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार तहसील और उप-तहसील स्तर पर विशेष राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर सालों से लंबित राजस्व मामलों का समयबद्ध समाधान किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कानून में संशोधन कर तकसीम और दुरूस्ती के मामलों का निपटारा करने की समयावधि नौ महीने, निशानदेही के मामलों की तीन महीने और इंतकाल के मामलों की अवधि एक महीना निर्धारित की है. मुख्यमंत्री ने दूध पर एमएसपी, मक्की और गेहूं की खरीद सहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बताया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्राम वासियों से स्थानीय लोक संस्कृति, रीति-रिवाजों, व्यंजनों सहित अनेक विषयों पर भी बातचीत की. उन्होंने लोक संगीत की मधुर स्वर लहरियों और स्थानीय व्यंजनों का भी आनंद लिया.

टिक्कर निवासी संतोष कुमार ने कहा, "मुख्यमंत्री हमारे घर द्वार आएंगे ऐसी तो हमने कल्पना भी नहीं की थी. आज तो मानो कई कहावतें गलत साबित हो रही हैं. शासन-प्रशासन ने हमारे गांव आकर हमारे दुःख तकलीफ को जाना और समाधान भी किया."

टिक्कर निवासी लायक राम ने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जुनूनी व्यक्ति हैं, वरना वो इतनी दूर से हमारे गांव क्यों आते. यही व्यवस्था परिवर्तन है. सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने कुपवी में रात्रि को ठहराव किया और आम आदमी के घर द्वार आए. इससे पहले वह डोडरा-क्वार में भी सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत रात्रि को रूके थे और लोगों के घर द्वार जाकर उनकी समस्याओं का समाधान किया था."

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